क्षेत्रीय भाषाओं में
भी
छपेंगे
बैलेट
पेपर
हरे-गुलाबी रंग
के
बैलेट
से
कराई
जाएगी
वोटिंग
हरिभूमि ब्यूरो.
नई
दिल्ली।

चुनाव आयोग के
सूत्रों
के
अनुसार
राष्ट्रपति
पद
के
लिए
17 जुलाई
को
चुनाव
कराया
जाना
है
जिसके
लिए
संसद
परिसर
समेत
राज्यों
की
विधानसभा
परिसरों
में
कुल
32 मतदान
केंद्र
होंगे।
चुनाव
आयोग
ने
इस
बार
राष्ट्रपित
पद
के
उम्मीदवारों
को
वोट
देने
के
लिए
एक
विशेष
पेन
की
व्यवस्था
की
है
और
अन्य
किसी
पेन
या
स्याही
के
उपयोग
होने
पर
वोट
को
अवैध
मान
लिया
जाएगा।
इसके
अलावा
खास
तैयारी
के
तहत
आयोग
ने
दो
अलग-अलग
रंग
हरे
और
गुलाबी
रंग
के
बैलेट
पेपर
का
इस्तेमाल
करने
का
निर्णय
लिया
है।
मसलन
चुनाव
आयोग
ने
कई
चीजें
ऐसी
तय
कर
दी
हैं,
जिसमें
राष्ट्रपति
चुनाव
की
मतदान
प्रक्रिया
थोड़ी
अलग
के
अलग
बनी
रहे
यानि
यह
चुनाव
ईवीएम
के
बजाए
परंपरा
के
तहत
बैलेट
पेपर
के
जरिये
ही
वोटिंग
कराई
जाएगी।
क्या होंगे नए नियम
आयोग के अनुसार
राष्ट्रपति
चुनाव
के
लिए
तय
किये
गये
नए
नियम
के
मुताबिक
सांसदों
और
विधायकों
के
बैलेट
पेपर
का
रंग
अलग-अलग
होगा।
काई
सांसद
जिस
बैलेट
पेपर
से
वोटिंग
करेंगे,
उसका
रंग
हरा
होगा।
जबकि
विधायकों
को
वोटिंग
के
गुलाबी
बैलेट
पेपर
के
जरिए
वोटिंग
करनी
होगी।
सूत्रों
ने
बताया
कि
चुनाव
आयोग
नामांकन
प्रक्रिया
पूरी
होने
के
बाद
उम्मीदवारों
की
तस्वीर
सामने
आने
के
बाद
एक
जुलाई
से
इन
बैलेट
पेपर्स
की
छपाई
शुरू
कराएगा।
क्षेत्रीय भाषा में बैलेट पेपर
चुनाव आयोग के
सूत्रों
के
अनुसार
गैर
हिंदी
भाषी
राज्यों
में
वोटिंग
के
लिए
बैलट
पेपर
यानि
मतपत्र
स्थानीय
भाषा
की
लिपि
में
भी
प्रकाशित
कराया
जाएगा।
मसलन
असम,
त्रिपुरा,
आंध्रप्रदेश,
तेलंगाना,
गोवा,
गुजरात,
जम्मू
कश्मीर,
कर्नाटक,
केरल,
महाराष्ट्र,
मणिपुर,
ओडिशा,
पंजाब,
पश्चिम
बंगाल,
पुडुचेरी,
सिक्किम
और
तमिलनाडु
के
सांसदों-विधायकों
के
बैलेट
पेपर
स्थानीय
भाषा
में
भी
उपलब्ध
होंगे।
जबकि
राजस्थान,
बिहार,
छत्तीसगढ़,
हरियाणा,
हिमाचल
प्रदेश,
मेघालय,
मिज़ोरम,
मध्यप्रदेश,
नगालैंड,
अरुणाचल
प्रदेश,
यूपी,
उत्तराखंड,
झारखंड
और
दिल्ली
के
सांसदों
और
विधायकों
के
लिए
हिंदी
और
इंग्लिश
में
बैलेट
पेपर
छापे
जाएंगे।
पहली बार विशेष स्याही का प्रयोग
राष्ट्रपति चुनाव में
पहली
बार
विशेष
स्याही
वाले
खास
पेन
का
इस्तेमाल
होगा।
देश
के
पंद्रहवें
राष्ट्रपति
चुनाव
में
4896 मतदाताओं
यानी
निर्वाचक
मंडल
के
सदस्यों
के
मतों
की
कुल
कीमत
10 लाख
98 हज़ार
903 है।
4896 मतदाताओं
में
लोकसभा
के
543 और
राज्य
सभा
के
233 निर्वाचित
सदस्य
और
4120 निर्वाचित
विधायक
हैं।
सभी
विधायक
विधानसभा
भवन
परिसर
में
बने
मतदान
केंद्र
और
सांसद
संसद
परिसर
में
मतदान
करेंगे।
हालांकि
सांसदों
को
दिल्ली
में
न
होने
की
स्थिति
अपने
राज्य
की
विधानसभाओं
में
वोट
डालने
का
विकल्प
दिया
गया
है।
क्या है राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
भारत में राष्ट्रपति
चुनाव
अप्रत्यक्ष
मतदान
से
होता
है।
लोगों
की
जगह
उनके
चुने
हुए
प्रतिनिधि
राष्ट्रपति
को
चुनते
हैं।
राष्ट्रपति
का
चुनाव
एक
निर्वाचन
मंडल
या
इलेक्टोरल
कॉलेज
करता
है।
इसमें
संसद
के
दोनों
सदनों
(लोकसभा
और
राज्यसभा)
और
राज्यों
की
विधानसभाओं
के
निर्वाचित
सदस्य
शामिल
होते
हैं।
इसमें
राज्यसभा
में
राष्ट्रपति
द्वारा
मनोनीत
सदस्य
मतदान
में
हिस्सा
नहीं
लेते
हैं।
दो
केंद्रशासित
प्रदेशों,
दिल्ली
और
पुडुचेरी
के
विधायक
भी
चुनाव
में
हिस्सा
लेते
हैं
जिनकी
अपनी
विधानसभाएं
हैं।
बीस नामांकन पत्र दाखिल
लोकसभा सचिवालय के
अनुसार
राष्ट्रपति
पद
के
लिए
अभी
तक
19 लोगों
ने
उम्मीदवारी
पेश
करते
हुए
20 नामांकन
पत्र
दाखिल
किये
हैं।
सोमवार
को
चार
उम्मीदवारों
ने
नामांकन
दाखिल
किये
हैं,
जिनमें
बंगलूरू
निवासी
बी.
मोहन
वेलु,
लखनऊ
निवासी
रामकुमार
शुक्ल,
दिल्ली
के
तिमारपुर
निवासी
दयाशंकर
अग्रवाल
तथा
कानपुर
निवासी
श्रीमति
कुसुम
देवी
ने
नामांकन
भरा
है।
खास
बात यह है कि
अभी
तक
इस
पद
की
उम्मीदवारी
पेश
करने
वाला
एक
भी
उम्मीदवार
50 प्रस्तावकों
व
इतने
ही
अनुमोदकों
के
नियमों
को
पूरा
नहीं
कर
सका
है।
लिहाजा
इन
सभी
नामांकन
पत्रों
के
रद्द
होने
के
आसार
हैं।
20JUne-2017
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें