विपक्षी दलों ने
विचार
विमर्श
के
बाद
तय
किया
नाम
हरिभूमि ब्यूरो.
नई
दिल्ली।
राष्ट्रपति पद के
लिए
राजग
उम्मीदवार
रामनाथ
कोविंद
को
लेकर
असमंजस
में
फंसे
विपक्ष
ने
यूपीए
की
अगुवाई
में
संयुक्त
उम्ममीदवार
के
रूप
में
पूर्व
लोकसभा
अध्यक्ष
मीरा
कुमार
का
अपना
उम्मीदवार
बनाने
का
ऐलान
कर
दिया
है।
हालांकि
राष्ट्रपति
चुनाव
पर
सत्तापक्ष
के
दांव
से
एकजुटता
के
फेर
में
विपक्ष
पहले
ही
बिखर
गया
है,
जिसमें
जदयू,
अन्नाद्रमुक,
बीजद,
टीआरएस
और
सपा
संरक्षक
मुलायम
सिंह
यादव
ने
राजग
उम्मीदवार
को
अपना
समर्थन
देने
का
ऐलान
करके
विपक्ष
की
दरार
को
उजागर
कर
दिया
है।
मोदी सरकार का
नेतृत्व
कर
रहे
भाजपानीत
राजग
ने
बिहार
के
राज्यपाल
रामनाथ
कोविंद
को
उम्मीदवार
बनाकर
एकजुटता
की
दुहाई
दे
रहे
विपक्ष
को
ऐसा
हलकान
किया
कि
विपक्षी
दलों
का
कोविंद
का
समर्थन
करने
का
तो
कोई
सवाल
ही
नहीं
होता,
लेकिन
कोविंद
के
दलित
उम्मीदवार
होने
के
कारण
कोई
दल
विरोध
करने
की
हालत
में
भी
नजर
नहीं
आया।
इसी
हताशा
के
बीच
कांग्रेस
प्रमुख
सोनिया
गांधी
की
अगुवाई
में
गुरुवार
को
हुई
विपक्षी
दलों
की
बैठक
में
यूपीए
का
संयुक्त
उम्मीदवार
के
रूप
में
पूर्व
लोकसभा
अध्यक्ष
मीरा
कुमार
के
नाम
पर
सहमित
बनाई
गई।
इसका
ऐलान
बैठक
के
बाद
खुद
सोनिया
गांधी
ने
किया
है।
मसलन
अब
राष्ट्रपति
पद
के
लिए
प्रमुख
मुकाबला
रामनाथ
कोविंद
और
मीरा
कुमार
के
बीच
होना
तय
माना
जा
रहा
है।
बताया
जा
रहा
है
कि
विपक्ष
की
बैठक
में
पांच
नामों
मीरा
कुमार,
सुशील
कुमार
शिंदे,
गोपाल
कृष्ण
गांधी,
प्रकाश
अंबेडकर
और
बालाचंद्रे
मुंगेकर
के
नाम
पर
चर्चा
की
गई,
लेकिन
राजग
के
दलित
कार्ड
के
रूप
में
रामनाथ
कोविंद
के
मुकाबले
के
लिए
दलित
मुद्दे
को
ही
तरजीह
दी
गई
और
पूर्व
लोकसभा
स्पीकर
मीरा
कुमार
के
नाम
को
राष्ट्रपति
पद
के
उम्मीदवार
के
लिए
तय
किया
गया।
16 दलों
की
इस
बैठक
में
सोनिया
गांधी
के
अलावा
पूर्व
प्रधानमंत्री
मनमोहन
सिंह,
राष्ट्रवादी
कांग्रेस
पार्टी
प्रमुख
शरद
पवार,
राष्ट्रीय
जनता
दल
के
अध्यक्ष
लालू
प्रसाद
यादव
तथा
मार्क्सवादी
कम्युनिस्ट
पार्टी
के
महासचिव
सीताराम
येचुरी
प्रमख
रूप
से
शामिल
हुए।
पांच बार रह चुकी हैं सांसद
यूपीए की ओर
से
राष्ट्रपति
पद
की
उम्मीदवार
मीरा
कुमार
पूर्व
उप
प्रधानमंत्री
स्वर्गीय
जगजीवन
राम
की
पुत्री
पांच
बार
सांसद
रह
चुकी
हैं
और
केंद्र
में
मंत्री
भी
रही
हैं।
वह
2009 से
2014 तक
लोकसभा
अध्यक्ष
रह
चुकी
हैं।
सत्तारूढ़
राष्ट्रीय
जनतांत्रिक
गठबंधन
पहले
ही
बिहार
के
राज्यपाल
रहे
रामनाथ
कोविंद
को
अपना
प्रत्याशी
घोषित
कर
चुका
है।
सूत्रों
के
अनुसार
राजग
प्रत्याशी
का
पलडा
