बुधवार, 5 अगस्त 2015

लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी में विपक्ष

कांग्रेस के साथ मिलकर रणनीति पर हो रहा है विचार विमर्श
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
लोकसभा में कांग्रेस के 25 सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्षी दलों की कांग्रेस के साथ लामबंदी सरकार के खिलाफ घातक साबित हो सकती है। मसलन निलंबन की कार्यवाही वापस न होने पर कांग्रेस विपक्षी दलों के साथ मिलकर सदन में लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव लाने की रणनीति बना रही है।
ललित गेट और व्यापम घोटोले के मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्मंत्री वसुंधरा राजे और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के इस्तीफे की मांग पर जारी हंगामे से संसद के मानसून सत्र का कामकाज ठप पड़ा हुआ है और कांग्रेस की पहले कार्यवाही बाद में चर्चा की रणनीति के चलते हंगामे के कारण लोकसभा में कांग्रेस के 25 सांसदो का निलंबन सरकार और लोकसभा अध्यक्ष के गले की फांस भी बन सकता है। इस निलंबन पर अन्य विपक्षी दलों के साथ ने कांग्रेस के सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए हौंसले को बुलंद किया है। इस निलंबन की मांग को लेकर विपक्षी दल भी कांग्रेस का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की विपक्षी दलों के साथ मिलकर जिस रणनीति को सदन में अपनाने पर विचार विमर्श हो रहा है उसमें यदि लोकसभा अध्यक्ष निलंबन की इस कार्यवाही को वापस नहीं लेती तो विपक्ष सदन में लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव भी पेश कर सकते हैं। हालांकि लोकसभा में सत्तापक्ष बहुमत में है, फिर भी विपक्षी दल सदन में एक मजबूत विपक्ष की एकजुटता पेश करके सदन के कामकाज में रोड़ा बन सकता है। मसलन कांग्रेस के सांसदों संसद में जारी गतिरोध के बीच सरकार और विपक्ष दोनों के इस कड़े रूख का परिणाम घातक साबित हो सकता है। ऐसे में बचे हुए मानसून सत्र मेें यदि इन आरोप-प्रत्यारोपों का दौर तेज हुआ तो मानसून सत्र हंगामे में धुल सकता है।
विपक्षी दलों में रणनीति पर चर्चा
विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने ऐसे संकेत दिये हैं कि इस निलंबन की कार्यवाही को रद्द कराने के लिए विपक्षी दलों की उग्र रणनीति सरकार और लोकसभा अध्यक्ष के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। भाकपा नेता सीताराम येचुरी की माने तो लोकसभा अध्यक्ष के नरम रुख न अपनाने पर पूरा विपक्ष मिलकर उनके खिलाफ प्रस्ताव लाने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह संकेत भी दिया है कि इस प्रस्ताव के लिए सभी विपक्षी दल आपस में विचार विमर्श कर रहे हैँ। निलंबित कांग्रेसी सांसदों के समर्थन में मंगलवार को आयोजित संयुक्त विपक्ष के धरने में एसपी, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस और लेμट पार्टियों के नेताओं की मौजूदगी से विपक्षी एकता की कोशिशों को बल मिला है। संसद के अंदर भाजपा के नजदीक माने जाने वाले दलों ने भी निलंबन को रद्द करने के पक्ष में हैं। इसका कारण है कि सदन में मंगलवार को बीजद के तथागत सत्यपथी ने सुमित्रा महाजन से कहा कि निलंबन को पांच दिन से घटाकर एक दिन करने का अनुरोध किया है। ऐसी ही राय एआईएडीएमके की है।
सरकार का भी सख्त तर्क
संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार किसी भी तरह झुकने को तैयार नहीं है। यह लोकसभा अध्यक्ष का फैसला है। अगर कांग्रेस को सस्पेंशन वापस कराना है तो स्पीकर से ही रिक्वेस्ट करनी होगी। 1989 में 63 सांसदों के सस्पेंशन का मामला उठाते हुए नायडू ने कहा-कांग्रेस 25 सांसदों को सस्पेंड किए जाने को लोकतंत्र की हत्या बता रही है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा- जिस पार्टी ने इमरजेंसी लगाकर जनता के सभी अधिकार खत्म कर दिए थे। जिस पार्टी में मां अध्यक्ष और बेटा उपाध्यक्ष हो, वह लोकतंत्र की बात करे तो अजीब सा लगता है।
05Aug-2015

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