गुरुवार, 19 नवंबर 2015

मतदाता पंजीकरण को आसान बनाने की तैयारी!

चुनाव आयोग की कवायद में रोड़ा बना विधि मंत्रालय
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने युवा नागरिकों को खासकर 18 वर्ष का होने के बाद जल्द से जल्द मतदाताओं के रूप में पंजीकृत करने की दिशा में अहम कदम उठाने की तैयारी की है, लेकिन केंद्रीय विधि मंत्रालय मतदाता पंजीकरण को आसान बनाने की इस कवायद को हरी झंडी देने को तैयार नहीं है।
केंद्रीय चुनाव आयोग की युवाओं के मतदाता पंजीकरण को आसान बनाने की इस कवायद में हालांकि कानूनी बाधाएं सामने आ रही हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने मतदाता पंजीकरण के लिए कई अंतिम तिथियां तय करने वाले अपने प्रस्ताव को केंद्र सरकार को सौंपने का फैसला कर लिया है। हालांकि विधि मंत्रालय मानता है कि नियमों में बदलाव या फिर से जन प्रतिनिधि कानून में संशोधन का कोई लाभ होने वाला नहीं है, लेकिन फिर भी मतदाता पंजीकरण के लिए कई अंतिम तिथियां रखने के मुद्दे पर केंद्र सरकार में नीति निमार्ताओं को ही निर्णय लेना है। यह भी गौरतलब है कि नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए एक से अधिक अंतिम तिथियां रखने की चुनाव आयोग की योजना को अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी भी संविधान के प्रावधानों के विपरीत करार देते हुए विधि मंत्रालय के रूख का समर्थन कर चुके हैं। मसलन चुनाव आयोग के लगातार प्रयास के बावजूद इस प्रस्ताव को विधि मंत्रालय हरी झंडी देने को तैयार नहीं है। दरअसल मतदाता पंजीकरण के लिए हर साल एक जनवरी को मतदाता पंजीकरण कराने मौजूदा व्यवस्था का नतीजा है कि दो जनवरी को 18 साल की उम्र पूरी करने के बावजूद किसी भी युवा को मताधिकार हासिल करने के लिए एक साल का इंतजार करना पड़ता है। इसी समस्या के समाधान के लिए चुनाव आयोग निरंतर प्रस्ताव को आगे बढ़ा रहा है। इससे पहले भी सत्तर के दशक में ऐसा प्रस्ताव आया था, जिसमें मतदाता पंजीकरण के लिए एक से ज्यादा तिथियां एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्तूबर रखने का प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ सका था। सूत्रों के अनुसार अब चुनाव आयोग और विधि मंत्रालय इस मुद्दे पर जल्द ही बैठक बुलाकर विचार विमर्श करेंगे।
क्या है कानूनी प्रक्रिया
चुनाव आयुक्त डा. नसीम जैदी का मानना है कि यदि जिस युवा ने 18 साल पूरे कर लिये हों और उसी दौरान चुनाव हो रहे हों तो फिर भी उसे वोट डालने का अधिकार हासिल करने के लिए एक लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है, जबकि संविधान का अनुच्छेद 326 कहता है कि कोई भी व्यक्ति, जो भारत का नागरिक हो और उपयुक्त विधानपालिका द्वारा बनाए गए कानून के आधार पर या उसके तहत तय की गई अंतिम तिथि पर 18 साल से कम उम्र का नहीं हो, वह किसी भी ऐसे चुनाव में मतदाता के रूप में पंजीकरण का अधिकारी होगा। जबकि अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने मतदाता पंजीकरण के लिए एक से ज्यादा अंतिम तिथियां रखने के प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद 326 के विपरीत और अव्यवहारिक करार दिया है।
19Nov-2015

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