बुधवार, 19 अगस्त 2015

राष्ट्रीय दलों में सबसे अमीर कांग्रेस पार्टी

भाजपा ने नहीं जमा कराई अपनी वार्षिक आय की रिपोर्ट
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
देश के राजनीतिक दलोें में पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में नियमानुसार पार्टियों को हरेक वित्तीय वर्ष अपनी आय और व्यय का विश्लेषण चुनाव आयोग में पेश करना जरूरी है, लेकिन भाजपा ने समय मांगने के बावजूद अपना ब्यौरा पेश नहीं किया, जबकि अन्य पांच राष्ट्रीय दलों द्वारा पेश किये गये वित्तीय ब्यौरे में कांग्रेस सबसे बड़ी अमीर पार्टी साबित हुई है।
केंद्रीय सूचना आयोग के निर्देश के बाद सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद चुनाव आयोग ने दिशा निर्देश जारी किये थे कि राजनीतिक दलों में पारदर्शिता को बढ़ाने तथा चुनाव सुधार की दिशा में पार्टियोें को मिलने वाले चंदे और अन्य आय के स्रोतों का ब्यौरा प्रस्तुत करना जरूरी है। चुनाव सुधार के लिए काम कर रही गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म यानि एडीआर ने एक अध्ययन रिपोर्ट में खुलासा किया है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 के आय एवं व्यय का विश्लेषण चुनाव आयोग के समक्ष पेश करने के लिए 30 नवंबर 2014 तय की गई थी, जिसमें छह राष्ट्रीय दलों कांग्रेस, राकांपा, बसपा, सीपीआई, सीपीएम ने तो अपनी आॅडिट रिपोर्ट पेश कर दी है, लेकिन भाजपा ने गत नौ जुलाई को चार सप्ताह का समय मांगने के बावजूद अभी तक वित्तीय ब्यौरा पेश नहीं किया है। बसपा और सीपीएम ऐसे दल थे, जिन्होंने समय से पहले वित्तीय ब्यौरा चुनाव आयोग को भेज दिया था, जबकि कांग्रेस ने पिछले महीने की दस तारीख को कड़े विरोध के साथ वित्तीय ब्यौरा पेश किया है। चुनाव आयोग के समक्ष सार्वजनिक हुए इन पांच राष्ट्रीय दलों में वित्तीय वर्ष 2013-14 में कांग्रेस ने 598.06 करोड़ रुपये की आय घोषित करके अमीर राजनीतिक दल होने का परिचय दिया है, जबकि 121.87 करोड़ रुपये के साथ सीपीएम दूसरे पायदान पर रही। बसपा ने 66.91 करोड़ रुपये, राकांपा ने 55.42 करोड़ रुपये की आय का ब्यौरा सार्वजनिक किया है। जबकि सीपीआई ने सबसे कम 2.43 करोड़ रुपये की आय घोषित की है। मसलन इन पांचो दलों की कुल वार्षिक आय 844.71 करोड़ घोषित हुई है।

किसे कितना चंदा मिला
चुनाव आयोग के समक्ष पेश किये गये इस वित्तीय ब्यौरे के अनुसार पांचों राष्ट्रीय दलों की घोषित 844.71 करोड़ की आय में 845.64 करोड़ कूपनों की बिक्री, 188.22 करोड़ रुपये चंदे तथा 170.85 करोड़ रुपये की राशि अन्य स्रोतों से दर्शायी गई है। इनमें भी कांग्रेस सबसे आगे रही। पार्टी द्वारा कूपनों की बिक्री से अर्जित 485.64 करोड़ रुपये 477.34 करोड़ के साथ कांग्रेस अव्वल रही, जबकि शेष 8.22 करोड़ रुपये के कूपन राकांपा ने बेचे। जबकि चंदे में कांग्रेस को 64.24 करोड़ रुपये, बसपा को 48.60 करोड़ रुपये, राकांपा को 14.02 करोड़ रुपये, सीपीएम को 60.53 करोड़ रुपये तथा 84 लाख सीपीआई को प्राप्त हुए हैं। जहां तक अन्य स्रोत से इन दलों को आय का सवाल है उसमें सर्वाधिक 61.35 करोड़ रुपये सीपीएम, 56.51 करोड़ रुपये कांगे्रस, 33.09 करोड़ रुपये राकांपा, 18.32 करोड़ रुपये बसपा तथा 1.60 करोड़ रुपये सीपीआई को प्राप्त हुए।
क्या थे सुप्रीम कोर्ट के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर 2013 को एक आदेश में कहा था कि उम्मीदवारों के शपथपत्र का कोई भी हिस्सा खाली नहीं रहना चाहिए, इसी तर्ज पर फार्म 24-ए जो राजनीतिक दलों द्वारा बीस हजार रुपये से ज्यादा दान देने वाले लोगों के लिए प्रस्तुत किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जारी किये थे, जिसके लिए केंद्रीय सूचना आयोग भी अपना निर्णय सुना चुका था।
19Aug-2015

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