संसद का मानसून सत्र
संसद में 11 अगस्त को पेश होगी जेपीसी रिपोर्ट
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद
के मौजूदा मानसून सत्र के भले ही तीन सप्ताह की कार्यवाही गतिरोध के कारण
हंगामे की भेंट चढ़ गई हो, लेकिन सरकार अगले सप्ताह बहुचर्चित भूमि अधिग्रहण
विधेयक को संसद में पारित कराने की तैयारी में है। सरकार पहले ही इस
विधेयक पर विपक्ष के चौतरफा दबाब पर कुछ विवादित संशोधन वापस लेने का भरोसा
दे चुकी है और संयुक्त संसदीय समिति की अंतिम रिपोर्ट भी समिति में
विपक्षी सदस्यों की सहमति से तैयार हो रही है, जो 11 अगस्त को लोकसभा में
पेश होगी।
दरअसल भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक की पड़ताल करने वाली
संयुक्त संसदीय समिति में भी सरकार द्वारा किये गये संशोधनों पर गतिरोध
गहराया हुआ था, जिसके कारण जेपीसी को अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए तीन
बार कार्यकाल का विस्तार कराना पड़ा। इस विस्तार के अनुसार संयुक्त संदीय
समिति को आज शुक्रवार को रिपोर्ट संसद में पेश करनी थी, लेकिन पूर्व
राष्टÑपति ऐपीजे अब्दुल कलाम के निधन के कारण समिति की बैठक नहीं हो सकी और
अब अंतिम रिपोर्ट पर समिति की सहमति बनाने के लिए दस अगस्त को बैठक होगी,
जो इस रिपोर्ट को अगले दिन यानि 11 अगस्त को संसद में पेश करेगी। सूत्रों
के अनुसार संसद और संसद से बाहर विपक्षी दलों में इस विधेयक के संशोधनोें
को लेकर सरकार चौतरफा घिरी हुई थी, वहीं किसान संगठनों को भी इस विधेयकों
के संशोधनों पर ऐतराज रहा। इस विधेयक की जांच पड़ताल कर रही संयुक्त संसदीय
समिति के एक सदस्य ने बताया कि यह विरोध समिति के बीच सदस्यों में भी गहरी
आपत्तियों के साथ गहराया हुआ था, जिसके कारण सरकार को देश में भूमि
अधिग्रहण विधेयक को संसद में पारित कराने के लिए वर्ष 2013 में यूपीए सरकार
के विधेयक के प्रावधानों को भी बरकरार रखने और आपत्तिजनक संशोधन वापस करने
के लिए वापसी करनी पड़ी है। सूत्रों के अनुसार सामाजिक प्रभाव का संतुलन
बनाने के लिए सरकार ने छह संशोधनों को वापस करने पर सहमति बनाई है। इसी
आधार पर समिति की सिफारिशों पर सरकार रिपोर्ट पेश होने के बाद कैबिनेट में
मंजूरी देगी और फिर लोकसभा में विधेयक पेश करके इसी सत्र में उसे पारित
कराने का प्रयास करेगी।
कैसा होगा विधेयक

सरकार की उम्मीद बढ़ी
संसदीय
कार्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने शुक्रवार को कहा कि भूमि अधिग्रहण
विधेयक उन कई अन्य विधेयकों में शामिल है, जिन्हें विचार और पारित कराने के
लिए अगले सप्ताह पेश किया जा सकता है। यदि महत्वपूर्ण भूमि विधेयक को अगले
सप्ताह लाया जाता है तो केंद्रीय कैबिनेट समिति की रिपोर्ट के आधार पर
संशोधनों को अंतिम रूप देने के लिए बैठक करेगी, ताकि विधेयक को सदन में पेश
करके उसे पारित कराया जा सके। उन्होंने संकेत दिये हैं कि भूमि बिल पर बनी
राष्टÑीय सहमति को देखते हुए सत्र को एक दिन के लिए विस्तार देने पर भी
विचार किया जा सकता है।
08Aug-2015
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