सोमवार, 9 नवंबर 2015

मिशन मोड से हर गांव के सभी घर होंगे रोशन!

वंचित गांवों का विद्युतीकरण पर राज्यों से बनी सहमति
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री मोदी के देश में वंचित सभी गांवों में हर घर को चौबीस घंटे बिजली की चमक से रोशन करने के लक्ष्य को हासिल करने की कवायद में कई योजनाएं शुरू की गई हैं। केंद्र सरकार ने ऐसे वंचित सभी गांवों जल्द से जल्द दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के तहत मिशन के जरिए रोशन करने की तैयारी शुरू की है।
देश में ऊर्जा संकट से निपटने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आजादी के 68 वर्षों के बाद तथा 21वीं सदी के 15 वर्ष बीत जाने के बावजूद आधुनिक भारत के 18 हजार गांवों में अभी तक बिजली न होने पर दुख व्यक्त कर चुके हैं, जिनका सपना है कि कम से कम वर्ष 2022 तक देश के हर गांव में हर दिन चौबीस घंटे बिजली मुहैया कराई जाए। मोदी के इस लक्ष्य को जल्द से जल्द आगे बढ़ाने की दिशा में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने एक और कदम आगे बढ़ाते हुए विद्युतीकरण से बचे शेष सभी गांवों को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के तहत मिशन पर वर्ष 2017 तक ही पूरा करने की कवायद को तेज कर दिया है। विद्युत मंत्रालय के अनुसार इसके लिए हाल ही में पीयूष गोयल ने सभी राज्यों में केंद्र शासित प्रदशों के साथ सर्वसम्मति सभी वंचित सभी गांवों में विद्युतीकरण सुनिश्चित करने का रोडमैप तैयार कर लिया है। यही नहीं केंद्र सरकार ने राज्यों को इस बात के लिए भी तैयार कर लिया है कि देश में वर्ष 2019 तक या उससे पहले 24 घंटे बिजली सुलभ कराने के लिए योजना निर्माण से संबंधित गतिविधियों को मिशन मोड के जरिए पूरा किया जाए।
जल्द तैयार होंगे दस्तावेज
विद्युत मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने हर घर को बिजली देने की दिशा में राज्यों से यह भी कहा है कि जिन राज्यों के योजना दस्तावेज अभी तक तैयार नहीं हैं, उन्हें सलाहकारों एवं केंद्रीय टीम सदस्यों की मदद से जल्द तैयार करके इस दिसंबर तक मंत्रालय को सौंप दिये जाएं। केंद्र ने राज्यों को ऐसी योजनाओं की तत्काल मंजूरी देने का भरोसा देकर योजना को 30 महीनों के भीतर क्रियान्वित करने का भी संकल्प लिया। सरकार ने जिन राज्यों के पास वर्तमान में रास्ते का अधिकार (आरओडब्ल्यू) और उपयोग का अधिकार (आरओयू) नीति नहीं है उन्हें इन्हें प्राप्त करने के लिए तत्काल कदम उठाने को भी कहा है। बिजली बचत की दिशा में केंद्र की योजना पर राज्यों ने 2018-19 तक सभी मौजूदा पारंपरिक स्ट्रीट लाईट की जगह एलईडी लगाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने का भी भरोसा दिया है। मंत्रालय के अनुसार सभी राज्यों ने निर्धारित कार्यक्रम के तहत सौर पार्क स्थापित करने और सरकारी भवनों की छतों पर सौर टॉप स्थापित करने पर भी सहमति जताई है। केंद्र सरकार की हर संभव मदद देने के संकल्प के बाद हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे नौ राज्यों ने एक वर्ष के भीतर सौर समेत ऊर्जा किफायती पम्पों को मौजूदा 10 प्रतिशत कृषि जल पम्पों की जगह लगाने का भी फैसला किया है।
09Nov-2015

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