गुरुवार, 25 अगस्त 2016

महानदी मुद्दा सुलझाने पर गंभीर केंद्र सरकार

जल्द होगी छग व ओडिशा सीएम की बैठक
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के बीच महानदी जल बंटवारों के विवाद को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती जल्द ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ बैठक करेंगी।
केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने यह बात बुधवार को उस समय कही है जब केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के नेतृत्व में ओडिशा से आये एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात करके महानदी जल विवाद के मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान करने का अनुरोध किया। ओडिशा के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री सुश्री भारती ने कहा कि गत 29 जुलाई को नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ और ओडिशा के मुख्य सचिवों और संबन्धित अधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे पर विस्तृत विचार विमर्श के बाद केंद्र सरकार ने दोनोें राज्यों के लिए इस मुद्दे पर संयुक्त नियंत्रण बोर्ड बनाने के विचार पर बल दिया गया, जिससे छत्तीसगढ़ राज्य नो तो अपनी सहमति दे दी थी, लेकिन ओडिशा के मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री से बात करने के बाद इस बोर्ड पर सहमति या असहमति की बात कही थी। गौरतलब है कि यह बोर्ड ओडिशा और मध्य प्रदेश राज्यों के तत्कालीन मुख्यमंत्रियों ने गठित करने का निर्णय लिया था। सुश्री उमा भारती ने संसद के मानसून सत्र में उठे इस मुद्दे के दौरान की गई घोषणा के अनुसार छत्तीसगढ़ और ओडिशा सरकारों के बीच महानदी की परियोजना से सबंन्धित जानकारी का आदान-प्रदान किया जाना था। सुश्री भारती ने कहा कि उन्होंने अपने मंत्रालय के अधिकारियों को भी निर्देश दिया है कि वे जानकारी के आदान प्रदान के इस काम को जल्दी पूरा करे। उमा भारती ने ओडिशा के प्रतिनिािधमंडल को भरोसा दिया कि वह किसी भी राज्य के साथ अन्याय नहीं होने देंगी और इस मुद्दे पर अगले महीने के पहले पखवाड़े में यानि 10 से 20 सितंबर, 2016 के बीच ओडिशा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के साथ नई दिल्ली में एक बैठक करेगी इसके समाधान पर आगे की कार्यवाही तय करेंगी।
समझौते पर अडिग नहीं ओडिशा
दरअसल अविभाजित मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और ओड़िशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक के बीच 28 अप्रैल 1983 को हुए समझौता हुआ था, जिसके अनुसार दोनों राज्यों से जुड़े ऐसे मुद्दों के समाधान के लिए सर्वे, अनुसंधान और क्रियान्वयन के उद्देश्य से एक संयुक्त नियंत्रण मंडल के गठन का प्रस्ताव था, लेकिन इस बोर्ड का गठन अब तक नहीं हुआ है। इसके लिए केंद्र सरकार हस्तक्षेप करके ऐसे संयुक्त नियंत्रण बोर्ड का गठन करना चाहता है, लेकिन इसके लिए ओडिशा आज तक राजी नहीं है।
असमंजस में ओडिशा
गौरतलब है कि संसद में उठे इस मुद्दे के बाद पिछले महीने केंद्रीय जल आयोग की बैठक में दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों के बीच संयुक्त नियंत्रण बोर्ड के गठन पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर राज्य के मुख्य सचिव विवेक ढांड ने सहमति प्रदान कर दी थीं। जबकि ओड़िशा के मुख्य सचिव एपी पाधी ने कहा था कि वह अपने राज्य के मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद इस पर अपनी राय जाहिर करेंगे। यही नहीं इस दौरान बनाई गई सहमति के आधार पर दोनों राज्य अपने अधिकार क्षेत्र में महानदी पर निर्मित सभी परियोजनाओं सहित अन्य जानकारियां एक दूसरे से साझा करनी थी, जिसके लिए छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अधिकांश जानकारी मौके पर ही ओडिशा के साथ साझा कर दी और बाकी जानकारी भी एक पखवाड़े के वादे पर दे दी हैं, लेकिन आग्रह के बावजूद ओड़िशा के अधिकारियों ने अभी तक महानदी पर उनके राज्य में संचालित परियोजनाओं और पानी के उपयोग के संबंध में जानकारी छत्तीसगढ़ के साथ साझा नहीं की है।
25Aug-2016

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