गुरुवार, 4 अगस्त 2016

जीएसटी को साझा करती दिखी भाजपा-कांग्रेस!

राज्यसभा में श्रेय के लिए एक-दूसरे की तारीफ
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार के दो साल से ज्यादा के शासनकाल में पहली बार भाजपा व कांग्रेस की चिरप्रतिद्वंद्वी वाली परंपरा टूटती नजर आई। आजाद भारत के सबसे बड़े आर्थिक सुधार के रूप में वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी कानून लागू करने की कवायद में शुरू हुई चर्चा के दौरान 36 का आंकड़ा 63 में बदलता नजर आया।मसलन संसद के भीतर दोस्ती की दहलीज पर नजर आई इन दोनों दलों तकरार का ऐसा पटाक्षेप हुआ कि मानो जीएसटी विधेयक का श्रेय आपस में साझा करने का प्रयास कर रहे हों।
देश में आर्थिक सुधारों के मद्देनजर पिछले साल लोकसभा में पारित हो चुके वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी विधेयक राज्यसभा में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विरोध के कारण लंबित पड़ा हुआ था, जिसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए मोदी सरकार की सकारात्मक रणनीति ने विपक्षी दलों के साथ सहमति बनाई और संविधान संशोधन विधेयक में कुछ बदलाव किये। इसी सहमति के बीच बुधवार को जब जीएसटी को उच्च सदन में पेश किया गया तो चर्चा के दौरान भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे दल की तारीफो के पुल बांधते नजर आए। विधेयक पेश करते हुए जहां वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी पर सहमति के लिये कांग्रेस खासकर प्रतिपक्ष नेता गुलाम नबी आजाद का शुक्रिया अदा किया। हालांकि जेटली ने अन्य सभी विपक्षी दलों का इस मुद्दे पर समर्थन करने के लिए आभार जताया। यही नहीं पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के पी. चिदम्बरम ने भी अरुण जेटली के 'दोस्ताना' भाषण का उसी लहजे में शुक्रिया अदा किया। हकीकत भी यही है कि दोनों पक्षों के बीच दिख रहा यह सद्भाव और एक दूसरे पर आमतौर से बरसते रहने की परंपरा को दरकिनार करके राज्यों के साथ जीएसटी को समर्थन करने का ही नतीजा है कि जीएसटी अगले साल अप्रैल में लागू होने का रास्ता प्रशस्त होता दिख रहा है और देश के आर्थिक विकास में दो फीसदी तक की बढ़ोतरी की परिकल्पना की जा सकती है।
दोनों ने ही किये प्रयास
चर्चा के दौरान कांग्रेस के पी. चिदंबरम ने ही केंद्रीय व राज्यीय करों के स्थान पर जीएसटी लागू करने के लिए इस विधेयक का मसौदा यूपीए शासनकाल में वित्तमंत्री रहते हुए तैयार किया था। इसका जिक्र भाजपा ने भी किया, वहीं कांग्रेस के सदस्यों ने भी इस प्रयास के लिये राजग सरकार खासकर वित्तमंत्री अरुण जेटली की कांग्रेस की मांग मानने के लिये सराहना तक की और धन्यवाद भी दिया। यही कारण रहा कि भाजपा व कांग्रेस के इस दोस्ताना माहौल में देश में जीएसटी लागू हो जाएगा।
इन्होंने दिखाई पीठ
सूत्रों के अनुसार जीएसटी पर राज्यसभा में बहस के दौरान सत्ताधारी भाजपा के μलोर मैनजर्स ने केवल राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हुए ही नहीं, बल्कि क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और फिल्म स्टार रेखा जैसे मनोनीत सांसदों से भी समर्थन के लिए संपर्क साधने का प्रयास भी किया, लेकिन सदन में जारी चर्चा के दौरान तक रेखा से संपर्क न होने की बात कही गई। जबकि सचिन तेंदुलकर भी चर्चा के दौरान उच्च सदन में दिखाई नहीं दिये, लेकिन उन्होंने जीएसटी के पक्ष में ट्विटर पर उनका एक पोस्ट जारी किया है। सरकार जीएसटी पर इन दोनों सदस्यों का भी समर्थन चाहती है।
04Aug-2016

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