मंगलवार, 20 जनवरी 2015

‘ओबामा शो’ में संग्राम की आखिरी परेड


गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सेदार होंगे बीएसएफ के पांच दस्ते
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
गणतंत्रत दिवस की परेड में सीमा सुरक्षा बल के ऊंटों के दस्ते में पिछले दस सालों से शामिल होते आ रहे 16 वर्षीय संग्राम नामक ऊंट की आखिरी परेड होगी, जो इस साल बीएसएफ से सेवानिवृत्त हो जाएगा। हालांकि गणतंत्र दिवस की परेड में बीएसएफ के पांच
दस्ते हिस्सा ले रहे हैं।
इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में संग्राम(ऊंट) 11वीं बार राजपथ पर मार्च पास्ट में शामिल होगा। 16 वर्षीय संग्राम सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ का ऊंट दस्ते का महत्वपूर्ण प्रशिक्षित ऊंट है, जो ओबामा शो में अपना आखिर करतब दिखाएगा। मसलन ‘संग्राम‘ बीएसएफ के ऊंट दस्ते का सबसे बूढ़ा ऊंट है। 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र समारोह के दौरान यह उसकी 11वीं और आखिरी परेड होगी। निश्चित रूप से हर साल जनवरी की 26 तारीख को राजपथ पर आयोजित की जाने वाली अनेकता में एकता के प्राणतत्व को सहेजे गणतंत्र दिवस की भव्य परेड जिसमें अमेरिकी राष्टÑपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि होंगे, वह सीमा सुरक्षा बल के ऊंट दस्ते की परेड में संग्राम नामक ऊंट के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। परेड में एक से बढ़कर एक मार्च-पास्टों और सुन्दरतम झांकियों के बीच सीमा सुरक्षा बल का ऊंट दस्ता या ऊँट वाहिनी सबसे अनूठा और अलग नजारा पेश करता रहा है। रंग-बिरंगे तथा अनूठी साजस ज्जा से सुसज्जित इन ऊंटों पे अत्याधुनिक हथियारधारी जांबाज सीमा प्रहरियों की शोभा और ऊंटों पे सवार बीएसएफ के कैमल बैंड से निकलती स्वर लहरियों के माधुर्य का अनूठा संगम बरबस ही लाखों दर्षकों के दिलो-दिमाग को सम्मोहित सा करेगा।
बीएसएफ के ऊँटों की दास्तान
सीमा सुरक्षा बल के पास ऊँटों की अच्छी खासी तादाद में एक विशाल बेड़ा है जिसमें 1200 नर ऊँट हैं। बीएसएफ में सेवा के लिए ऊंटों की न्यूनतम आयु पांच और अधिकतम 16 साल होती है। आमतौर पर बल में जैसलमेरी (मजबूत कद-काठी), बीकानेरी (तीव्र गति के धावक) तथा नाचना (समारोहों के लिये उपयुक्त देहयष्टि) जैसे ऊँटों की तीन प्रजातियां सेवारत हैं। सीमा सुरक्षा बल के जोधपुर स्थित सहायक प्रशिक्षण केन्द्र में ऊँटों को चहारदीवारी के अन्दर प्रशिक्षण दिया जाता है। देश के कई संवेदनशील सीमातों में ये ऊँट और ऊँट सवार सीमा प्रहरी विभिन्न प्रकार की ड्यूटियों को अंजाम देते हैं। विशेषकर राजस्थान और गुजरात राज्यों की पाकिस्तान से लगतीं अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं के नजदीक स्थापित सीमा चैकियों पर ऊँट और ऊँट सवार सीमा प्रहरियों की अच्छी खासी तैनाती है। सीमावर्ती क्षेत्रों में ऊँट दस्तों पर नियमित गश्त, खुरा चेकिंग एवं निगरानी से सम्बधिंत अन्य जिम्मेवारियां भी हैं। ये ऊँट रेगिस्तानी इलाकों में जवानों को एक सीमा चैकी से दूसरी सीमा चैकी तक ले आने-जाने का उपर्युक्त संसाधन भी बनते हैं।
बीएसएफ के ये होंगे दस्ते
आगामी 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस की भव्य परेड में ‘रक्षा की प्रथम पंक्ति’ के नाम से विख्यात विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल ‘सीमा सुरक्षा बल’ राष्टÑपति प्रणब मुखर्जी को अपने पांच दलों के साथ सलामी देने राजपथ पर उतरेगा। इसमें सीमा सुरक्षा बल के पांच दल भाग लेंगे, जिनमें मार्चिंग कन्टिन्जेन्ट या पैदल दस्ता, ब्रास बैंड, कैमल कन्टिन्जेन्ट या ऊँट दस्ता, कैमल बैंड तथा मोटर साईकिलों पर हैरत-अंगेज कारनामे दिखाने वाले स्टंटमैन यानि जांबाज दस्ता शामिल है।
जांबाज करेंगे हैरतअंगेज प्रदर्शन
गणतंत्र दिवस की भव्य परेड में बीएसएफ के दस्तों में हैरतअंगेज प्रदर्शन करने वालों में प्रमुख रूप से साईड राइडिंग, डबल लैड़र, नेक राइडिंग, हामोर्नी, एक्सरसाइज, योगा, जांबाज, पैरलर बार, मानव पिरामिड, गुलदस्ता, सीमा प्रहरी प μलैग शो शामिल रहेंगे।
20Jan-2015

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