सोमवार, 21 मई 2018

छग में नक्सलियों से मुकाबले का तैयार ‘बस्तरीया बटालियन’


सीआरपीएफ के बस्तरिया बटालियन की आज होगी पासआउट परेड
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र की मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ जैसे नक्सल प्रभावित राज्य में नक्सलियों की नाक में नकेल डालने के लिए सीआपीएफ की महिला जवानों की बस्तरिया बटालियन तैयार है, जिसकी पासिंग आउट परेड कल सोमवार को होगी, जिसकी सलामी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह लेंगे।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सीआरपीएफ की 'बस्तरिया बटालियन' छत्तीसगढ़ में एंटी नक्सल ऑपरेशन (एएनओ) के लिए तैयार है। सीआरपीएफ की ‘बस्तरिया बटालियन’ की 543 जवानों की पहली खेप में 189 महिला जवान भी शामिल हैं। हालांकि अधिकारियों और जवानों समेत बटालियन में 743 कर्मचारी शामिल हैं। इन युवाओं को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ने ही खास प्रशिक्षण दिया है। फुलप्रूफ ट्रेनिंग के बाद पासिंग आउट परेड के बाद यह बटालियन नक्सल मोर्चे पर उतार दी जाएगी। बटालियन की इस पहली खेप के 543 जवानों की पासिंग आउट परेड कल 21 मई सोमवार को अंबिकापुर स्थित सीआरपीएफ कैंप में होगी, जिसकी सलामी केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह लेंगे। मंत्रालय के अनुसार इस बटालियन को खासतौर से बस्तर, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में तैनात किया जा रहा है, जहां सबसे ज्यादा नक्सली हमले हो रहे हैं। अब लगभग एक साल के कठोर प्रशिक्षण और अपनी खुद की मिट्टी के भू-स्थानिक अनुभव के इतने सालों के साथ सशस्त्र, सीआरपीएफ के इन लड़ाकू तैयार जवान प्रशिक्षण मैदान से बाहर आकर युद्ध के मैदान में कूदने के लिए लिए तैयार हैं।
नक्सलियों की मांद तक होगा वार
मंत्रालय के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य में ‘नागा बटालियन’ की तर्ज पर ‘बस्तरिया बटालियन’ बनाने का सुझाव दिया था, जिसे केंद्रीय गृहमंत्रालय ने मार्च 2016 में स्वीकार करते हुए भर्ती प्रकिया शुरू कर दी थी और यह विशेष बटालियन एक अप्रैल 2017 को अस्तित्व में आ गई, जिसमें 743 संख्या के आकार में 189 महिलाओं समेत 534 जवान शामिल हैं और नक्सलियों के गुरिल्लावार का मुकाबला करने के मकसद से उन्हें खास प्रशिक्षण दिया गया है। खास बात ये है कि इस बटालियन में अविभाजित बस्तर के सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर जिले के युवाओं को भर्ती किया गया है, जिन्हें हथियार चलाने, मानचित्र पढ़ना, पुलिस कानून, बिना शस्त्र के लड़ाई से लेकर जंगल वारफार के साथ गुरिल्ला युद्ध, छद्म, भूमि से बाहर रहना और व्यापार की उन सभी चालें समझने जैसे प्रशिक्षण भी शामिल है। देश में अर्द्धसैनिक बल की यह पहली और एक अलग तरह की ऐसी बटालियन गठित की गई है, जो नक्सलियों की मांद में घुसकर उनका मुकाबला करने में सक्षम होगी। इस बटालियन की एक विशेषता यह भी है कि इसमें सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण की नीति को आकार दिया गया है।
21May-2018
 


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