संसद का मानसून सत्र: अंतिम सप्ताह में भी ज्यादा काम
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद
में जीएसटी कानून लागू करने की राह बनाने के बाद मानसून सत्र के अंतिम
सप्ताह की कार्यवाही में अब मोदी सरकार की प्राथमिकता में शत्रु संपति
विधेयक को पारित कराने की चुनौती होगी। अपनी सकारात्मक रणनीति के जरिए मोदी
सरकार मौजूदा मानसून सत्र में विपक्षी दलों के सहयोग से संसद मेें अटके कई
विधेयकों समेत ज्यादा काम करने में सफल रही है।
संसद के मानसून
सत्र की तीन सप्ताह की कार्यवाही के दौरान मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर
(जीएसटी) से जुड़े संविधान संविधान (122वां संशोधन) विधेयक को राज्यसभा में
पारित कराकर एक बड़ी चुनौती को पार किया है, जिसे कल सोमवार को फिर से
लोकसभा में पारित कराकर संसद की मुहर लगना तय है। अब मोदी सरकार के सामने
राज्यसभा में प्रवर समिति के अध्ययन के बाद शत्रु संपत्ति विधेयक में लाए
गये संशोधनों को लोकसभा में पास कराने के बाद उसे फिर राज्यसभा में पारित
कराने की चुनौती होगी। इस महत्वपूर्ण विधेयक को सरकार ने मानसून सत्र की
सोमवार से शुरू होने वाली अंतिम सप्ताह की कार्यवाही में शामिल कर लिया है।
इस अंतिम सप्ताह में सरकार ने शत्रु सम्पत्ति विधेयक के अलावा लोकसभा में
केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय (संशोधन)विधेयक, कर्मचारियों को मुआवजा
(संशोधन) विधेयक, ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकार संरक्षण) विधेयक, नागरिकता
(संशोधन)विधेयक, और उच्च न्यायालय (नाम परिवर्तन) विधेयक को पारित कराने के
इरादे से कार्यसूची में शामिल किया है। इसके अलावा लोकसभा में वर्ष
2016-17 के लिए अनुदानों हेतु अनुपूरक मांगों से संबंधित (सामान्य) विचार
और विनियोग की वापसी (संख्या 3)विधेयक भी शामिल हैं। जबकि इस दौरान राज्य
सभा में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल विधेयक और सुरक्षा हित प्रर्वतन और ऋण
कानून और विविध प्रावधानों की रिकवरी (संशोधन) विधेयक को लाया जाएगा। इस
दौरान लोकसभा में पारित होने वाले विधेयकों को भी राज्यसभा में विचार करने
और पारित कराने के काम को भी शामिल किया गया है।
दो अध्यादेश विधेयक में बदले
संसद
के मानसून सत्र तय 20 बैठकों के लिये सरकार ने सरकारी कामकाज की महत्ता को
देखते हुए इस सत्र के लिये जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण लंबित विधेयकों समेत दो
दर्जन से भी ज्यादा विधेयकों को सरकार के एजेंडे में शामिल किया है। सत्र
शुरू होने से पहले लोकसभा में 11 और राज्यसभा में कुल 45 विधेयक पहले से ही
लंबित थे, जिनमें जीएसटी और शत्रु संपत्ति विधेयक भी प्रमुख हैं। केंद्र
सरकार के सामने इस सत्र के दौरान तीसरी बार लागू शत्रु संपत्ति (संशोधन और
विधिमान्यकरण) अध्यादेश, भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश तथा दंत
चिकित्सक (संशोधन) अध्यादेश को विधेयकों में बदलना था, जिनमें अभी सरकार के
सामने शत्रु संपत्ति (संशोधन और विधिमान्यकरण) तीसरा अध्यादेश को विधेयक
में बदलने की चुनौती बाकी है।
सत्र में पारित हुए प्रमुख विधेयक
संसद
के मानसून सत्र के पिछले सप्ताह के दौरान राज्य सभा में व्यापक सर्वसम्मति
से माल और सेवा कर विधेयक (जीएसटी) से संबंधित संविधान (122वां संशोधन)
विधेयक, 2014 का पारित होना उल्लेखनीय रहा। वहीं राज्यसभा में लोकसभा से
पहले ही पारित हो चुके पांच और विधेयकों को पारित कर दिया गया, जिनमें
प्रौद्योगिकी संस्थान (संशोधन) विधेयक 2016, बेनामी लेन-देन (निषेध)
(संशोधन) विधेयक, 2016, भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, दंत
चिकित्सक (संशोधन) विधेयक और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, विज्ञान
शिक्षा और अनुसंधान (संशोधन) विधेयक शामिल रहे। इस सप्ताह के दौरान,
उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में विकास, वहाँ की सरकारों में बदलाव और इन
राज्यों में राज्यपालों की भूमिका पर विचार-विमर्श किया गया। जबकि लोकसभा
में पिछले सप्ताह के दौरान सुरक्षा, ब्याज और कर्ज, हानि और प्रकीर्ण उपबंध
(संशोधन) विधेयक को भी पारित कर दिया गया।
मानसून सत्र में टूटा मिथक
केंद्र
सरकार की सकारात्मक रणनीति का ही नतीजा माना जा रहा है कि पिछले साल के
मुकाबले इस बार संसद के मानसून सत्र के दौरान ज्यादा काम किया गया है, जबकि
अभी एक सप्ताह की कार्यवाही बाकी है। मौजूदा सत्र के दौरान तीन सप्ताह में
15 दिनों की बैठक के दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोंनों ने ही दस-दस
विधेयकों पर मुहर लगाई है। सरकार के लिये सबसे बड़ी उपलब्धि राज्यसभा में
लंबित पड़े जीएसटी के संविधान संशोधन को पारित कराना रहा है। इसके मुकाबले
वर्ष 2015 के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में दस विधेयक पेश हुए थे,
जिनमें केवल छह यानि लोकपाल और लोकायुक्त (संशोधित) अधिनियम, रेलवे
(संशोधित),जलमार्ग, जीएसटी विधेयक और भूमि अधिग्रहण विधेयक, संशोधित
प्रतिपूरक वनीकरण फंड और बेनामी लेनदेन (निषेध) विधेयक-2015 ही पारित हो
सके थे। जबकि राज्यसभा में एक भी विधेयक पास नहीं हुआ था, बल्कि तीन विधेयक
वापस और दो पेश हो पाये थे।
08Aug-2016
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