शनिवार, 12 मई 2018

वाहनों को ई-मोड पर लाने की तैयारी में सरकार



भारत में फ्रांस के साथ मिलकर ग्रीन ट्रकों का होगा निर्माण
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने की दिशा में देश की परिवहन व्यवस्था को ई-मोड पर लाने की तैयारी में जुटी केंद्र सरकार ने देश के कुछ शहरों में ई-बसों के संचालन शुरू करने की योजना बनाई है, वहीं वायु प्रदूषण को कम करने की मुहिम में केंद्र सरकार ने फ्रांस की एफएम लॉजिस्टिक नामक कंपनी से करार किया है, जो भारत में ग्रीण ट्रकों को निर्माण करेगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश में ई-रिक्शाओं के बाद इलेक्ट्रिक कारें और बसें पायलट परियोजना के रूप में सड़कों पर उतारी हैं। अब मोदी सरकार का लक्ष्य ट्रांसपोर्ट वाहनों को इलेक्ट्रिक मोड़ पर लाया जाए। मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार इसके लिए पहले ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने फ्रांस की इलेक्ट्रिक वाहनों की निर्माण कंपनी के साथ निवेश संबन्धी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। केंद्र सरकार ने देश में 2030 तक सभी वाहनों का ई-वाहनों में तब्दील करने का लक्ष्य रखा है। मंत्रालय के अधिकारी की माने तो देश में फ्रेंच कंपनी एफएम लॉजिस्टिक्स ग्रीन ट्रकों के निर्माण करने के लिए तैयार है और उम्मीद है कि पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में यह कंपनी देश के कार्गो ट्रांसपोर्टेशन के साथ इलेक्ट्रिक ट्रकों के निर्माण की शुरूआत करेगी। हालांकि ग्रीन ट्रकों के निर्माण करने की इस योजना में कई साल लग सकते हैं, लेकिन देश में इस काम के लिए पायलट प्रोजेक्ट अगले साल शुरू कर दिया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार इस कंपनी ने हाल ही में मल्टी कस्टमर वेयरहाउस भिवंडी(महाराष्ट्र) में खोला है और इसके बाद वे दिल्ली के पास भी इसे शुरू करने की तैयारी में है। गौरतलब है कि देश में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कई शहरों में ई-बसें यानि ग्रीन बसों को चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार का प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रयास है कि देश में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रक वाहनों का सड़कों पर उतारा जाए।
ग्रीन ट्रांसपोर्ट समय की मांग
केंद्र सरकार का ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन सड़क पर लाने और प्राइवेट वाहनों की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया देने की तैयारी में है। इसमें सरकार प्रदूषण के स्तर को न्यूनतम करने के प्रयास में बाहर से आयातित पेट्रोल-डीजल में भी कमी करने का प्रयास कर रही है। इस दिशा में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देश में प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने के लिए ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन और ग्रीन लॉजिस्टिक्स की दिशा में कई परियोजनाओं को पटरी पर उतारा है, जिसमें उनकी परिवहन व्यवस्था को इलेक्ट्रिक मोड पर लाना प्राथमिकता है। गडकरी लगातार दोहरा रहे हैं कि भारत को ग्रीन एनर्जी को अपनाने की जरूरत है, जिसमें ईंधन की भी बचत होगी और प्रदूषण में कमी आएगी। मंत्रालय के अनुसार कई राज्यों की राजधानी में प्रयोगात्मक तौर पर ग्रीन बसों को चलाया जा रहा है।
वाहन कंपनियों का फोकस
देश में पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भारतीय वाहन निर्माता कंपनियों ने भी ई-वाहन के निर्माण पर फोकस करना शुरू कर दिया है। इसमें दो, तीन और चौपहिया वाहन भी शामिल हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ो पर ही गौर की जाए तो चालू वर्ष के पहले महीने जनवरी में ही 3160 ई-वाहनों की बिक्री हुई। जबकि इससे पहले वर्ष 2017 में 55,467 ई-वाहनों को सडकों पर उतारा गया। जिनका आंकड़ा वर्ष 2016 में 39,651 ई वाहनों का था। मंत्रालय के अनुसार देशभर में सड़कों पर उतारे जा रहे ई-वाहनों में एक तिहाई हिस्सा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का है। इसका कारण इलेक्ट्रिक बसें या अन्य पर्यावरण के अनुकूल होती हैं।
12May-2018

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