शुक्रवार, 2 जून 2017

विश्व स्तरीय बनेंगे देश के प्रमुख बंदरगाह!

जेएनपीटी पर शुरू की गई आठ परियोजनाएं
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश के प्रमुख 12 बंदरगाहों को विश्व स्तरीय बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट की 1117.03 करोड़ रुपये की लागत वाली 8 परियोजनाओं को शुरू कर दिया है। सरकार का दावा है कि सागरमाला जैसे कार्यक्रम के कारण देश के सभी बंदरगाहों पर माल ढुलाई क्षमता में रिकार्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार समुद्री कारोबार और देश के प्रमुख एक दर्जन बंदरगाहों को आधुनिक तकनीक से विकसित कर विश्व स्तरीय बनाने की की तैयारी में कई परियोजनाएं पटरी पर हैं। बंदरगाहों के सड़क, रेल और हवाई संपर्क मार्गो को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजनाओं में सागरमाल कार्यक्रम के तहत परियोजनाएं चल रही हैं। मंत्रालय के अनुसार सागरमाला कार्यक्रम के तहत बड़े निवेश को आकर्षित किया जा रहा है, जो बंदरगाहों के विकास में आधारभूत ढांचे को बेहतर बनान के साथ समुद्री कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी और रोजगार के सृजन करने के साथ भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिल सकेगा। इस दिशा में मुंबई के तटीय बंदरगाह जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट(जेएनपीटी) की सम्पर्क सुविधा में इजाफा करने के लिए 1117.03 करोड़ रुपये की लागत से आठ परियोजनाओं को शुरू किया गया है।
इन परियोजनाओं पर काम शुरू
जेएनपीटी के संपर्क सुविधाओं को मजबूत करने वाली शुरू हुई इन आठ परियोजनाओं में बंदरगाह पर समेकित रेल यार्ड सुविधा के लिए 250 करोड़ रुपये, जेएनपीटी के चौथे टर्मिनल को रेल से जोड़ने के लिए 100 करोड़ रुपये, जसई-जेएनपीटी तीसरी रेलवे लाइन तैयार करने के लिए 150 करोड़ रुपये की लागत वाली योजनाएं शमिल हैं। इसके अलावा बंदरगाह के उत्तरी उत्तरी गेट पर 127.45 करोड़ रुपये की लागत से उपरिगामी पुल, 149.31 करोड़ रुपये की लागत से ट्रेक्टर-ट्रेलर के लिए समेकित केन्द्रीय पार्किंग के साथ ही समुद्र तटीय जहाज ठहरने के स्थान के निर्माण पर 142.32 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। इसी प्रकार जेएनपीटी पर वाई जंक्शन पर उपरिगामी सेतु के निर्माण के लिए 82.95 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की गई है। वहीं बंदरगाह पर 115 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत जहाज ठहरने के स्थान के पीछे यार्ड की पुनर्संरचना की जाएगी। इस बंदरगाह पर शुरू हुई ये सभी परियोजनाएं सागरमाला कार्यक्रम के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक है, जो जेएनपीटी को सुदुर ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ने में मदद करेंगी।
प्रशिक्षितों को ऐसे मिलेगा रोजगार
मंत्रालय के अनुसार बंदरगाहों के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए शुरू की जा रही परियोजनाअ‍ें में अनेक कम्पनियों ने जीएनपीटी-एसईजैड क्षेत्र में कारखाने की स्थापना के लिए जमीन की मांग की है, जिससे प्रशिक्षित युवाओं के रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी। मंत्रालय ने इस प्रस्तावित योजना के लिए एक संयोजक की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है, जो कारखाने लगाने की इच्छुक कम्पनियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रायगढ व कोंकण क्षेत्रों के स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था करेगा। इसके लिए सरकार का लक्ष्य भी कार्यकुशलता बढ़ाना तथा बंदरगाह के समीपवर्ती क्षेत्र का विकास करना है।

माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि
जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार बंदरगाहों को विश्व स्तरीय आधारभूत संरचना के निर्माण को तेजी से आगे बढ़ाने से बिना किसी परेशानी के समुद्री व्यापार को अनुकूल परिस्थितियों में ढाला जा सकेगा। जहां तक जेएनपीटी पर आरंभ किये गये आधारभूत संरचना के निर्माण के कार्यो के कारण ही वाहनों की भीड़-भाड़ कम हुई है तो वहीं पोर्ट पर मार्च 2017 तक कुल लदान का भार 4.5 मिलियन टीईयू रिकार्ड पहुंच गया है। यही नहीं देश के सभी 12 प्रमुख बंदरगाहों की माल ढुलाई क्षमताओं में भी बेहतर इजाफा हुआ है। जहां वर्ष 2012-13 में यह 745 मिलियन टन थी, वहीं 2016-17 में यह बढ़कर 1065 मिलियन टन हो गई है। इन बंदरगाहों पर आने वाले कोर्गो की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है।
03June-2017

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