गुरुवार, 11 अगस्त 2016

‘नमामि गंगे’ पर अब चाहिए सांसदों का साथ!

गंगोत्री से गंगासागर तक पदयात्रा से होगी निगरानी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
गंगा और सहायक नदियों की स्वच्छता के लिए जारी नमामि गंगे मिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए केेंद्र सरकार ने अब सांसदों से भी सहयोग मांगा है, ताकि पिछले महीने नमामि गंगे की शुरू की गई करीब 250 परियोजनाओं के जरिए आगामी अक्टूबर में पहला नतीजा सामने आ सके। हालांकि इस अभियान की अभी करीब एक हजार परियोजनाओं को पाइप लाइन से बाहर निकालने की भी चुनौती है।
दरअसल केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने नमामि गंगे मिशन को जनांदोलन बनाकर आगे बढ़ाने की पहल की है, उसमें उन्होंने गंगा किनारे के संसदीय क्षेत्रों से निर्वाचित लोकसभा सदस्यों को भी इस मिशन में भागीदार बनाने का फैसला किया। इसी मकसद से केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने विभिन्न दलों के ऐसे सांसदों के साथ विचार-विमर्श करते हुए उनसे नमामि गंगे कार्यक्रम को अंजाम तक पहंचाने के लिए सक्रिय योगदान और सहयोग मांगा। सांसदों को इस परियोजना की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय गंगा किनारे के प्रत्येक गांव के सींचेवाल मॉडल पर विकास के लिए आरंभ में आठ-आठ लाख रुपए खर्च करेगा और इस दिशा में गंगा किनारे के लगभग 400 गांवों ने सींचेवाल मॉडल पर अपने स्तर से गांवों को निर्मल करने और उनका सौन्दर्यीकरण संबन्धी विकास कार्यो को शुरू कर दिया है। इनमें झारखंड में गंगा किनारे के सभी गांव इस प्रक्रिया में शामिल है। पिछले माह हरिद्वार से देश में शुरू की गई नमामि गंगे की लगभग 250 परियोजनाएं तेजी के साथ आगे बढ़ रही हैं, जबकि अभी ऐसी ही 1000 परियोजनाएं पाइपलाइन में है। उमा भारती नमामि गंगे मिशन में प्रदूषण निवारण, गंगा की अविरलता,जैव विविधता और उसके आसपास की वनस्पतियों का संरक्षण जैसे सभी पहलूओं का ध्यान रखते हुए परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का दावा करती आ रही हैं, जिसमें उनका दावा अक्टूबर में पहला नतीजा देने का है।
पाप का प्रायश्चित होगा मिशन
सुश्री भारती ने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम आजादी के बाद देशवासियों द्वारा गंगा में फैलाए गए प्रदूषण का प्रायश्चित है। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा के ऊपर एहसान नहीं है, बल्कि आजादी के बाद गंगा नदी के साथ जो खिलवाड़ हुआ, गलत तरीके से औद्योगिकीकरण और शहरीकरण हुआ, जिससे कि गंगा मैली हुई, यह उस पाप का प्रायश्चित है, जो हम करेंगे और आने वाली पीढ़ियों को एक निर्मल गंगा अमूल्य धरोहर के रूप में सौंप कर जाएंगे।
निरंतरता बनाए रखना जरूरी
सुश्री भारती ने नमामि गंगे की जारी परियोजनाओं की समीक्षा और निगरानी की दृष्टि से गंगोत्री से गंगा सागर तक पद यात्रा करने की भी इच्छा जाहिर की है, लेकिन इसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुमति लेनी होगी। इस पदयात्रा करने का मकसद जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि वह स्वयं प्रत्येक स्थान पर काम की प्रगति की समीक्षा करना चाहती हैं। नमामि गंगे अभियान जनता,सरकार और समाज की बराबर की भागीदारी के साथ चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार नदी के किनारे एसटीपी लगा देगी,घाट बना देगी, जीव जंतुओं के एक बार संरक्षण की व्यवस्था कर देगी। सरकार का प्रयास तो एक बार होता है लेकिन उस प्रयास की निरंतरता को बनाए रखना जनता और समाज की जिम्मेदारी है।
सांसदों के सुझाव महत्वपूर्ण
बैठक के दौरान सांसदों ने नमामि गंगे मिशन को सराहा और अपने क्षेत्रों में ं नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत विशेष परियोजनाएं शुरू करने पर बल दते हुए सुझाव दिया कि उनके क्षेत्रों में नमामि गंगे कार्यक्रम से संबंधित परियोजनाओं को शुरू करने से पहले उनसे भी सलाह मशविरा होना चाहिए, जिसके लिए सुश्री भारती ने मंत्रालय के अधिकारियों को दिशा निर्देश भी जारी किये। सांसद मनोज तिवारी ने सुझाव दिया कि गंगा के किनारे जितने भी लोकगीत गायक और संगीतकार है उन सभी को एकत्र किया जाए और उनके गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रम कराएं जाए। उमा भारती ने इस सुझाव पर अपनी सहमति जताई। सुश्री भारती ने कहा कि वे प्रत्येक छमाही में सांसदों से नमामि गंगे कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए इस तरह की बैठक बुलाएंगी। इन बैठकों में पिछले छह महीनों के दौरान हुए कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी।
इन्होंने लिया बैठक मेें हिस्सा 
बैठक में केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बलियान, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री सुश्री अनुप्रिया पटेल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ.महेन्द्र नाथ पांडे समेत कई सांसदों ने हिस्सा लिया। इससे पहले राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के प्रमुख रजत भार्गव ने नमामि गंगे कार्यक्रम की प्रगति के बारे में सांसदों के समक्ष एक विस्तृत पावर पाइंट प्रेजेंटेशन दिया। इस अवसर पर मंत्रालय के विशेष कार्य अधिकारी डॉ.अमरजीत समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
11Aug-2016

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