बुधवार, 7 जून 2017

सत्रह जुलाई को होगा राष्ट्रपति चुनाव, 20 को नतीजे

24 जुलाई को समाप्त हो रहा है प्रणव दा का कार्यकाल
ओ.पी. पाल,
नई दिल्ली।
देश के 15वें राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने इन चुनावों का ऐलान करते हुए कहा कि 17 जुलाई को संसद और विधानसभा परिसरों में स्थापित 32 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे, जिनकी गिनती 20 जुलाई को नई दिल्ली में कराई जाएगी।
बुधवार को यहां निर्वाचन सदन में मुख्य निवार्चन आयुक्त नसीम जैदी ने राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए 17 जुलाई को संसद और 31 विधानसभा परिसरों में सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक वोटिंग कराई जाएगी। इसके लिए 14 जून को अधिसूचना जारी होते ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और नामांकन भरने की अंतिम तारीख 28 जून होगी। राष्ट्रपति चुनाव की वोटों की गिनती 20 जुलाई को नई दिल्ली में होगी। गौरतलब है कि 24 जुलाई को राष्टÑपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है और उससे पहले नए राष्टÑपति पद के लिए चुनाव कराया जाना है।
सिक्रेट बैलट पेपर से होगा चुनाव
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव सिक्रेट बैलेट पेपर के जरिए होंगे और वोटिंग के लिए चुनाव आयोग बैलेट पर टिक करने के लिए एक विशेष पेन का प्रबन्ध करेगा। किसी अन्य पेन का उपयोग करने पर वोट अवैध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राजनैतिक दल इस दौरान व्हिप जारी नहीं कर सकेंगे। संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय है, इसी भी स्थिति में मतपत्र किसी और को दिखाना संविधान के विरुद्ध हैं। चुनाव आयुक्त ने बताया कि राष्ट्रपति पद का नामांकन भरने के लिए 50 प्रतिनिधियों के प्रस्ताव होना जरूरी हैं और एक नामांकन के लिए 15 हजार रुपये की जमानत राशि जमा करानी होगी। इस चुनाव में निर्वाचित सांसद या विधायक को ही मत देने का अधिकार होगा यानि मनोनीत सदस्य वोटिंग नहीं कर सकेंगे। चुनाव आयुक्त जैदी ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति निर्वाचन में संसद के निर्वाचित सदस्यों के अलावा दिल्ली और पुडुचेरी विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों के साथ ही सभी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य मतदान करते हैं।
क्या है राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
भारत के राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचन अप्रत्यक्ष मतदान के जरिए किया जाता है। इसमें जनता की जगह जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि राष्ट्रपति को चुनते हैं। राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचन मंडल या इलेक्टोरल कॉलेज करता है। इसमें संसद के दोनों सदनों तथा राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। भारत में राष्ट्रपति चुनाव अप्रत्यक्ष मतदान से होता है। इसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। इसमें राज्यसभा में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य मतदान में हिस्सा नहीं लेते हैं। दो केंद्रशासित प्रदेशों, दिल्ली और पुडुचेरी के विधायक भी चुनाव में हिस्सा लेते हैं जिनकी अपनी विधानसभाएं हैं। राष्ट्रपति चुनाव जिस विधि से होता है उसे ‘आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली’ के रुप में जाना जाता है जिसके आधार पर एकल हस्तांतरणीय मत द्वारा चुनाव होता है। राष्ट्रपति चुनाव की वर्तमान व्यवस्था 1974 से चली आ रही है और ये 2026 तक लागू रहेगी। इसमें 1971 की जनसंख्या को आधार माना गया है।
क्या है सांसदों और विधायकों की वोटों का मूल्य
राष्ट्रपति चुनाव में अपनाई जानेवाली आनुपातिक प्रतनिधित्व प्रणाली की विधि के हिसाब से प्रत्येक वोट का अपना मूल्य होता है। सांसदों के वोट का मूल्य निश्चित है मगर विधायकों के वोट का मूल्य अलग-अलग राज्यों की जनसंख्या पर निर्भर करता है। 1971 की जनगणना के अनुसार राज्य की जनसंख्या को वहां की विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या से भाग दिया जाए, परिणाम में जो भी संख्या आए, उसे फिर से 1000 से भाग दिया जाए। इसके बाद जो परिणाम निकलेगा, वह उस राज्य के एक विधायक के वोट का मूल्य होगा। जैसे देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश के एक विधायक के वोट का मूल्य 208 है तो सबसे कम जनसंख्या वाले प्रदेश सिक्किम के वोट का मूल्य मात्र सात। दूसरी ओर प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 708 है। देशभर के 4120 विधायकों और 776 सांसदों को मिलाकर चुनाव मंडल बनता है। उनके मतों का कुल मूल्य 10, 98, 882 बनता है और जीतने के लिए 5,49,442 मत की जरूरत है।


चुनाव कार्यक्रम
अधिसूचना-14 जून
नामांकन की आखिरी तारीख-28 जून
नामांकन की जांच-29 जून
नामांकन की वापसी-01 जुलाई
मतदान-17 जुलाई
मतगणना-20 जुलाई
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राष्ट्रपति के लिए योग्यताएं
-उम्मीदवार भारत का नागरिक हो
-उसने कम से कम 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो
-वह लोकसभा का सदस्य बनने की पात्रता रखता हो
-राष्ट्रपति बनने के बाद उम्मीदवार संसद के किसी भी सदन या राज्यों की किसी भी विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य नहीं होना चाहिए
-वह भारत सरकार के अंतर्गत किसी भी लाभ के पद पर न हो
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राष्ट्रपति चुनाव 2017
कुल वोट- 10,98,882
जीत के लिए
कुल वोट 50% + 1 वोट यानि 5,49,442
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राजग का पलटा भारी
मोदी सरकार का नेतृत्व कर रहे राजग के पास फिलहाल 5,37,614 वोट है। उसे वाईएसआर कांग्रेस के 9 सांसदों का समर्थन मिल गया है। इसके अलावा एनडीए की नजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी पर है। इन दोनों दलों में से कोई अगर एनडीए के साथ आ जाता है तो उनका उम्मीदवार आसानी से जीत जाएगा। दूसरी ओर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, सीपीएम, बीएसपी, आरजेडी जैसे प्रमुख विपक्षी दल संयुक्त उम्मीदवार उतारने की कवायद में है। इनके पास फिलहाल 4,02,230 इतने वोट है। इसके अलावा गैर यूपीए-एनडीए दलों के पास करीब 1.60 लाख मत है।
08June-2017

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