शत्रु संपत्ति विधेयक फिर लटका
कई साल बाद सत्ता एवं विपक्ष में दिखा तालमेल
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी
सरकार की सकारात्मक रणनीति के कारण संसद के मानसून सत्र सरकारी कामकाज के
लिए कारगर साबित हुआ। मसलन विपक्षी दलों का तालमेल पटरी पर आने से सरकार
बहुचर्चित जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को अंजाम तक ले जा सकी। इस
सत्र के दौरान संसद में कुल 15 विधेयकों पर मुहर लगी, जिन्हें दोनों सदनों
ने पारित किया है। हालांकि उच्च सदन में 14 बिल ही पारित हुए।
केंद्र
सरकार ने 20 दिनों तक चले संसद के मानसून सत्र में भारी भरकम एजेंडा तैयार
किया था, जिनमें जीएसटी पर विपक्षी दलों का साथ सरकार के लिए आर्थिक
सुधारों को आगे बढ़ाने के रास्ते में प्रशस्त होने से एक अप्रैल 2017 से देश
में जीएसटी कानून लागू करने की राह आसान हो गई है। इस विधेयक को पारित
कराना सरकार ऐतिहासिक पल कहने से भी पीछे नहीं है, हालांकि अभी राज्यों और
फिर मूल जीएसटी विधेयक को पारित कराने की चुनौती सरकार के सामने बरकरार है।
जीएसटी के अलावा सरकार की प्राथमिकता में शत्रु संपत्ति (संशोधन और
विधिमान्यकरण) अध्यादेश को विधेयक में तब्दील करना भी था, लेकिन सरकार इस
विधेयक पर अटक गई, जिसके लिए सरकार तीन अध्यादेश जारी कर चुकी है। इस सत्र
में सरकार तीन अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पारित कराने के इरादे से आई
थी, लेकिन भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश तथा दंत चिकित्सक
(संशोधन)अध्यादेश को ही दोनों सदनों में विधेयकों के रूप में पास करा पायी
है। सरकार इस सत्र के दौरान कुल 15 विधेयकों पर संसद में मुहर लगवाने में
सफल रही, जिसमें लोकसभा में 15 और राज्यसभा में 14 विधेयक पारित किये गये।
इनमें कुछ विधेयक ऐसे थे,पहले से लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो चुके थे,
जिन पर एक-दूसरे सदन ने मुहर लगाई है।
यहां अटक गई सरकार
इस
सत्र में शत्रु संपत्ति विधेयक के अलावा भूमि अधिग्रहण में क्षतिपूर्ति
करने का अधिकार और पारदर्शिता, पुनर्वास और पुनर्स्थापन (संशोधन) विधेयक और
विसल्ब्लोअर सुरक्षा (संशोधन) विधेयक को भी सरकार आगे नहीं बढ़ा सकी है।
जबकि इसी प्रकार पांच राज्यों असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु, त्रिपुरा
में अनुसूचित जनजाति की सूची में संशोधन और केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी
में नये समुदायों की पहचान से जुड़े संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश-1950
में कैबिनेट की मंजूरी के बावजूद संशोधन पारित कराने में सरकार चूक गई है।
दोनों सदनों ने लगाई मुहर
संसद
के दोनों सदनों में सरकार 15 विधेयकों को पारित कराने में सफल रही। इनमें
जीएसटी से जुड़ा संविधान (122वां संशोधन) विधेयक, जैव प्रौद्योगिकी,
प्रतिपूरक वनीकरण निधि विधेयक, भारतीय औसत दर्जे परिषद (संशोधन) विधेयक,
दंत (संशोधन) विधेयक, भारतीय न्यास (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय
प्रौद्योगिकी संस्थान, विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान (संशोधन)
विधेयक,प्रौद्योगिकी संस्थान (संशोधन) विधेयक, बाल श्रम (निषेध एवं नियमन)
संशोधन विधेयक, लोकपाल और लोकायुक्त (संशोधन)विधेयक, बेनामी लेनदेन (निषेध)
संशोधन विधेयक, सुरक्षा हित का प्रवर्तन और ऋण कानून और प्रकीर्ण उपबंध की
वसूली (संशोधन) विधेयक, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक,
कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, विनियोग (सं .3) विधेयक प्रमुख हैं।
राज्यसभा में सरकार ने नए बिल के रूप में मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक भी
पारित किया है।
लोकसभा में पारित किये
गये 15 विधेयकों में भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, दंत (संशोधन)
विधेयक, भारतीय न्यास (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,
विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान (संशोधन) विधेयक, प्रौद्योगिकी संस्थान
(संशोधन) विधेयक, बाल श्रम (निषेध एवं नियमन) संशोधन विधेयक, लोकपाल और
लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक, बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन विधेयक, सुरक्षा
ब्याज और ऋण कानून और प्रकीर्ण उपबंध की वसूली के प्रवर्तन (संशोधन)
विधेयक,संविधान (एक सौ और बीस द्वितीय संशोधन) विधेयक, विनियोग (सं .3)
विधेयक, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय (संशोधन)विधेयक, कर्मचारी का मुआवजा
(संशोधन) विधेयक, कारखानों (संशोधन) विधेयक तथा कराधान कानून (संशोधन)
