गुरुवार, 15 जून 2017

गंगा नदी पर जल्द शुरू होगी रोरो सेवा!


भारत पहुंचा 350 वाहन क्षमता वाला जहाज
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्र सरकार राष्ट्रीय जलमार्ग परियोजना के तहत गंगा नदी पर वाराणसी से हल्दिया तक तैयार किये जा रहे जलमार्ग में रोल ऑन-रोल ऑफ सर्विस यानि रो-रो सेवा शुरू करने नजदीक है। इसके लिए जरूरत के अनुसार तैयार कराये गये जहाज को जर्मनी से भारत मंगवा लिया गया है यानि जल्द ही गंगा नदी के दोनों ओर पांच-पांच स्थानों पर रोरो सेवा शुरू कर दी जाएगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय जल मार्ग विकास परियोजना के पहले चरण में इलाहाबाद से हल्दिया तक करीब 1390 किमी जलमार्ग में जल्द ही गंगा नदी के दोनों ओर पांच-पांच स्थानों पर रोल- ऑन-रोल ऑफ,  (रोरो) सेवा शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए जलमार्ग में तीन मीटर की जरूरी गहराई वाले जहाज का रास्ता तैयार करने का काम अंतिम चरण में है। सरकार की रोरो योजना के तहत सड़क के वाहनों को विशालकाय स्टीमर (बार्ज) पर चढ़ाकर नदी के दूसरी ओर उतारा जा सकेगा। इसके लिए गंगा नदी पर जल परिवहन के तहत छह जगहों पर फेरी सेवा शुरू करने का भी प्रस्ताव है। मसलन इस योजना में वाहनों को नदी पार करने के लिए लंबा रास्ता तय नहीं करना पड़ेगा और समय व श्रम व र्इंधन की बचत के अलावा प्रदूषण की समस्या को भी कम किया जा सकेगा। गंगा में रोरो सेवा के लिए मंत्रालय ने जर्मनी की कंसल्टेंट कंपनी डीएससी से 350 कारों की वहन क्षमता वाला एक जहाज डिजाइन करवा भारत में मंगवा लिया है, जिसका फिलहाल परीक्षण किया जा रहा है। उम्मीद जताई है कि जल्द ही इस जहाज का रोरो सेवा के लिए वाणिज्यक इस्तेमाल शुरू हो जाएगा।
दस टर्मिनलों का निर्माण
मंत्रालय के अनुसार सरकार 120 करोड़ रुपए खर्च कर रो-रो टर्मिनलों का निर्माण भी करा रही हैं, जिससे गंगा के दो किनारों के बीच बसे दो शहरों की दूरी को कम किया जा सकेगा। इस रोरो सेवा के लिए तैयार की गई योजना के तहत गाजीपुर, बक्सर, हाजीपुर, मनिहारी, भागलपुर, पटना, मुंगेर, कोलकाता, पाकुड़ तथा हल्दिया टर्मिनल बनाए जाएंगे। इसमें मझुआ को जलमार्ग द्वारा बलिया और जमानिया और मिजार्पुर को मिजार्पुर-चुनार से जोड़ने की योजना है। मंत्रालय के अनुसार एक रोरो बार्ज के जरिये 25-30 बसों और सौ-दो सौ कारों अथवा 4000-5000 टन सामान एक तरफ से दूसरी तरफ लाया व भेजा जा सकेगा। दरअसल पिछले साल जुलाई और अगस्त में वाराणसी से हल्दिया तक जलमार्ग पर जहाज उतारने के ट्रायल के दौरान ही रोरो सेवा शुरू करने की योजना थी, लेकिन किन्हीं कारणों से इसमें विलंब हुआ है। इसके अलावा इस जलमार्ग परियोजना के तहत वाराणसी से हल्दिया तक बनने वाले तीन प्रमुख मल्टी मॉडल टर्मिनलों पर कुल 184 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, जिामें रोड और रेल कनेक्टिविटी भी शामिल है, ताकि शिप से सामान उतारकर अन्य मार्गों द्वारा उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया जा सके।

तीन साल में बड़ी उपलब्धि
मंत्रालय के अनुसार मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की नीतियों के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग विकास परियोजना में चार बड़ी परियोजनाओं काम शुरू किया गया है। जिसमें वाराणसी से हल्दिया के बीच 5400 करोड़ रुपये की लागत वाले 1390 किलोमीटर लंबे तथा 2.2-3.0 मीटर गहरा जलमार्ग विकसित करने का काम अंतिम चरणों में है। केंद्रीय मंत्री गडकरी इस परियोजना के विस्तार में कह रहे हैं कि यदि संभव हुआ तो गंगा नदी के इस जलमार्ग को भविष्य में इलाहाबाद, कानपुर और हरिद्वार तक विस्तार देने योजना है। इस परियोयजना को जलमार्ग पूर्वी ट्रांसपोर्ट प्रणाली के हिस्से के अलावा रेलवे के डेडीकेटेड फे्रट कारीडोर और एनएचएआइ के राजमार्गो के रूप में परिवहन के नए विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार पायलट प्रोजेक्ट के तहत गंगा जलमार्ग पर यह काम भारत के भीतर बने जलमार्गों पर भी वाटरवेज ट्रांसपोर्टेशन की गुंजाइश को देखते हुए किया जा रहा है, जो एक सस्ते परिवहन होने के साथ प्रदूषणमुक्त व्यापार का साधन भी बनेगा। मंत्रालय के अनुसार इस रोरो सेवा योजना की शुरूआत सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी जलमार्ग विकास परियोजना का हिस्सा है, जिसकी परिकल्पना जुलाई 2014 जुलाई में की गई थी।
16June-2017

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