सरकार को पारित होने की उम्मीद
केंद्र
सरकार ने सभी राजनीतिक दलों और राज्यों की सहमति के बाद वस्तु व सेवा कर
(जीएसटी) विधेयक के मूल मसौदे में चार बड़े बदलाव करने का फैसला किया है। इस
सकारात्मक नीति के बाद सरकार ने उम्मीद जताई है कि बुधवार को राज्यसभा में
होने वाली चर्चा के जीएसटी के संशेधनों को पारित करा लिया जाएगा।
सूत्रों
के अनुसार कराने के पारित कराने के लिए केंद्र सरकार को सभी राजनीतिक दलों
व राज्यों की सहमति से चार प्रस्तावों में बड़े फेरबदल किये हैं। केंद्र
सरकार ने कांग्रेस और कुछ राज्यों की मांग के मद्देनजर जीएसटी बिल में इन
जरूरी संशोधन को पिछले हμते ही मंजूरी दे दी थी। इसके बाद जीएसटी के लिये
जरूरी संविधान संशोधन विधेयक पर बुधवार को राज्यसभा में चर्चा के लिए साढ़े 5
घंटे निर्धारित किए हैं। राज्यसभा में जीएसटी संशोधन बिल पेश करने से पहले
भाजपा ने व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों से तीन दिन तक सदन में हाजिर
रहने को कहा है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार व केंद्रीय मंत्री सीतारमण
ने कहा कि सभी दलों की सहमति के बाद बुधवार को जीएसटी के जरूरी संशोधनों
को पारित करा लिया जाएगा। पहले से ही लोकसभा से पारित जीएसटी में किये जा
रहे इन चार संशोधनों के राज्यसभा में पारित हो गये तो इन्हे पारित कराने की
औपचारिकता के लिये फिर यह विधेयक लोकसभा जाएगा। माना जा रहा है कि
कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों से सकारात्मक संकेत मिलने के बाद ही सरकार
ने इसे सदन में लाने का फैसला किया है।
जीएसटी में इन संशोधनों पर चर्चा
-एक
फीसदी अतिरिक्त कर हटाने का प्रस्ताव होगा। मूल विधेयक में
मैन्युफैक्चरिंग राज्यों को फायदा पहुंचाने के मकसद से 3 सालों तक राज्यों
के बीच होने वाले व्यापार पर एक फीसदी की दर से एक प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स
लगाने का प्रस्ताव को हटाया गया है।
-सरकार ने जीएसटी के
मूल प्रावधान में पहले 3 साल तक 100 फीसदी, चौथे साल में 75 फीसदी और
पांचवे साल में 50 फीसदी भरपाई के प्रस्ताव के बजाय अब राज्यों को किसी भी
तरह के नुकसान की सूरत में पांच सालों तक शतप्रतिशत मुआवजा देने का निर्णय
किया है।
-विवाद सुलझाने की नई व्यवस्था बनेगी जिसमें
राज्यों की आवाज बुलंद होगी। जीएसटी के मूल मसौदे में विवाद सुलझाने की
मतदान पर आधारित व्यवस्था में अब दो तिहाई मत राज्यों और एक तिहाई केंद्र
के पास होगा।
-विधेयक में एक नए प्रस्ताव के जरिए जीएसटी
दर का ऐसा मूल सिद्धांत लाया जाएगा, जो राज्यों के साथ-साथ आम लोगों को
नुकसान नहीं होने का भरोसा देगा।
03Aug-2016
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