मंगलवार, 23 अगस्त 2016

गड्ढायुक्त सड़क हादसों पर लगा अंकुश!

यूपी में पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी कमी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या से चिंतित केंद्र सरकार द्वारा कराए गये एक सर्वे के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं का कारण जहां राष्ट्रीय राजमार्गों पर तेज रμतार और नशे की हालत में ड्राइविंग रही है, वहीं बदहाल सड़कें भी बढ़ते सड़क हादसों का कारण रहे हैं, हालांकि सड़को के सुरक्षित निर्माण के कारण बदहाल सड़को पर वर्ष 2015 में वर्ष 2014 के मुकाबले दुर्घटनाओं में कमी दर्ज की गई है।
देश में वर्ष 2015 में हालांकि वर्ष 2014 के मुकाबले सड़क हादसे 2.5 फीसदी तो उनके कारण होने वाली मौतों की संख्या में 4.6 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई। मसलन रिपोर्ट के अनुसार देश में वर्ष 2015 के दौरान प्रतिघंटा 57 सड़क हादसों के औसत से करीब 5.02 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई, जो 2014 में हुई 4.90 लाख के मुकाबले 2.5 फीसदी अधिक हैं। जबकि इन सड़क हादसों में जहां वर्ष 2014 में 1.39,671 लोगों की मौत हुई थी, जो 4.6 फीसदी बढ़ोतरी के साथ वर्ष 2015 में 1.46 लाख 133 पहुंची है, इनमें 10,727 लोगों की जान सड़क पर बने गड्ढे, स्पीड ब्रेकर और निमाणार्धीन सड़कों यानि बदहाल सड़को के कारण हुई। हालांकि ऐसी बदहाल सड़कों के कारण वर्ष 2014 के मुकाबले वर्ष 2015 के दौरान दुर्घटनाओं और उसमें होने वाली मौतों में कमी दर्ज की गई,जिसमें उत्तर प्रदेश में बदहाल सड़को पर हुई दुर्घटनाओं में करीब 50 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इसका कारण है कि उत्तर प्रदेश में सड़कों का सुधार रहा है। जहां तक बदहाल सड़कों के कारण दुर्घटनाओं का सवाल है उसमें वर्ष 2015 के दौरान महाराष्ट्र में हुए मौत के आंकड़ों में सात गुना वृद्धि हुई। हाल ही में गत 30 जुलाई को दिल्ली में एक व्यक्ति की सड़क पर गड्ढे के कारण गिरकर मौत हो गई थी, जो दिल्ली में गड्ढों की वजह से इस साल यह दूसरी घटना बताई गई है।
बदहाल सड़को के सुधार पर जोर
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में बदहाल सड़कों के सुधार पर जोर दिया जा रहा है। केंद्र व राज्य सरकार ऐसी सड़कों के सुरिक्षत योजनाओं को लागू करने का प्रयास कर रहे है। बदहाल या गड्ढायुक्त सड़कों पर हुए हादसों में वर्ष 2014 में 10,876 दुर्घटनाएं हुई थी, जिनमें वर्ष 2015 में कमी आना सड़कों का सुधार बड़ा कारण है। मंत्रालय में ट्रांसपोर्ट रिसर्च विंग के पूर्व प्रमुख आशीष कुमार की माने तो हालांकि यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है, लेकिन सरकारी विभागों में काम कर रहे टॉप रोड इंजीनियरों के अनुसार जब तक शहरों के जल निकासी की प्रणाली को ठीक नहीं किया जाएगा, सड़कों पर गड्ढ़ों की संख्या और बढ़ेगी। सूत्रों के अनुसार प्रत्येक शहर और मौहल्लों में निगम के पर्याप्त अधिकारी हैं और अधिकतर मामलों में सीवरेज और पानी की निकास के लिए बनी नालियां पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए सड़कों पर ये पानी आता रहता है। ऐसे में मरम्मत करने पर भी दुर्दशा बनी रहेगी।
राजमार्गों के किनारे बाड़
केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार राजमार्गों के दोनों ओर स्थायी जस्तेदार बाड़ लगाने का फैसला कर चुकी है, ताकि बीच-बीच में से सड़क पार करने वालों को रोका जा सके। जहां तक राज्यों में बदहाल सड़कों के सुधार का सवाल उसके लिए राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
23Aug-2016

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