अंतर्राष्ट्रीय
मंच
पर
भी
भारत
को
मिला
समर्थन
हरिभूमि ब्यूरो.
नई
दिल्ली।
देश
में
बाल
श्रम
के
उन्मूलन
के
लिये
लागू
कानून
को
सख्ती
से
लागू
करने
का
दावा
करते
हुए
केंद्र
सरकार
ने
कहा
कि
मोदी
सरकार
के
इस
कानून
को
अंतर्राष्ट्रीय
मंच
का
भी
समर्थन
मिला
है।
वहीं
देश
में
बेरोजगारी
का
ग्राफ
नीचे
आकर
रोजगार
के
अवसर
भी
तेजी
से
बढ़
रहे
हैं।
यह
दावा
करते
हुए
शनिवार
को
केंद्रीय
श्रम
एवं
रोजगार मंत्री बंडारु दत्तात्रेय
ने
एक
संवाददाता
सम्मेलन
के
दौरान
कहा
कि
देश
में
बाल
श्रम
के
उन्मूलन
हेतु
बालश्रम
पर
अंकुश
लगाने
से
संबधित
पोषणीय
विकास
लक्षित
8.7 की
दर
हासिल
करने
के
लिये
अंतर्राष्ट्रीय
श्रम
संगठन
का
रोजगार
के
लिये
न्यूनतम
आयु
और
बालश्रम
उन्मूलन
के
क्रमश:
कन्वेंशन
संख्या
138 व
182 को
समर्थन
मिला
है।
उन्होंने
बताया
कि
विश्व
श्रम
दिवस
पर
जनेवा
में
वैश्विक
भागीदारी
देशों
के
अंतर्राष्ट्रीय
श्रम
सम्मेलन
में
भारत
ने
आईएलओ
के
महानिदेशक
गाड़
राइडर
को
कन्वेंनशन
सौंपा
गया
है,
जिसमें
अंतर्राष्ट्रीय
देशों
ने
बाल
श्रम
उन्मूलन
के
लिए
उठाए
कदम
का
समर्थन
किया है। उन्होंने कहा
कि
बाल
श्रम
मुक्त
समाज
के
मकसद
से
राष्ट्रीय
बाल
श्रम
पिरयोजना
को
अधिनियम
में
परिवर्तन
से
जोड़ा
गया
है,
जिससे
बच्चों
और
किशोर
श्रमिकों
का
पुनर्वास
करना
सुनिश्चित
किया
गया
है।
सरकार
ने
देश
को
बालश्रम
से
मुक्ति
दिलाने
के
मकसद
से
ही
वर्ष
2017-18 के
इस
परियोजना
के
बजट
को
पिछले
वित्तीय
वर्ष
में
जारी105
करोड़
से
बढ़ाकर
150 करोड़
रुपये
कर
दिया
है।
देश
के
सभी
जिलों
में
इस
परियोजना
के
दायरे
में
बच्चों
को
ब्रिज
शिक्षा,
व्यवसायिक
प्रशिक्षण,
मध्यान्ह
भोजन,
छात्रवृत्ति,
स्वास्थ्य
जांच
आदि
सुविधाओं
की
गुणवत्ता
में
सुधार
और
सामाजिक
सुरक्षा
के
दायरे
में
विस्तार
को
बढ़ावा
दिया
जा
रहा
है।
बेरोजगारी की वृद्धि दर घटी
केंद्रीय
श्रम
एवं
रोजगार
मंत्री
दत्तात्रे
ने
देश
में
मोदी
सरकार
पर
विपक्षी
दलों
द्वारा
बेरोजगारी
बढ़ने
के
लगातार
लगाए
जा
रहे
आरोपों
को
एक
सिरे
से
खारिज
करते
हुए
कहा
कि
वैश्विक
अर्थव्यवस्था
की
मंदी
के
बावजूद
देश
में
बेरोजगारी
की
वृद्धि
दर
घट
रही
है।
उन्होंने
मेक
इन
इंडिया,
स्किल
इंडिया,
डिजीटल
इंडिया,
प्रधानमंत्री
रोजगार
प्रोत्साहन
योजना
और
मु्द्रा
योजना
का
उल्लेख
करते
हुए
कहा
कि
रोजगार
के
अवसरों
का
सृजन
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
की
प्राथमिकता
है
और
सरकार
सत्ता
में
आने
के
पहले
दिन
से
ही
इस
दिशा
में
बढ़
रही
है।
उन्होंने
दावा
किया
कि
देश
में
रोजगार
सृजन
के
अवसर
बढ़ने
के
मामले
में
विश्व
स्तर
पर
तेजी
आ
रही
है।
छोटे उद्योगों के आंकड़े नहीं
उनका
कहना
है
कि
विपक्ष
मोदी
सरकार
को
बदनाम
करने
की
नीयत
से
रोजगार
अवसर
घटने
के
आरोप
लगाकर
दुष्प्रचार
कर
रहा
है।
जबिक
सच्चाई
यह
है
कि
देश
में
बेरोजगारी
की
वृद्धि
दर
घट
रही
है।
उन्होंने
रोजगार
के
लिए
श्रम
ब्यूरो
मात्र
आठ
क्षेत्रों
के
आंकड़े
एकत्र
करता
है।
इसमें
भी
केवल
उन
उद्योग
इकाईयों
को
शामिल
किया
जाता
है
जिनमें
कम
से
कम
10 लोग
कार्यरत
हों।
जबिक
देश
का
98.5 प्रतिशत
श्रमबल
छोटे
उद्योगों
में
काम
करता
है।
उन्होंने
कहा
कि
सरकार
की
योजनाओं
में
स्व
रोजगार
पर
जोर
दिया
जा
रहा
है
जो
श्रम
ब्यूरो
के
आंकड़ों
में
शामिल
नहीं
होता
है।
जी-20 देशों ने दिखाई रूचि
दत्तात्रेय ने कहा कि ईरान और इराक ने रोजगार के अवसर सृजित करने की योजनाओं में रुचि दिखाई है जबकि जर्मनी ने सामाजिक सुरक्षा और कौशल विकास के बारे में जानकारी ली है। उन्होंने कहा कि जी-
20 देशों ने भारत की अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में रूचि दिखाई हैं। कई देश रोजगार संबंधी योजनाओं और कार्यक्रमों के संबंध में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ईरान और इराक में अवैध भारतीय प्रवासियों की गंभीर समस्या है। दोनों देशों ने इस संबंध में बात की है। उन्होंने कहा कि इस मामले को जल्दी विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया जाएगा और समाधान तलाशा जाएगा।
18June-2017
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें