मंगलवार, 2 अगस्त 2016

रास में बुधवार को होगी जीएसटी पर चर्चा!

सरकार ने कांग्रेस को भरोसे लेने को टाला एक दिन
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
बहुचर्चित विवादों से घिरे रहे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को संसद में पारित कराने के लिये मोदी सरकार सकारात्मक रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। इसी रणनीति का नतीजा है कि कांग्रेस को विश्वास में लेने के इरादे से सरकार ने राज्यसभा में इस पर होने वाली चर्चा को मंगलवार के बजाय अब बुधवार को कराने का फैसला किया है।
दरअसल सरकार ने बुधवार को जीएसटी को राज्यसभा में पेश करने का फैसला इसलिये लिया है कि मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के वाराणसी में होने वाले कार्यक्रम में राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता गुलामनबी आजाद के साथ ज्यादातर वरिष्ठ कांग्रेसी व्यस्त रहेंगे। सरकार नहीं चाहती कि कांग्रेस को नजरअंदाज करके जीएसटी पर कोई तकरार की नौबत आये। मंगलवार को प्रस्तावित जीएसटी की चर्चा को एक दिन के टालने की पुष्टि करते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि राज्यसभा में पांच घंटे की चर्चा के लिये सूत्रीबद्ध जीएसटी विधेयक को पारित कराने के लिये सरकार का प्रयास है कि इस महत्वपूर्ण विधेयक सबकी सहमति से पारित कराया जाये, चूंकि इससे देश में एक जैसा कर ढांचा बनना है और राज्यों की सहमति आवश्यक होगी। उनका कहना है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में प्रत्येक दल नेता से गहन विचार विमर्श के बाद ही इस विधेयक को लाया जा रहा है। सभी दलों के समर्थन की उम्मीद है, जिसके लिये सरकार ने कांग्रेस के सुझाव को मानते हुए कुछ प्रावधानों में संशोधन भी किया है।
दो तिहाई बहुमत जरूरी
जीएसटी चूंकि एक संविधान संशोधन है और संविधान के अनुच्छेद 368 (2) के तहत संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए सरकार को सदन में न्यूनतम 50 फीसदी सदस्यों की उपस्थिति के साथ दो तिहाई बहुमत जुटाना जरूरी है। मसलन 245 सदस्य वाले ऊपरी सदन में संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण जीएसटी को पारित कराने के लिए मतदान के समय सरकार को दो तिहाई यानी 164 सदस्यों का समर्थन चाहिए। यह जब है जब सदन में सभी सदस्य उपस्थित रहे। हालांकि नियम के अनुसार संविधान संशोधन बिल को पारित कराने के लिए सदन में आधे यानि कम से कम 123 की सदस्यों की सदन में उपस्थिति भी जरूरी है। मसलन सदन में उपस्थित सदस्यों के दो-तिहाई मतों से यह बिल पारित हो जाएगा। गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह ही एक प्रतिशत अंतर्राज्यीय कर समाप्त करने के साथ राज्यों को होने वाले राजस्व के नुकसान की पांच साल तक क्षतिपूर्ति करने का संशोधन लाने को मंजूरी दी है।
भाजपा ने जारी किया व्हिप
सरकार को सभी दलों के समर्थन की उम्मीद के बावजूद सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा ने जीएसटी को राज्यसभा में पेश करने और पारित होने के समय पार्टी सांसदों की सदन में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी कर दिया है। सूत्रों के अनुसार सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने सांसदों के लिए तीन लाइन का व्हिप भी जारी करते हुए सभी सांसदों से बुधवार को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के सांसदों को पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और आनंद शर्मा विधेयक में किए गए संशोधनों और बारीकियों का अध्ययन करने में जुटे हुए हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने विधेयक में तीन बिंदुओं पर अपना विरोध दर्ज किया था, जिसको ध्यान में रखते हुए पिछले दिनों बिल में दो संशोधन कर सरकार ने कांग्रेस की एक मांग शामिल की है।
02Aug-2016
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें