गुरुवार, 5 नवंबर 2015

‘गोल्डन नेकलस’ की आधारशिला आज रखेंगे मोदी

दिल्ली के बिना अन्य राज्यों में जाना होगा आसान!
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल गुरुवार को सोनीपत में दिल्ली-पानीपत मार्ग स्थित मुकरबा चौक पर इस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस वे और वेस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस वे यानि ‘गोल्डन नेकलस’ के अलावा दिल्ली-पानीपत मार्ग की आठ लेन की परियोजना की भी आधारशिला रखेंगे। इस मेगा सड़क परियोजना को केंद्र सरकार ने दिल्ली जैसे महानगर की यातायात समस्या का सामना किये बिना हरियाणा के पलवल व फरीदाबाद से सीधे सोनीपत के सफर की राह को आसान बनाने के लिए कदम उठाया है।
केंद्र सरकार ने फरीदाबाद और पलवल से सीधे सोनीपत के लिए छह लेन वाले प्रस्तावित छह लेने वाले पूर्वी बाह्य परिधि एक्सप्रेस-वे के निर्माण को मंजूरी गत 16 जुलाई का देते हुए राष्टÑीय राजमार्ग संख्या एनई-2 के रूप में हरियाणा व उत्तर प्रदेश के 98 गांवों को जोड़ने की दिशा में 7558 करोड़ रुपये की लागत को भी मंजूरी दी थी। इस मंजूरी के बाद अरसे से चली आ रही मांग का रास्ता और भी प्रशस्त होने जा रहा है, जब कल गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आधारशिला रखेंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस छह लेन के एक्सपे्रस-वे के रूप में 135 किमी लंबे इस पूर्वी बाह्य परिधि एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 7558 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले ही दे दी है,जिसमें 1795.20 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनरूद्धार के अलावा अन्य पूर्व निर्माण गतिविधियों पर खर्च करने के लिए शामिल है। इसके निर्माण के बाद हरियाणा में फरीदाबाद व पलवल से सोनीपत जाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की यातायात और प्रदूषण की समस्या से निजात मिलेगी और समय भी बचेगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री द्वारा आधारशिला रखते ही पूर्वी बाह्य परिधि एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा, वहीं सालों से लंबित सोनीपत से पलवल को जोड़ने वाले पश्चिमी बाह्य परिधि एक्सप्रेस-वे के अधूरे निर्माण को भी गति देने की योजना को अंजाम दिया जाएगा।
परियोजना से आबाद होंगे 98 गांव
इस 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे यानि ईपीई के दायरे में हरियाणा के 32 गांव आएंगे, जिसमें सोनीपत जिले के आठ व फरीदाबाद-पलवल जिले के 24 गांव शामिल हैं। जबकि उत्तर प्रदेश के 66 गांव इस राजमार्ग के रूप में बनने वाले एक्सप्रेस-वे के दायरे में होंगे, जिनमें बागपत जिले के 12, गाजियाबाद जिले के 16 तथा गौतमबुद्धनगर के 39 गांव शामिल हैं। इसके निर्माण में जहां हाइवे को पार करना होगा, उसके लिए ऊपरी पुलों का निर्माण किया जाएगा।
यहां से गुजरेगा इस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस वे
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार दिल्ली को अलग करते हुए हरियाणा व उत्तर प्रदेश के इलाकों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 135 किमी होगी, जिसमें हरियाणा के हिस्से में सोनीपत जिले के 13.035 किमी व फरीदाबाद-पलवल जिले के 35.513 किमी समेत कुल 48.55 किमी निर्माण होगा, जबकि शेष 86.45 किमी राजमार्ग का निर्माण उत्तर प्रदेश के हिस्से में किया जाएगा। इसमें गौतम बुद्धनगर जिले में 41.608 किमी, गाजियाबाद जिले में 24.665 किमी तथा बागपत जिले में 20.158 किमी निर्माण होना है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे की योजना के बारे में हरिभूमि को बताया कि इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण एनएच-1 पर सोनीपत के कुंडली गांव के पास से शुरू होगा, जो यमुना नदी को पार करते हुए बागपत जिले के एसएच-57 को पार करते हुए मवीकलां गांव से निकट से गुजरेगा। यहां से एनएच-58 पर दुहाई गांव से होते हुए एनएच-24 पर डासना के निकट से होते हुए एनएच-91 पर अकबरपुर और कासना-सिंकंदराबाद रोड के निकट सिरसा को पार करके ताज एक्सप्रेस-वे पर जगनपुर अफजलपुर गावं तक करीब 92 किमी का नर्माण होगा। यहां फिर यमुना नदी को पार करते हुए मौजपुर गांव के निकट अटाली-छैनसा रोड होते हुए पलवल तक पहुंचेगा। खास बात यह भी है कि सोनीपत जाने के बाद इस एक्सप्रेस-वे का लिंक स्वत: ही वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ जुड़ जाएगा।
05Nov-2015


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