कैबिनेट की मंजूरी के बाद तेज हुई कवायद
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश
में सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए परिवहन प्रणाली में परिवर्तन लाने की
कवायद में जुटी केंद्र सरकार नये मोटर कानून को लागू करने की तैयारी में
है। इस दिशा में हाल में कैबिनेट की मुहर लगवाने के बाद एक नया सड़क परिवहन
एवं सुरक्षा विधेयक संसद में पारित कराने का प्रयास किया जा रहा है।
केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार कैबिनेट से मंजूर कराये गये
इस नये विधेयक में दुनिया के ऐसे कई देशों के कानूनों के आधार पर प्रावधान
किये गये हैं, जहां सड़क सुरक्षा और परिवहन पूरी तरह से मजबूत है। हाल ही
में अमेरिका के एक सप्ताह के अमेरिका दौरे पर केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी
ने कई शहरों और वाहन कंपनियों तथा सड़क एवं जल परिवहन से संबन्धित संगठनों
के साथ गहन अध्ययन ही नहीं किया, बल्कि खुद सुरक्षित परिवहन का अनुभव भी
लिया है। यही नहीं राज्यसभा में देश में सड़क हादसों को लेकर उठाए गये
सवालों के जवाब में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस
प्रतिबद्धता को दोहराया कि सुरक्षित परिवहन के जरिए सड़क हादसों पर अंकुश
लगाने के प्रयास किये जा रहे हैं, जिसे देखते हुए पुराने हो चुके मौजूदा
मोटर कानून मोटर वाहन कानून के प्रावधानों में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए
नया सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक तैयार किया है जिसे यातायात संविधान की
समवर्ती सूची में होने के कारण इस विधेयक के संबंध में राज्यों से भी विचार
विमर्श करने के बाद कैबिनेट में लाया गया है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह
ही लोकसभा के 16 अन्य सांसदों के साथ गडकरी ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह
किया गया है कि संसद के इस मानसून सत्र में लंबे समय से लंबित सड़क परिवहन
और सुरक्षा विधेयक को पारित कराया जाये। सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह इस
विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगी, वरना यह शीतकालीन सत्र तक फिर अटका
रहेगा।
टैक्सियों के मुद्दे पर समिति गठित
मंत्रालय
के अनुसार मौजूदा मोटर काननू के कारण सामने आ रही चुनौतियों का हल करने की
दिशा में सरकार ने टैक्सियों, रेडियो टैक्सियों आदि संबंधित मुद्दों की
जांच के लिए सड़क परिवहन सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। समिति
से एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा गया है। यह समिति विचार विमर्श के बाद
टैक्सी एग्रीगेटर, नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए टैक्सियों को
विनियिमित करने की खातिर राज्यों को दिशा-निदेर्शों की सिफारिश करेगी।
केंद्रीय मंत्री गडकरी के अनुसार टैक्सियों के लिये फास्ट ट्रैक कार्ड की
योजना बनाई जा रही है, जिसमें उपयोगकर्ता से जुड़े तमाम आंकड़े शामिल रहेंगे।
इसका मकसद मौजूदा कानून को बदलने के साथ ही देश में इलेक्ट्रोनिक तरीके से
सड़कों पर निगरानी करके सार्वजनिक यातायात प्रणाली में भी सुधार लाना है।
सड़क हादसे बड़ी चिंता
केंद्रीय
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी लगातार देश में सड़क दुघर्टनाओं और उनमें
होने वाली मौतों की संख्या को कम से कम करने की दिशा में उपाय कर रहे हैं।
देश में हर साल करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोगों की मौत
होना सरकार की बड़ी चिंता है। सड़क हादसों को रोकने की दिशा में नये
प्रस्तावित विधेयक में विभिन्न राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ विचार
विमर्श करने के साथ ही अमेरिका सहित कई विकसित देशों के कानूनों पर भी गौर
किया गया है।
क्या हैं नये बिल के प्रावधान
केंद्रीय
कैबिनेट में मंजूर किये गये नये मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक में यातायात
नियमों को इतना सख्त किया गया है कि उसमें यातायात नियमों का उल्लंघन करने
वालों को भारी पड़ेगा। मसलन विधेयक में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए कई
प्रस्ताव किये गये हैं, जिसमें यातायात नियम तोड़ने वालों के लिये दस से 15
गुना तक जुर्माना बढ़ाया गया है। हिट एंड रन के मामलों में तो दो लाख रुपये
तक का मुआवजा भी देना पड़ सकता है। वहीं सड़क हादसे में किसी की मौत होने पर
मुआवजे की राशि बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर दी गई है। इसके अलावा गाड़ी का
बीमा, हेलमेट की अनिवार्यता और अन्य कई सख्त प्रावधान किये गये हैं।
06Aug-2016
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