भारी
मानते
हुए
भी
विपक्षी
दलों
ने
अपनी
साख
बचाए
रखने
के
लिए
प्रत्याशी
उतारने
की
औपचारिकता
पूरी
की
है।
कोविंद ने लिया अटल से आशीर्वाद
राजग की ओर
से
राष्ट्रपति
पद
के
उम्मीदवार
रामनाथ
कोविंद
इन
दिनों
भारतीय
जनता
पार्टी
के
वरिष्ठ
नेताओं
से
मुलाकात
कर
रहे
हैं।
गुरुवार
को
उन्होंने
पूर्व
प्रधानमंत्री
अटल
बिहारी
वाजपेयी
से
मिलकर
उनके
आवास
पर
उनका
आशीर्वाद
लिया।
इससे
पहले
कोविंद
वरिष्ठ
भाजपा
नेता
लालकृष्ण
आडवाणी
और
मुरली
मनोहर
जोशी
से
भी
मुलाकात
कर
चुके
हैं।
आज भरेंगे नामांकन
भाजपा के सूत्रों
के
अनुसार
राजग
प्रत्याशी
रामनाथ
कोविंद
शुक्रवार
23 जून को राष्ट्रपति
पद
के
लिए
अपना
नामांकन
भरेंगे।
उनके
नामांकन
पर
प्रस्तावकों
और
अनुमोदकों
के
नाम
व
हस्ताक्षर
कराने
की
सभी
औपचारिकताएं
पूरी
कर
ली
गई
हैं।
सूत्रों
के
अनुसार
पीएम
मोदी
भी
नामांकन
के
दौरान
मौजूद
रहेंगे
और
भाजपा
के
वरिष्ठ
नेताओं,
केंद्रीय
मंत्रियों
के
अलावा
दो
दर्जन
से
ज्यादा
मुख्यमंत्री
भी
नामांकन
के
दौरान
कोविंद
के
साथ
होंगे।
गौरतलब
है
कि
राष्ट्रपति
चुनाव
17 जुलाई
को
होने
वाले
राष्ट्रपति
चुनाव
के
लिए
नामांकन
भरने
की
अंतिम
तिथि
28 अप्रैल
है।
असमंजस में माया-अखिलेश
उत्तर प्रदेश की
पार्टियों
सपा
और
बसपा
में
एक
अलग
ही
असमंजस
बना
हुआ
है।
दरअसल
ये
दोनों
पार्टी
राजग
प्रत्याशी
का
विरोध
करके
यह
संदेश
नहीं
देना
चाहती
कि
पहली
बार
यूपी
के
बनने
वाले
राष्ट्रपति
की
बारी
में
कोई
रोड़ा
अटका
रहे
हैं।
वहीं
अभी
तक
सपा
के
सरंक्षण
मुलायम
के
समर्थन
अलावा
सपा
प्रमुख
अखिलेश
व
बसपा
सुप्रीमो
मायावती
की
ओर
से
अभी
तक
न
तो
कोविंद
के
दलित
होने
के
बावजूद
समर्थन
या
विरोध
जताने
का
कोई
बयान
तक
नहीं
आया
है।
इसलिए
माना
जा
रहा
है
कि
समाजवादी
पार्टी
और
बहुजन
समाज
पार्टी
इस
मुद्दे
पर
असमंजस
में
है।
महेश शर्मा का घर बनाया ठिकाना
केन्द्रीय संस्कृति मंत्री
महेश
शर्मा
का
10 अकबर रोड स्थित
आवास
भाजपा
के
राष्ट्रपति
पद
के
उम्मीदवार
रामनाथ
कोविंद
का
अस्थायी
ठिकाना
बनाया
गया
है,
जहां
गुरुवार
को
कोविंद
को
इस
पद
के
लिए
उम्मीदवार
बनाये
जाने
पर
बधाई
देने
वालों
का
तांता
लगा
रहा।
सूत्रों
के
अनुसार
कोविंद
17 जुलाई
को
राष्ट्रपति
पद
के
चुनाव
तक
लुटियंस
दिल्ली
में
स्थित
10 अकबर
रोड
बंगले
में
ही
रहेंगे।
हालांकि
उन्हें
इससे
पहले
बिहार
के
राज्यपाल
के
रूप
में
144, नार्थ
एवेन्यू
आवंटित
किया
गया
था,
जिसमें
उन्हें
राज्यपाल
के
रूप
में
उनके
इस्तीफे
के
बाद
केन्द्र
के
शीर्ष
अधिकारियों
ने
आवंटित
करने
का
फैसला
किया
था।
23June-2017
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