सोमवार, 3 अगस्त 2015

भू-बिल पर मुश्किल में घिरी सरकार!

जेपीसी ने तीसरी बार मांगा कार्यकाल विस्तार
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
संसद के मानसून सत्र में भूमि अधिग्रहण विधेयक के पेश होने की संभावनाएं और भी क्षीण हो गई है, जिससे इस मुद्दे पर सरकार की मुश्किलें बढ़ना तय है। मसलन भूमि बिल की जांच पड़ताल कर रही संयुक्त संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए तीसरी बार कार्यकाल बढ़ाने की मांग की है, जिसका प्रस्ताव सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा।
संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार जिन महत्वपूर्ण कामकाज को लेकर आई थी उसमें तनिक भी आगे नहीं बढ़ चुकी है, जिनमें भूमि अधिग्रहण विधेयक सरकार की वरीयता सूची में सबसे ऊपर था। देश में विकास कार्यो की गति को तेज करने के लिए सरकार के लिए जल्द से जल्द भूमि अधिग्रहण विधेयक पर संसद की मुहर लगवाना पहली प्राथमिकता थी, लेकिन बजट सत्र में इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को सौंपे जाने के बाद समिति और विपक्षी दल खासकर कांग्रेस के सरकार के संशोधनों पर तेजी से उभरते विरोध का प्रभाव सीधे जेपीसी पर भी पड़ा, जो नियत समयसीमा में अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दे सकी। मसलन संयुक्त संसदीय समिति में शामिल विपक्षी दलों के बिल में संशोधनों के खिलाफ कड़े तेवरों के कारण संसद में पेश होने वाली रिपोर्ट पर अंतिम राय तक नहीं बन पायी। समिति को भूमि बिल पर अपनी सिफारिशों और सुझावों के साथ अपनी रिपोर्ट मानसून सत्र के पहले दिन ही संसद में पेश करनी थी, लेकिन सत्र शुरू होने से पहले ही समिति ने 28 जुलाई तक का कार्यकाल बढ़वा लिया था। उसके बाद इस मुद्दे पर बढ़े विवादों के कारण तीन अगस्त का समय लोकसभा में एक प्रस्ताव के तहत दिया गया। इसके आधार पर समिति को सोमवार से शुरू होने वाले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया की अध्यक्षता वाली जेपीसी ने सोमवार को लोकसभा में समिति के कार्यकाल को सात अगस्त तक का विस्तार मांगने का प्रस्ताव रखा है। इस कारण सरकार की इस मुद्दे पर मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
संसद में आज
मोदी सरकार के संसद में कामकाज के लिए बनाए गये एजेेंडे के सभी कामकाज अभी तक अटके हुए हैं। मसलन मानसून सत्र के पहले दिन से जिन विधायी और अन्य कार्यो को कार्यसूची किया गया था, सरकार उन्हीं अधूरे कामकाज को सोमवार को शुरू होने वाली कार्यवाही में आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी। लोकसभा में सोमवार की कार्यसूची में सबसे महत्वपूर्ण भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक-2015 पर संयुक्त संसदीय समिति एक बार अपना कार्यकाल सात अगस्त तक बढ़ाने का प्रस्ताव पेश करेगी। इसके अलावा सदन में विनियोग (रेल) विधेयक, दिल्ली उच्च न्यायालय (संशोधन) विधेयक, परक्राम्य लिखत (संशोधन) विधेयक के अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक पेश करने का प्रस्ताव है। लोकसभा में सरकार की ओर से कई विषयों पर रिपोर्ट भी पेश होनी है। वहीं दूसरी ओर राज्यसभा में सोमवार की कार्यसूची में भ्रष्टाचार निवारण(संशोधन) विधेयक, किशोर न्याय (बालको की देखरेख और संरक्षण)विधेयक, सूचना प्रदाता सरंक्षण(संशोधन) विधेयक तथा विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक को शामिल किया गया है।
03Aug-2015

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