विधेयक शामिल हैं।
राज्यसभा
उच्च सदन में पारित
14 विधेयकों में जैव प्रौद्योगिकी, बाल श्रम (निषेध एवं नियमन) संशोधन
विधेयक, प्रतिपूरक वनीकरण निधि विधेयक, लोकपाल और लोकायुक्त (संशोधन)
विधेयक, भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, दंत (संशोधन) विधेयक,
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान (संशोधन)
विधेयक, प्रौद्योगिकी संस्थान (संशोधन) विधेयक, बेनामी लेनदेन (निषेध)
संशोधन विधेयक, संविधान (122वां संशोधन) विधेयक यानि जीएसटी, मानसिक
स्वास्थ्य देखभाल विधेयक, सुरक्षा हित का प्रवर्तन और ऋण कानून और प्रकीर्ण
उपबंध की वसूली (संशोधन) विधेयक, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय ((संशोधन)
विधेयक, तथा मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।
संसद का मानसून सत्र अनिश्चितकालीन स्थगित
दोनों सदनों में कई ज्वलंत मुद्दों पर हुई सकारात्मक बहस
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद
का मानसून सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। लोकसभा और
राज्यसभा की कार्यवाही के स्थगित होने से पहले इस सत्र में खास बात यह रही
कि विपक्षी दलों के सहयोग से केंद्र सरकार बहुप्रतीक्षित जीएसटी संबंधित
संविधान संशोधन विधेयक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयकों को संसद की मंजूरी लेकर
अंजाम तक पहुंचा सकी। इस सत्र में हालांकि देश के कई महत्वपूर्ण एवं
ज्वलंत मुद्दों पर भी सकारात्मक चर्चा कराई गई।
संसद सत्र के
अंतिम दिनों में दोनों सदनों ने जहां जम्मू कश्मीर के बारे में एक संकल्प
को ध्वनिमत से पारित किया गया, वहीं दलित मुद्दे पर भी विपक्ष की मांग पर
सरकार ने चर्चा कराई। महंगाई और बाढ़ की स्थिति जैसे मुद्दों पर भी बहस
कराकर सरकार ने विपक्षी दलों को भरोसा दिलाया कि सरकार देश की एकता, अखंडता
और सांप्रदायिक सौहार्द्र से किसी भी प्रकार से समझौता नहीं करेगी। लोकसभा
में स्पीकर सुमित्रा महाजन और राज्यसभा में सभापति हामिद अंसारी ने मौजूदा
सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा से पहले सभी दलों के
रचनात्मक और सहयोगात्मक भूमिका जिक्र करते हुए कहा कि इसी वजह से मानसून
सत्र में कुछ महत्वपूर्ण विधायी एवं वित्तीय कामकाज हो पाया, जिसमें सरकार
को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संबंधी संविधान (122वां संशोधन) विधेयक को
राज्यसभा में सर्वसम्मति से पारित कराने में सफलता मिली। सरकार ने विपक्ष
की बातों को मानते हुए इसमें कुछ संशोधन किए। इन नये संशोधनों के कारण इस
विधेयक पर लोकसभा की फिर से मंजूरी ली गयी। दोनों सदनों में सत्र को
रचनात्मक करार देते हुए कई मुद्दों पर सरकार और विपक्ष की सहमति बनी और
सदनों में सकारात्मक व सार्थक चर्चा भी हुई। दोनों सदनों में जम्मू कश्मीर
के ताजा घटनाक्रमों पर अलग-अलग चर्चा हुई जिनका जवाब गृह मंत्री राजनाथ
सिंह ने दिया। दोनों ही सदनों ने कश्मीर की मौजूदा स्थिति के संबंध में
सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर राज्य में समाज के हर वर्ग से शांति
एवं सौहार्द जल्द स्थापित करने के लिए गंभीरता से काम करने और लोगों
विशेषकर युवाओं में विश्वास बहाली की प्रतिबद्धता जतायी। गत 18 जुलाई से
आरंभ हुए संसद के मानसून सत्र में 20 बैठकें आयोजित हुई और शुक्रवार को
लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही को भोजनावकाश से पहले ही राष्ट्रगीत की
धुन बजाये जाने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान
दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद रहे।
दोनों सदनों में हुआ काम
संसद
का 18 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो
गया। इस सत्र में विपक्ष के सहयोग के चलते सरकार को बहुप्रतीक्षित जीएसटी
संबंधित संविधान संशोधन विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने में
सफलता मिली जबकि जम्मू कश्मीर के बारे में एक संकल्प को दोनों सदनों में
ध्वनिमत से पारित किया गया। सदन में व्यवधानों के कारण 6.33 घंटे का समय
बर्बाद हुआ, वहीं महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए 18.05 घंटे बैठक देर
तक चलाई गई। इसी प्रकार राज्यसभा में सभापति हामिद अंसारी ने सदन में हुए
कामकाज की जानकारी देते हुए बताया कि 20 बैठकों वाले उच्च सदन के 240वें
सत्र में 112 घंटे से अधिक कामकाज हुआ और 14 सरकारी विधेयक पारित कराये
गये। राज्यसभा में जहां बीस घंटे का समय व्यवधान के कारण बर्बाद हुआ तो
उसकी पूर्ति के लिए बीस घंटे से ज्यादा देर तक सदन की कार्यवाही चलाई गई।
13Aug-2016
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