शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

केन-बेतवा लिंक परियोजना पर आगे बढ़ी सरकार!

नदियों को आपस में जोड़ना सरकार की उच्च प्राथमिकता
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने अटल सरकार की महत्वाकांक्षी नदियों को आपस में जोड़ने वाली परियोजनाओं में तेजी लाने की प्राथमिकता तय की है। केन-बेतवा लिंक परियोजना के बाद गुजरात व बिहार की दो परियोजनाओं की डीपीआर भी तैयार कर ली गई है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में सूखे की समस्या का समाधान करने वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना के प्रथम चरण से जुड़ी विभिन्न प्रक्रिया तेजी से अंतिम चरण में है। इस परियोजना की सिफारिश मध्य प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड ने 9 सितंबर 2015 को की थी, ताकि इस परियोजना को वन्य जीव मंजूरी प्रदान करने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड को संबंधित प्रस्ताव अग्रेषित किया जा सके। इस परियोजना के पहले चरण की बदौलत 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुनिश्चित होगी और 9393 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुन्देलखंड क्षेत्र को 49 एमसीएम पेयजल की आपूर्ति होगी।
गुजरात-महाराष्ट्र की दो डीपीआर तैयार
मंत्रालय के अनुसार मोदी सरकार ने नदियों को आपस में जोड़ने का कार्यक्रम पूरे देश खासकर जल की किल्लत, सूखा प्रभावित क्षेत्रों और वर्षा जल पर निर्भर खेती वाले क्षेत्रों में जल एवं खाद्य सुरक्षा को बेहतर करने के लिहाज से राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के तहत इन परियोजनाओं को उच्च प्राथमिकता पर रखा है। केन-बेतवा लिंक परियोजना के बाद दमनगंगा-पिंजल लिंक परियोजना और पार-तापी-नर्मदा लिंक परियोजना से संबंधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यानि डीपीआर भी तैयार कर ली गई हैं। दमनगंगा-पिंजल लिंक परियोजना की डीपीआर मार्च 2014 में पूरी करके महाराष्ट्र एवं गुजरात सरकारों को पेश किया जा चुका है। महाराष्ट्र सरकार ने प्रमुख संगठन के रूप में कार्य कर रहे ग्रेटर मुंबई नगर निगम ने दमनगंगा-पिंजल लिंक परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट ने पहले ही केंद्रीय जल आयोग को सौंप दी है। इस परियोजना के जरिए मुंबई शहर की पेयजल संबंधी जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इसी प्रकार पार-तापी-नर्मदा लिंक परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट गत अगस्त माह में गुजरात एवं महाराष्ट्र सरकारों को सौंपी गई हैं। जल संसाधन मंत्री उमा भारती दावा कर रही हैं कि दमनगंगा-पिंजल और पार-तापी-नर्मदा लिंक परियोजनाओं के संदर्भ में गुजरात और महाराष्ट्र के बीच जल बंटवारे के मसले पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जा रहा है।

बिहार की दो परियोजनाओं में तेजी
एनपीपी लिंक के अलावा राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी ने अंतर-राज्य लिंक यानि राज्य के भीतर आपस में जोड़ने के प्रस्तावों को जोरदार ढंग से उठाया है। अंतर-राज्य लिंक से जुड़ी पूर्व-संभाव्यता रिपोर्ट तैयार कर ली गई हैं और इन्हें संबंधित राज्य सरकारों को पेश किया गया है। यही नहीं दो अंतर-राज्य लिंक परियोजनाओं जैसे कि बूढ़ी गंडक-नून-बाया-गंगा और कोसी-मेची परियोजनाओं की डीपीआर पहले ही तैयार करने के बाद बिहार सरकार को पेश की जा चुकी हैं। इन पर सीडब्ल्यूसी में गौर किया जा रहा है। विभिन्न राज्यों के अंतर-राज्य लिंक से जुड़ी चार अन्य डीपीआर को भी तैयार करने का काम जारी है।

नदी जोड़ने की प्रगति रिपोर्ट को मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन में नदियों को जोड़ने के कार्यक्रम के अधीन कार्य की स्थिति एवं प्रगति रिपोर्ट को मंजूरी दी है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में दायर विर्ष 202 की रिट याचिका (सिविल)-512 और रिट याचिका-668 के साथ नदियों की नेटवर्किंग,मामले में उच्चतम न्यायालय के गत 27 फरवरी, 2012 के फैसले के अनुपालन करने की दिशा में इस परियोजना की प्रगति रिपोर्ट को मंजूरी देने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अनुपालन करने की दिशा में नदियों को जोड़ने से संबंधित जल संसाधन मंत्रालय की स्थिति व प्रगति रिपोर्ट को अपनी मंजूरी दी गई है। इससे राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के अधीन चलाई जाने वाली नदियों को जोड़ने वाली परियोजनाओं की निगरानी करने में मदद मिलेगी। नदियों को जोड़ने के लिए बनी विशेष समिति की स्थिति व प्रगति रिपोर्ट को मंत्रिमंडल की जानकारी के लिए द्वि-वार्षिक रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। यह द्वि-वार्षिक रिपोर्ट देश हित में यथासंभव शीघ्र अति शीघ्र अंतिम और उचित निर्णय लेने केकार्य को सुनिश्चित कराएगी।
20Nov-2015

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