मंगलवार, 3 नवंबर 2015

राजमार्गो पर हाईटेक गांव बसाने की तैयारी!

अंतर्राष्ट्रीय मानकों से बुनियादी ढांचे का बन रहा है रोडमैप
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने राष्‍ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे पर अब हाईटेक गांव बसाने का निर्णय लिया है। ऐसी योजना के बुनियादी ढांचे को अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों पर तैयार करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने रोडमैप तैयार कर लिया है। मसलन आगामी सभी सड़क परियोजनाओं में हाईवेज विलेजेज के प्रावधान को शामिल करने को मंजूरी दी जा चुकी है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार अगले पांच सालों में केंद्र सरकार पांच लाख करोड़ रुपए की परियोजना का ठेका देने की योजना बना रही है। सरकार की योजना के तहत मौजूदा 96 हजार किलोमीटर राजमार्ग को बढ़ाकर डेढ़ लाख किलोमीटर तक करने का निर्णय लिया जा चुका है। इस साल करीब 10 हजार किलोमीटर राजमार्ग बनाने के लिए एक लाख करोड़ रुपए के ठेके देने का लक्ष्य है। मसलन आने वाले पांच सालों में 50 हजार किलोमीटर राजमार्ग और 16 हजार किलोमीटर एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है, जहां वह सभी एक्सप्रेसवे और हाईवे पर अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार ऐसी सुविधाएं मुहैया कराना चाहती है। हाईटेक गांव की इस योजना के प्रस्तुतिकरण को प्रधानमंत्री कार्यालय से भी हरी झंडी दे दी गई है। पीएमओ से मिले समर्थन के बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने योजना के लिए रोडमैप तैयार किया है, जिसके तहत राष्‍ट्रीय राजमार्ग के हर 200 किलोमीटर पर ऐसा हाईटेक गांव होगा, जहां का कामकाज सोलर एनर्जी से चलेगा। ऐसे हाईवे विलेज 75 से 100 एकड़ में बनाए जाने की योजना है। सरकार इसके लिए जमीन लैंड पूलिंग सिस्टम से अधिग्रहण करेगी यानि जमीन के मालिक को इस परियोजना में साझीदार बनाया जाएगा। ऐसे हाईटेक गांवों यानि विलेज में हैंडीक्राफ्ट शोरूम, फूड कोर्ट, डिस्पेंसरी, एटीएम, चाइल्ड केयर फैसिलिटी, कार वाशिंग, सर्विसिंग यूनिट, इंटरनेट फेसिलिटी, कॉफी शाम, बुक स्टोर और टूरिस्ट्स के लिहाज से अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। प्राइवेट कंपनियों को स्टोर खोलने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
डीपीआर में शामिल होगा नया प्रावधान
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश में आगामी राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे के निर्माण की योजनाओं की जो भी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानि डीपीआर तैयार होगी, उसमें अनिवार्य रूप से हाईवे विलेज बनाने का प्रावधान जोड़ने पर अंतिम फैसला किया जा चुका है और ऐसी योजना को स्वयं सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। हाईवे विलेज की योजना के तहत अब निर्माण एजेंसियों को राष्‍ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे के निर्माण का ठेका देने की शर्तो में एक ऐसा नया प्रावधान जोड़ा जा रहा है, जिसमें डेवलपर्स के लिए यह अनिवार्य कर दिया जाएगा कि वह चालकों को अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों के आधार पर हाइवे पर विलेजेज की सुविधा दें। सरकार का मकसद है कि देश में ऐसा बेहतर बुनियादी ढांचा तैयार हो, जिसमें सड़कों पर सफर करने वालों को बेहतर सुविधाएं मिले और वहीं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सामने आएं। हरित राजमार्ग नीति भी सरकार की इसी योजना का हिस्सा है। मंत्रालय के अनुसार इसके लिए भारतीय नेशनल राजमार्ग प्राधिकरण में एक विशेष ईकाई गठित की जा रही है, जो इस नए प्रावधान के साथ सड़कों का निर्माण कराएगी।
03Nov-2015

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