रविवार, 11 जून 2017

विकास में गेम चेंजर बनेगी ‘सागरमाला’




राज्यों की साझीदारी में चलेगा सागरमाला कार्यक्रमओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश के बंदगाहों की क्षमता बढ़ाने की दिशा में उनके आधुनिक विकास के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना ‘सागरमाला’ कार्यक्रम में तेजी लाने के लिए तटीय राज्यों की साझेदारी को बढ़ाने पर सहमति बनाई गई है।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में यहां नई दिल्ली में ‘सागरमाला’ परियोजना पर तटीय राज्यों के साथ आयोजित एक कार्यशाला में मुख्य संबोधन के दौरान नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि बंदरगाह आर्थिक विकास के उत्प्रेरक साबित हो सकते हैं, जिसके साथ ही वे देश में निरन्तर 10 फीसदी की आर्थिक विकास दर हासिल करने का सबब बनेगी और निश्चित रूप से देश के विकास में सागरमाला कार्यक्रम गेम चेंजर साबित होगा। अमिताभ कांत ने चीन, कोरिया, जापान, और सिंगापुर के समुद्री कारोबार का जिक्र करते हुए कहा कि समुचित ढंग से क्रियान्वयन के लिए समस्त हितधारकों का समूह बनाने और इसके निर्यात पर केन्द्रित रणनीति बनाने की भी आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि चीन, कोरिया, जापान, और सिंगापुर में बंदरगाहों की अगुवाई में देश का तेजी से विकास हुआ है। भारत की आर्थिक विकास दर को बढ़ाकर 7.6 फीसदी के स्तर पर ले जाने के लिए वैश्विक बाजारों में पैठ बनाना आवश्यक है, जिसमें केवल बंदरगाह ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय वस्तुओं को वैश्विक बाजारों में उपलब्ध वस्तुओं के समकक्ष बनाने के लिए लॉजिस्टिक्स लागत को घटाना अत्यन्त जरूरी है और यह तभी संभव हो पाएगा जब बंदरगाह आगे चलकर विनिर्माण केन्द्रों (हब) में तब्दील हो जाएंगे। कांत ने भारत में क्रूज पर्यटन की असीम संभावना होने की बात दोहराते हुए सभी तटीय राज्यों से अपील की है कि वे इसे बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाकर आगे आएं।

तटीय नौवहन को प्रोत्साहन
कार्यशाला में जहाजरानी मंत्रालय में सचिव राजीव कुमार ने कहा कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राज्यों के प्राधिकरणों की ओर से सक्रिय भागीदारी अत्यन्त आवश्यक है। इस कार्यशाला का मकसद ‘सागरमाला’ कार्यक्रम के लिए जहाजरानी मंत्रालय के साथ रेलवे और कौशल विकास जैसे अन्य संबधित मंत्रालय के साथ विभिन्न तटीय राज्यो की भागीदारी सुनिश्चित की जाए, ताकि केंद्र व राज्यों के बीच समन्वय के बीच परियोजनाओं की गतिविधियों का विस्तार और परियोजना का तेजी से कार्यान्वयन हो सके। उन्होंने कहा कि सागरमाला कार्यक्रम नियोजन के चरण से आगे बढ़कर अब क्रियान्वयन के चरण में पहुंच गया है और अब परियोजना के तीन ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों कनेक्टिविटी का विस्तार करना, क्रूज शिप का विकास करना और तटीय नौवहन को बढ़ावा देने से जुड़ी परियोजनाओं का काम राज्यों को अपने हाथ में लेना जरूरी है। कार्यशाला में समुद्र तटवर्ती राज्यों के प्रधान सचिवों, बंदरगाहों के प्रमुखों और सम्बन्धित मंत्रालयों के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
11June-2017

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