मंगलवार, 4 अगस्त 2015

लोकसभा में कांग्रेस के 25 सांसद निलंबित



हंगामे से टूटा धैर्य, पांच दिन के लिए हुआ निलंबन
हरिभूमि .
नई दिल्‍ली। 
संसद में पिछले दो सप्ताह तक विपक्ष के हंगामे से आहत लोकसभा अध्यक्ष का धैर्य सोमवार को आखिर जवाब दे गया। सदन में नारे लिखी तख्तियां लेकर आसन के करीब विपक्षी दलों के खिलाफ कड़ा रूख अपनाते हुए कांग्रेस के 25 सांसदों को पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया। संसद में पिछले दो सप्ताह तक व्यापमं और ललितगेट को लेकर विपक्ष की हठधर्मिता और हंगामे के सामने मोदी सरकार इतनी बेबस नजर आई कि वह मानसून सत्र में कुछ भी काम आगे नहीं बढ़ा सकी। सरकार के गतिरोध तोड़ने के सभी प्रयास विफल होने के बावजूद सोमवार को भी संसद में हंगामा बरकरार रहा। कई बार के स्थगन के बाद जब नियम 377 के तहत जरूरी मुद्दे उठाए जा रहे थे तो सदन में आसन के करीब आकर काली पट्टी बांधकर और नारे लिखी तख्तियों के साथ विपक्षी दलों ने नारेबाजी करते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। अध्यक्ष की चेतवानी के बावजूद जब कोई असर नहीं हुआ तो सुमित्रा महाजन ने लोकसभा अध्यक्ष के अधिकारों का प्रयोग करते हुए नियम 374-ए के तहत आसन के करीब सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे कांग्रेस के 25 सांसदों को सूचीबद्ध करके उन्हें पांच दिन के लिए निलंबित करने का ऐलान कर दिया। लोकसभा से निलंबन के कारण कांग्रेस के ये सांसद पांच दिन तक लोकसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकेंगे। मसलन सदन में कांग्रेस 44 सांसदों की संख्या घट कर 19 हो गई है। यदि इस दौरान बिना हंगामा सरकार संसद चलाना चाहे और वह कोई विधेयक या अन्य कामकाज लोकसभा में पास कराना चाहे तो उसके लिए राह आसान होगी।

इन सांसदों पर हुई कार्यवाही

लोकसभा में जिन सांसदों को निलंबित निलंबित किया गया है उनमें ज्यादातर युवा सांसद हैं। इनमें गौरव गोगोई, सुष्मिता देव, दीपेन्द्र हुड्डा, केसी वेणुगोपाल, केएच मुनियप्पा, सुखेन्द्र रेड्डी गुहा, एस पी मुद्दाहनुमेगौडा, अधीर रंजन चौधरी, बीएन चंद्रप्पा, अभिजीत मुखर्जी, रामचन्द्रन मुल्लापल्ली, विसेंट एच पाला, एम के राघवन, रणजीत रंजन, सीएल रुएला, ताम्रध्वज साहू, राजीव शंकरराव सातव, रवनीत सिंह, संतोख चौधरी, अबु हासिम खान चौधरी, आर ध्रुव नारायण, डॉ टी मेन्या, निनांग इरिंग, बी वी नायक व सुरेश कोडीकुन्नील शामिल हैं। 
क्या बोली स्पीकर
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इन सांसदों के निलंबन की कार्यवाही पर कहा कि सदन में उन्हें देखना है कि सदन सुचारू रुप कैसे चलाई जाए। उन्होंने कहा कि सदन में विरोध का तरीका होता है, प्लेकार्ड दिखाना सही नहीं। महाजन ने कहा कि वह आठ दिन से इस बात को सहन करती आ रही थीं। उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई जब स्पीकर के सामने प्लेकार्ड लाए जा रहे थे। नाराज दिख रहीं स्पीकर ने कहा कि मैंने बार-बार कोशिश की इन्हें बंद करूं। महाजन ने कहा कि सोमवार की कार्रवाई सभी के लिए संदेश है, सभी नियमों के तहत ही चलना होगा। लोकसभा संचालन के नियम 364 (ए) के तहत यह कार्रवाई हुई। संसदीय कार्यराज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि पिछले कई दिनों से कांग्रेस के सांसद नियम तोड़ रहे थे।
तृणमूल व आप का सर्मथन
लोकसभा में 25 सांसदों के निलंबन की कार्यवाही के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस पार्टी के सर्मथन में उतर आई है, जिन्होंने कांग्रेस के साथ इन पांच दिन के दौरान सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि इसी प्रकार राकांपा के भी कांग्रेस के सर्मथन में आने की चर्चा है, लेकिन राकापां की और से इस तरह का अधिकृत ऐलान सामने नहीं आया है।
अब बारी उच्च सदन की
संसद के मानसून सत्र के दौरान पिछले दो सप्ताह की कार्यवाही में ललित मोदी और व्यापमं मामले पर विपक्षी दल उच्च सदन में भी इसी प्रकार हंगामा करता आ रहा है, जहां लोकसभा की तरह ही बड़े-बड़े नारे लिखे प्लेकार्ड लेकर आसन के करीब आकर कांग्रेस के सदस्य मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके हंगामा करते आ रहे हैं। लोकसभा में निलंबन की कार्यवाही का असर राज्यसभा में हो सकता है, हालांकि राज्यसभा में सभापति और उपसभापति कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं, लेकिन सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या कार्यवाही की जा सकती है यह लोकसभा की तरह ही उच्च सदन की पीठ के अधिकार क्षेत्र में आता है।
लोकतंत्र का काला दिन-सोनिया
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के 25 सांसदों को अगले पांच दिन तक लोकसभा से निलंबित करने के फैसले को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है। कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मन की बात के चैंपियन मौन व्रत धारण करके बैठे हैं।
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का निर्णय संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ है। गुलाम नबी आजाद ने भी इस पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा कि सरकार खुद को तानाशाह और विपक्ष का गुलाम समझती है। 
04Aug-2015

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