बुधवार, 25 नवंबर 2015

जल्द आएगा राष्ट्रीय जल ढांचा विधेयक!

यूरोपीय जल नीति से निपटेगा जल संकट
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में जल की गुणवत्ताा में सुधार के साथ जल प्रबंन्धन और जल संकट की चुनौती से निपटने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही ‘राष्ट्रीय जल ढांचा विधेयक’ लाने की तैयारी कर रही है। इस विधेयक का मसौदा यूरोपीय संघ के जल विशेषज्ञों ने तैयार किया है। यही कारण है कि सरकार देश में जल सुधार की योजनाओं में यूरोपीय जल नीति लागू करने पर विचार कर रही है।
केंद्र सरकार मानती है कि देश में जल की गुणवत्ताा में सुधार के साथ यूरोपीय जल नीति के जरिए नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं को भी तेजी ला सकेगी। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती यूरोपीय जल नीति को देश के उद्योग, कृषि, ऊर्जा और घरेलू उपयोग जैसे क्षेत्रों में जल की बढ़ती हुई खपत को देखते हुए नदी और जल प्रबंधन एक बड़ी चुनौती निपटने में महत्वपूर्ण उपयोगी करार दिया है। इसी फायदे को देखते हुए केंद्र सरकार ने यूरोपीय संघ के जल विशेषज्ञों द्वारा भारत के लिए तैयार किये गये एक ‘राष्ट्रीय जल ढांचा विधेयक’ के मसौदा तैयार किया है, जिसकी समीक्षा के बाद इसे अंतिम रूप देकर इस विधेयक जल्द से जल्द संसद में पेश करने की तैयारी की जा रही है। सुश्री उमा भारती ने संकेत दिये हैं कि देश की जल संबन्धी चुनौतियों में जल की मात्रा, आबंटन, गुणवत्ता, तथा प्रबंधन के मामले में केंद्र राज्यों के सहयोग से यूरोपीय जल नीति को अपनाया जा सकता है, ताकि उद्योग, कृषि, ऊर्जा, घरेलू उपयोग और पर्यावरण के बीच जल के लिए बढ़ती प्रतिस्पर्धा से नदी बेसिन और सतत् तरीके से बहुक्षेत्रीय आधार पर जल प्रबंधन के महत्व को बढ़ावा मिल सके। देश में जटिल जल चुनौतियों के परिपेक्ष्य में नदी बेसिन प्रबंधन और व्यांपक जल प्रबंधन पर केंद्रित यूरोपीय जल नीति, यूरोप और भारत के बीच राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सहयोग के लिए एक व्यवहारिक मॉडल भी प्रस्तुत किया जाएगा।
दो दिन तक हुआ मंथन
भारत-यूरोपीय जल मंच की मंगलवार को यहां संपन्न हुई दो दिवसीय बैठक में यूरोपीय संघ और भारत के बीच जल के क्षेत्र में विशेष सहयोग पर गहन मंथन किया गया और देश में देश में जटिल होती जल संबन्धी चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने यूरोपीय संघ से मिल रहे सहयोग के आधार पर योजनाएं तैयार करने का निर्णय लिया है। इस बैठक में यूरोपीय संघ के पर्यावरण महानिदेशालय के महानिदेशक डेनियल कलेजा क्रस्पो समेत कई केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्रू विकास बैंक, एशियाई विकास बैंक, भारतीय उद्योग परिसंघ और जल संसाधन क्षेत्र के विशेषज्ञों से चर्चा की गई, जिसमें सरकार को यूरोपीय जल नीति को अपनाने का भी समर्थन मिला। दो दिन तक हुई विशेषज्ञों की चर्चा के दौरान जल शासन और कानून, नदी बेसिन प्रबंधन, भारत और यूरोपीय संघ में जल नीति, जल की कमी से निपटना और जल प्रबंधन तथा अनुसंधान के पारिस्थितिकी पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया।
25Nov-2015

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