शनिवार, 14 नवंबर 2015

भारतीय विमानन में ऐसे लगेंगे पंख!

भारत का नागर विमानन क्षेत्र में कई देशों से करार
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
भारतीय विमानन क्षेत्र की आर्थिक सेहत सुधारने और हवाई यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों की सुविधाएं देने की दिशा में केंद्र सरकार ने विमानन परियोजनाओं को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। इस दिशा में भारत ने एक नहीं कई देशों के साथ महत्वपूर्ण करार भी किये हैं।
भारतीय विमानन कंपनियों की आर्थिक क्षेत्र में सुधार और विमानन सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में नागर विमानन मंत्रालय ने हाल में एक नई राष्ट्रीय विमानन नीति जारी की है, जिसमें कई सुधारात्मक योजनाओं को अंजाम देने का खाका भी शामिल है। भारत सरकार ने भारतीय विमानन क्षेत्र की उड़ान को अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतारने की दिशा में हाल ही में तुर्की के अंताल्या में फिनलैंड, कजाखस्तान, केन्या, स्वीडन, ओमान और ईथोपिया के साथ अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन समझौता करने के लिए सहमित पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं। नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार इनके अलावा पांच देशों सर्बिया, यूनान, यूरोपीय आयोग के साथ ही कुछ क्षेत्रों पर सहमति बनाई गई है, जबकि ब्रुनेई, दारूसलाम और कतर के साथ भी ऐसे करार के लिए की गई बातचीत सकारात्मक रही है। मंत्रालय के अनुसार इन देशों के साथ करार में भारतीय कंपनियां अपने बेड़े में विमानों की संख्या भी बढ़ाने पर जोर देगी। यही नहीं तकनीकी रूप से भी विमानन क्षेत्र में एक-दूसरे देश को सहयोग को मजबूत बनाया जाएगा।
समझौते से ऐसे होगा फायदा
भारत का ओमान के साथ साप्ताहिक आधार पर 5131 सीटें बढ़ाने का करार हुआ है। अब इनकी संख्या 16018 से बढ़कर 21149 हो गई है। जबकि कजाखस्तान और भारत हवाई सेवा शुरू करने के करार की समीक्षा करने पर सहमत हो गये हैं। इसी प्रकार केन्या और भारत के बीच हुए समझौते में भारतीय विमानों को अपनी उडानों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने का मौका मिलेगा। मसलन इसके तहत 14 से बढ़ाकर इसे 21 किया जाएगा और केन्या के नामित विमानन कंपनी को हैदराबाद में अतिरिक्त काल आॅफ प्वाइंट बनाने की अनुमति होगी। वहीं ईथोपिया और भारत 21 साप्ताहिक उड़ानों की संख्या को बढ़ाकर 28 करने पर भी सहमत हुए। वहीं बेंगलूरु के स्थान पर कोलकाता को काल आॅफ प्वाइंट बनाया जाएगा। इसके अलावा ईथोपिया की विमानन कंपनी एयर इंडिया के साथ जयपुर, कोलकाता और पुणे के लिए कोड शेयर कर सकेगी। फिनलैंड के साथ कोड शेयर का करार किया गया है। इसके साथ माल ढुलाई के क्षेत्र में भी सहमति बनी है। स्वीडन, नोर्वे और डेनमार्क के साथ कोड शेयर, अंटर माडल, रूटीन μलेक्सिबिलिटी और माल ढुलाई शुरू किए जाने का करार किया गया है।
14Nov-2015

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें