रविवार, 28 अगस्त 2016

राग दरबार% युवराज की अनभिज्ञता या झूठ?

यू-टर्न के माहिर युवराज
देश की एकता और अखंड़ता बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा की पृष्ठभूमि और ज्ञान से अनभिज्ञ कांग्रेस युवराज का आरएसएस पर लगातार हमला हर किसी की समझ से परे है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मानहानि के एक मामले में बचने के लिए अपने हलफनामे में आरएसएस पर किए हमले से यू-टर्न ले लिया और अगले ही दिन फिर आरएसएस पर हमला बोलते हुए संघ की विचारधारा के विरोध करने का राग अलापते रहने की बात कही। मसलन कांग्रेस अपने युवराज के सहारे खोई सियासी जमीन पाने को जिस कदर झटपटा रही है उसे कम से कम बिना किसी ज्ञान के राहुल तो पूरा नही कर पाएंगें, जो अपने बयानों पर यूटर्न लेने के बाद झट से पलटा लेने में देर नहीं करते। तभी तो युवराज के ज्ञानकोष पर कटाक्ष करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने भी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से सवाल किया कि वह सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे में कहे प्रत्येक शब्द पर कायम हैं या सार्वजनिक स्थलों पर दिए भाषणों में बोले गए ‘झूठ’ पर? दरअसल सुप्रीम कोर्ट में महात्मा गांधी की हत्या में संघ की भूमिका पर यू-टर्न लिए जाने के बावजूद राहुल गांधी ने कहा था कि वह अपने प्रत्येक शब्द पर कायम हैं। रातनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया में चर्चा हो रही है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को झूठ बोलना बंद करके माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस युवराज को लेकर ऐसी टिप्पणियां भी सामने आ रही है कि बिना तथ्यों या झूठ के सहारे वह अपनी पार्टी को ऊर्जा नहीं दे सकते और अभी तक सियासी जमीन गंवाने में उनकी ऐसी ही भूमिका कम नहीं मानी जानी चाहिए।
ठाकुर का गुस्सा अमर
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के कुनबे में झगड़ा बढ़ता जा रहा है। सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच सुलह करवा कर नेता जी ने एक दिन की फुर्सत नहीं पाई थी कि अगले दिन ठाकुर अमर सिंह ने अपनी नाराजगी सरेआम कर दी। चर्चा है कि शिवपाल के हम निवाला अमर सिंह अखिलेश को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। उनकी पीड़ा ये है कि कभी उनकी सगी भाभी से भी ज्यादा रही जया बच्चन सपा से राज्यसभा सांसद हैं जबकि उनकी मित्र जया प्रदा को कोई पद नहीं दिया जा रहा है। ठाकुर साहब अपनी करीबी जया प्रदा को अखिलेश सरकार में मंत्री बनवाना चाहते हैं पर ये हो नहीं पा रहा है। इसी पीड़ा में अमर सिंह अपने 'भतीजे' अखिलेश को भी बुरा भला सुना गये। देखते हैं कि अमर के सार्वजनिक गुस्से के बाद यूपी के सीएम उनका फोन उठाते हैं या नहीं।
बेजुबानों की फरियाद सुनी जाती है...
कहने को तो इन दिनों देश के लगभग हर जगह पर अलग-अलग प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं ने कोहराम मचाया हुआ है। इंसान तो इंसान, बेजुबान जानवर भी इनसे हलकान नजर आ रहे हैं। क्योंकि चाहकर भी यह अपना दुख: दर्द किसी के साथ नहीं बांट सकते हैं। इंसान तो फिर भी अपनी बात शब्दों के जरिए कहकर दूसरों को बता सकता है। लेकिन अब इन बेजुबानों की फरियाद सुनने वाला भी कोई आ गया है। यहां बात मोदी कैबिनेट की एक महिला मंत्री की हो रही है, जो हमेशा एनिमल वेलफेयर के काम में लगी रहती हैं। जब कभी भी इन्हें इन बेजुबानों के बारे में कोई शिकायत या उनकी तकलीफ के बारे में कुछ सूचना मिलती है तो वो प्राथमिक्ता के आधार पर उसका हल निकालने में लग जाती है। इसे देखकर तो यही कहेंगे कि बेजुबानों की फरियाद भी सुनी जाती है।
मौके का फायदा
नेता चाहे किसी भी पार्टी का हो मौके का फायदा उठाना अच्छी तरह से जानता है। ऐसा ही कुछ प्रवासी भारतीय दिवस के बारे में हुइ एक प्रेसवार्ता में भी हुआ। इस बार प्रवासी भारतीय दिवस बेग्लुरू में मनाया जाएगा। प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री के साथ कर्नाटक के मुख्य मंत्री सिद्धारमैया भी थे। जब मौका उनको बोलने का मिला तो उन्होंने मौके का पूरा उपयोग किया। उन्हें बोलना तो था प्रवासी दिवस के बारे में, वे बोले भी। परंतु दिवस के बारे में कम अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में ज्यादा। शायद इस आशा में कि नेशनल मीडिया उनकी बात को आला कमान तक पहुंचा दे।
-ओ.पी. पाल, आनंद राणा, कविता जोशी व अरुण
28Aug-2016

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