मंगलवार, 6 जून 2017

वाराणसी में बनेगा देश का पहला फ्रेट विलेज!


गंगा नदी से दुबई पोर्ट तक पहुंचेगा सामान
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को देश का ऐसा पहला ‘फ्रेट विलेज’ बनाने की तैयारी है, जिसमें भारत दुनियाभर के बंदरगाहों तक सामानों का आवाजाही करने वाले देशों के दायरे आ सके। इसके लिए केंद्र सरकार ने वाराणसी में एक हजार करोड़ रुपये की फ्रेट विलेज बनाने की परियोजना तैयार की है।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना के पूरा होते ही यूपी का वाराणसी शहर देश का पहला फ्रेट विलेज के रूप में विकसित होगा, जहां गंगा नदी के किनारे बनाए जा रहे मल्टी मॉडल टर्मिनल से दुनिया के कई बड़े बंदरगाहों तक सामानों की आवाजाही शुरू हो सकेगी, जिसमें विश्वविख्यात दुबई पोर्ट भी शामिल है। वाराणसी को पूरी दुनिया से जोड़ने वाली मंत्रालय की इस परियोजना के लिए 100 एकड़ भूमि का इस्तेमाल होगा, जहां सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। मंत्रालय के अनुसार भारत की इस परियोजना में शिपिंग इंडस्ट्री में दुनियाभर में लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रंखला में अपनी बड़ी भूमिका निभाते आ रहे आबुधाबी के शराफ ग्रुप अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिसके लिए भारत की बातचीत शुरू हो चुकी है। वहीं केंद्र सरकार की इस परियोजना को विश्व बैंक की वित्तीय मदद दे रहा है, जो इससे पहले वाराणसी से हल्दिया तक अंतर्देशीय जल मार्ग में ऋण देकर आगे कई योजनाओं में आगे आ रहा है।
निवेश व रोजगार बढ़ेगा
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सरकार का 2020 तक प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता 3130 मेट्रिक टन करने की है, जिसमेें सरकार को इस दौरान करीब 27738 करोड़ निवेश की भी उम्मीद है। वहीं ऐसी परियोजनाओं को लागू करने और हर प्रकार की सुविधाएं देने से रोजगार सृजन में भी इजाफा होगा। यही नहीं गंगा नदी किनारे बनाए जा रहे मल्टी मॉडल टर्मिनल के करीब फ्रेट विलेज की परियोजना को एक विशेष औद्योगिक संपदा से जोड़कर देखा जा रहा है, जो रसद सेवाओं की जरूरत वाली कंपनियों को जल मार्ग के जरिए अपना सामान भेजने और उनकी लॉजिस्टिक क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से हर तरफ विकास होगा।
क्या है परियोजना
वाराणसी में गंगा नदी किनारे मल्टी मॉडल टर्मिनल के निकट फ्रेट विलेज तैयार करने के साथ अंतर मॉडल टर्मिनल भी बनाने की योजना है, जहां सभी प्रकार की परिवहन सेवा उपलब्ध होगी। इस फ्रेट विलेज परियोजना के तहत खुदरा क्षेत्र को स्थापित करना होगा और सामान भंडारण के लिए वेयर हाउस को आधुनिक तकनीक के साथ बनाने होंगे, ताकि अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सामानों की आपूर्ति को बेहतर बनाया जा सके। यही नहीं वहां से ट्रकों आवागमन की राह को भी आसान बनाया जाएगा, जो आसानी के साथ सामान को पोर्ट तक पहुंंचा सके। इसके अलावा रेल और छोटे जल मार्ग के इस्तेमाल को भी प्रमुखता दी जाएगी। मंत्रालय के अनुसार विश्व बैंक का मानना है कि इस फ्रेट विलेज को ईस्टर्न डेडीकेटेट फ्रेट कॉरिडोर से जोड़ा जा सकता है, जिसके बाद यह देश का सबसे बड़ा जल मार्ग बन सकता है, वहीं राष्टÑीय राजमार्गो के तौर पर इसका बड़ा योगदान मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी।

योगी सरकार भी उत्साहित
मंत्रालय के सूत्रों ने वाराणसी की इस मेगा परियोजना को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी भी उत्साहित हैं, जिनकी इस परियोजना के लिए रेड कारपेट ट्रीटमेंट देने की तैयारी कर रही है। योगी ने इस परियोजना के लिए अपने संबन्धित विभाग के अधिकारियों को पूरा सहयोग देने के लिए भी कहा है।
07June-2017

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