जीएसटी विधेयक पर ज्यादा फोकस
बीस बैठकों में 38 विधेयक सरकार के ऐजेंडे पर
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी
सरकार कल गुरुवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में महत्वपूर्ण
एजेंडे के साथ आने की तैयारी कर चुकी है, जिसमें सात नए विधेयकों समेत 38
विधेयकों के अलावा मसौदों और अन्य कई मुदÞदों का निपटान करने का भी प्रयास
किया जाएगा। सरकार की प्राथमिकता पर जीएसटी विधेयक के अलावा अध्यादेश से संबन्धित विधेयकों को कानून में बदलवाना होगी।
संसदीय
कार्य मंत्रालय के अनुसार संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 20 बैठकें तय की
गई हैं, जिसमें सरकार के एजेंडे में वस्तु कर संबन्धी जीएसटी विधेयक यानि
संविधान (122 वां संशोधन) विधेयक को राज्यसभा में पारित करना फोकस में
रहेगा। इसके अलावा सरकार के सामने इस सत्र के दौरान अध्यादेश संबन्धी तीन
विधेयकों को कानून का रूप देने की भी चुनौती है। इन तीन अध्यादेश से
संबन्धित परक्राम्य लिखत (संशोधन) अध्यादेश-2015, मध्यस्थता एवं सुलह
(संशोधन)अध्यादेश-2015 तथा वाणिज्यिक अदालतों,वाणिज्यिक डिवीजन और उच्च
न्यायालयों अध्यादेश-2015 के वाणिज्यिक अपीलीय डिवीजन शामिल है, जिन्हें
कानून का रूप देने की सरकार पर बड़ी चुनौती होगी। वैसे तो संसद में करीब चार
दर्जन से ज्यादा विधेयक लंबित हैं, लेकिन इस सत्र के लए सरकार ने अपने
एजेंडे में महत्वपूर्ण विधेयकों को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। संसद में
लंबित विधेयकों में लोकसभा में पारित हो चुके जीएसटी विधेयक के अलावा
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण)संशोधन विधेयक-2014,
व्हिसल ब्लोअर संरक्षण (संशोधन) विधेयक-2015, किशोर न्याय (बच्चों की
देखभाल और संरक्षण)संशोधन विधेयक-2015 के अलावा भ्रष्टाचाररोधी (संशोधन)
विधेयक-2013, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों (वेतन और
सेवा शर्तें) संशोधन विधेयक, 2015, रियल एस्टेट (विनियमन और
विकास) विधेयक-2013, बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) संशोधन विधेयक-2012 और
अपहरण रोधी विधेयक-2014 को अंजाम तक पहुंचाने की चुनौती रहेगी।
सात नए विधेयक
केंद्र
सरकार ने शीतकालीन सत्र में आर्थिक सुधारों को गति देने के लिए सात नए
विधेयक पेश करने का फैसला किया है। सरकार के एजेंडे में शामिल इन नये
विधेयकों में बोनस भुगतान (संशोधन) विधेयक-2015, उद्योग (विकास और विनियमन)
संशोधन विधेयक-2015, कृषि जैव-सुरक्षा विधेयक-2015, राष्ट्रीय सहकारी
विकास निगम (संशोधन) विधेयक-2015,परमाणु सुरक्षा नियामक प्राधिकरण
विधेयक-2015, क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र विधेयक-2015 और भारतीय
संस्थान प्रबंधन विधेयक-2015 शामिल हैं। इसके अलावा सरकार ने वित्तीय
संबन्धी कार्यो में वर्ष 2015-16 के लिए रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों के
अलावा अनुदानों की मांग (सामान्य) तथा वर्ष 2012-13 के लिए अतिरिक्त अनुदान
मांग (सामान्य) को भी दोनों सदनों में पारित कराने के लिए एजेंडे में
शामिल किया है।
अन्य मुद्दों पर चर्चा
संसदीय
कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू के अनुसार विपक्षी दलोें के साथ समन्वय के
लिए सरकार की ओर से बनाई गई रणनीति के तहत स्पष्ट किया है कि सरकार
शीतकालीन सत्र मे विपक्ष के हरेक मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार है। इस
रणनीति की पृष्ठभूमि में सरकार को संसद में अटके विधेयकों को पारित कराना
है। मसलन असहिष्णुता, किसानों, महंगाई और विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले
अन्य सभी मुद्दों पर भी चर्चा कराई जाएगी।
26Nov-2015
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