सोमवार, 12 जून 2017

देश में 4.5 करोड़ ग्रामीण घरों में नहीं उजाला

तय नीति से पूरी होंगी लंबित विद्युत परियोजनाएं: गोयल
हरिभूमि ब्यूरो.
नई दिल्ली।
देश को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हरेक घर को चौबीसों घंटे आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी होने लगी है। वहीं देश में लंबित पड़ी विद्युत परियोजनाओं के कारण देश में अभी भी वंचित करीब साढ़े चार करोड़ ग्रामीण घरों को बिजली से रोशन करने के लिए सरकार ने खास नीति तैयार की है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को अपने मंत्रालय की तीन साल की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले तीन साल में देश में पारंपरिक बिजली में करीब 40 फीसदी और उत्पादन क्षमता में एक चौथाई की वृद्धि की है। उन्होंने दावा किया कि देश में बिजली की कोई कमी नहीं है और देश पावर प्लस की श्रेणी में आ चुका है, जिसमें बिजली उत्पादन के लिए कोयले की भी कोई किल्लत नहीं है। गोयल ने कहा कि सरकार ने एक राष्ट्र, एक ग्रिड और एक दर के साथ किफायदी दरों वाली अवधारणा को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि पिछले कई अरसों से देश में सैकड़ो विद्युत परियोजनाएं किसी न किसी कारण से अटकी हुई है, जिन्हें पूरा करने के लिए सरकार ने एक खास नीति तैयार की है ताकि देश के हरेक घर को 24 घंटे बिजली मुहैया कराई जा सके। गोयल ने कहा कि सरकार ऐसी ताप बिजली परियोजनाओं के ऋण संकट के समाधान के नजदीक हैं, जहां परियोजना का विकास कर रही कंपनी ने कर्ज चुकाने के मामले में जानबूझ कर चूक नहीं की है। बिजली मंत्रालय कुल प्रस्तावित 11,639 मेगावाट क्षमता की अटकी हुई पन बिजली परियोजनाओं को तय नीति से पूरा करने के लिए 16,709 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान लगाया गया है।
2022 तक हर घर होगा रोशन
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि पीएम मोदी के 15 अगस्त 2022 तक स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर देश के हर घर को बिजली से रोशन करने के सपने को लक्ष्य से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। देश के वंचित 18452 गांवों की पहुंच को एक हजार दिन में बिजली तक पहुंचाने के लिए चलाई जा रही डीडीयूजीजेवाई के तहत 6 जून तक 13598 गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है और शेष बचे गांवों में इस साल के अंत तक बिजली पहुंचा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गांवों के विद्युतीकरण के साथ सरकार गांव के हर घर में बिजली देने की योजना चला रही है, जहां देश में अभी भी करीब 4.5 करोड़ ग्रामीण घर बिजली की सुविधा से वंचित हैं, जिसका कारण सालों से अटकी विद्युत परियोजनाएं भी हैं। गोयल ने बताया कि उनका मंत्रालय और नीति आयोग मिल कर अगले 25 वर्ष के लिए एक ऊर्जा सुरक्षा नीति का समौदा तैयार करने में लगे हैं।
सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन
गोयल ने नवीकरणीय स्रोतों से बिजली उत्पादन में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए सब्सिडी देने की योजना का जिक्र किया और उम्मीद जताई कि 2022 तक भारत में नवीकरणीय बिजली की स्थापित क्षमता ताप बिजली की स्थापित क्षमता को पार कर जाएगी। इस लक्ष्य में देश में नवीकरणीय स्रोतों से 1.75 लाख मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता को हासिल करना है। सरकार की उदय योजना के जरिए बिजली उत्पादन और आपूर्ति में सुधार का दावा करते हुए गोयल ने कहा कि विश्व बैंक के ‘बिजली पाने में आसानी’ सूचकांक में भारत की रैंकिंग 99वें स्थान से खिसकने के बाद 26वें पायदान पर आ गई है।

बिजली की बचत
देश में बिजली की बचत के लिए ऊर्जा दक्षता पहल के तहत चलाई जा रही एलईडी योजना के बारे में पीयूष गोयल ने बताया कि देशभर में अब तक 56 करोड़ एलईडी बल्ब वितरीत किये गये हैं, जिनमें 24 करोड़ सरकारी तंत्र द्वारा वितरीत किये हैं। उन्होंने दावा किया कि इस योजना से जहां बिजली की बचत हो रही है, वहीं 12 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक बचत भी हो रही है, तो वहीं 2.5 करोड़ टन से भी ज्यादा सीओ2 के उत्सर्जन की वार्षिक कमी दर्ज की गई है।
13June-2017

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