बुधवार, 3 अगस्त 2016

आर्थिक सुधारों की कसौटी पर होगा जीएसटी!

आम आदमी की जेब पर पड़ेगा कानून का असर
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
आखिर बुधवार को बहुचर्चित वस्तु व सेवाकर (जीएसटी) विधेयक में संशोधनों पर राज्यसभा में होने वाली चर्चा पर पूरे देश की नजर होगी। सरकार को जीएसटी पारित कराकर इसे देश में आर्थिक सुधारों की कसौटी पर कसने की चुनौती होगी। मसलन जीएसटी लागू होने से आम आदमी की जेबों पर नफे-नुकसान के रूप में असर पड़ना तय है।
देश में वस्तु और सेवाकर में एकरूपता लाने के प्रयास में आर्थिक सुधारों को बल देने के मकसद से सरकार जीएसटी लागू करना चाहती है। आर्थिक विशेषज्ञों की माने तो जीएसटी लागू होने के बाद इसका असर देश के हर आम आदमी पर पड़ना तय है, जिसमें कहीं फायदा तो कही नुकसान भी झेलना होगा। ऐसे संकेत पहले ही मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन की समिति अपनी रिपोर्ट में दे चुकी है। जीएसटी लागू होने का सबसे बड़ा फायदा देश के सभी राज्यों में वस्तु व सेवाकर के रूप में अलग-अलग टैक्स के बजाए एक ही तरह का टैक्स देना पड़ेगा। मसलन फिलहाल हम अलग-अलग सामान पर 30 से 35 प्रतिशत टैक्स देते हैं। जीएसटी में इन सभी करो को एक साथ लाकर 17 या 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसके बाद सभी राज्यों में सभी सामान एक कीमत पर मिलेगा और टैक्स भी एक ही जैसा होगा।
घर का सपना होगा आसान
जीएसटी के लागू होने के बाद लेनदेन पर से वैट और सर्विस टैक्स खत्म होने से घर खरीदना पहले के मुकाबले सस्ता हो सकता है। घर खरीदने के अलावा रेस्टोरेंट का बिल भी कम हो जाएगा। फिलहाल वैट हर राज्यों के लिए अलग-अलग और 6 प्रतिशत सर्विस टैक्स बिल के 40 प्रतिशत हिस्से पर 15 प्रतिशत दोनों लगता है। एयरकंडीशनर, माइक्रोवेव ओवन, फ्रिज, वाशिंग मशीन सस्ती हागी। वहीं खरीदारी के अलावा माल ढुलाई भी 20 प्रतिशत सस्ती हो जाएगी।
यहां होंगी जेबे खाली
देश में चाय-कॉफी, डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट 12 प्रतिशत तक महंगे हो सकते हैं, जो जीएसटी के बाद से टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। वहीं सेवा कर के रूप में मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड का बिल भी महंगा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। एमआरपी पर टैक्स लगने लगेगा और जेम्स एंड ज्वैलरी के साथ ही रेडिमेड गारमेंट भी महंगे हो जाएंगे।
भ्रष्टाचार पर कसेगा शिकंजा
आर्थिक विशेषज्ञों की माने तो जीएसटी लागू होने से फिलहाल न सरकार का राजस्व बढ़ेगा और न ही घटेगा। हालांकि कई सारी चीजों पर टैक्स बढ़ जाएगा। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन की समिति के अनुसार अभी देश में बहुत से कारोबारी सेल्स नहीं दिखाते हैं, जबकि जीएसटी के दायरे में आने पर उन्हें हर लेन-देन की आॅनलाइन प्रविष्टि करनी होगी, जिससे टैक्स चोरी पर भी नियंत्रण करने में जीएसटी कानून भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का सबब बनेगा। जदयू सांसद अनवर अली अंसारी ने कहा कि देश के लिये जीएसटी जरूरी है।
तीन टैक्सों की होगी वसूली
जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं एवं सेवाओं पर सिर्फ तीन टैक्स वसूले जाएंगे, जिनमें केंद्र सरकार सीजीएसटी यानी सेंट्रल वसूलेगी। जबकि राज्य सरकारे अपने यहां होने वाले कारोबार पर एसजीएसटी (स्टेट जीएसटी) टैक्स वसूल करेगी। जीएसटी के दायरे में तीसरे टैक्स की बात की जाये तो उसमें यदि कोई कारोबार दो राज्यों के बीच होगा, तो उस पर आईजीएसटी यानी इंटीग्रेटेड जीएसटी केंद्र सरकार वसूल करेगी, लेकिन उसे उन दोनों राज्यों में समान अनुपात में बांट देगी।
इन टैक्सों का होगा खात्मा
जीएसटी लागू होने के बाद सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, एडीशनल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडीशनल कस्टम ड्यूटी (सीवीडी), स्पेशल एडिशनल ड्यूटी आॅफ कस्टम (एसएडी), वैट/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स, आॅक्ट्रॉय एंडी एंट्री टैक्स,परचेज टैक्स, लक्जरी टैक्स खत्म हो जाएंगे।
03Aug-2016

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