रविवार, 4 जनवरी 2015

विमानन क्षेत्र में सुधार करने की होगी चुनौती!

सरकार ने साधा सुरक्षित हवाई यात्रा का लक्ष्य
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्र में सात माह पहले सत्ता में आई मोदी सरकार ने विमानन क्षेत्र में सुधार के लिए ऐसे ठोस कदम उठाते हुए योजनाओं का खाका तैयार किया है, जिसमें हवाई यात्रा को सुरक्षित और संरक्षित किया जा सके, वहीं घरेलू विमानन कंपनियों की आर्थिक सेहत सुधारने की योजनाओं को भी शुरू किया है। इसके लिए सरकार के लिए नया साल किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
हालांकि केंद्र में भाजपानीत राजग सरकार के नागर विमानन मंत्रालय द्वारा हवाई संपर्क में सुधार और हवाई यात्रियों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से वर्ष 2014 के दौरान ही कई कदम उठाए हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण नई विमानन नीति के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाना भी शामिल रहा, लेकिन सरकार इस मसौदे व विमानन संबन्धी विधेयकों को संसद के शीतकालीन सत्र में पारित नहीं करा पाई, केवल राज्यसभा में एंटी हाइजैकिंग विधेयक-2014 ही पारित हो सका है। इसलिए वर्ष 2015 में सरकार के लिए नई विमानन नीति, विमानन क्षेत्र को देश की अर्थव्यवस्था का जीवंत क्षेत्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण लक्ष्य होगा, ताकि नागरिक विमानन के बुनियादी ढांचे को विश्व स्तरीय बनाने के साथ लोगों को सुरक्षित, टिकाऊ और किफायती हवाई संपर्क सेवाएं प्रदान करने का संकल्प साकार हो सके। हालांकि डीजीसीए डा. प्रभात कुमार ने यात्रियों के लिए अपने अधिकारों और शिकायत निवारण तंत्र आदि को जानने को लेकर एक नया पोर्टल नो योर राइट्स (केवाईआर) शुरू करके इस क्षेत्र में यात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराने के साथ विमानन अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ निजी विमानन कंपनियों को गंभीर बनाने के लिए शिकंजा कसने का काम किया है।
आर्थिक सेहत सुधार योजना
केंद्र सरकार ने प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया के लिए मंजूर की गई योजना के तहत 2014-15 की पहली तिमाही में एयर इंडिया के लिए करीब 3833 करोड़ रुपये जारी करने के साथ मौजूदा वित्तीय वर्ष में कुल 5500 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इसी दिशा में एयर इंडिया ने स्टार्ट एयरलाइंस से करार करते हुए पिछले पांच साल से लंबित प्रस्ताव का निपटान करते हुए विश्व स्तरीय एयरलाइंस का दायरा हासिल किया है। इस दिशा में सरकार ने अपने सात माह के कार्यकाल के दौरान एयर इंडिया की दुनिया के कई अन्य देशों में उड़ाने शुरू करने की उपलब्धियां भी हासिल की हैं। नागर विमानन मंत्रालय के सामने नए साल में एयर इंडिया के अलावा अन्य घरेलू विमानन कंपनियों की अर्थव्यवस्था में सुधार करने की बड़ी चुनौती भी होगी।
यह भी उपलब्धि रही
नागर विमानन मंत्रालय के तहत एएआई ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का दोहन करने के प्रयास के तहत अपने हवाई अड्डों पर सोलर फोटो वोल्टाइक प्लांट्स लगाने का फैसला किया है। वहीं देश के प्रमुख 13 हवाई अड्डों पर पांच मेगावाट की बिजली पैदा करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना को मौजूदा वित्तीय वर्ष के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा हवाई यात्रियों की मदद के लिए सीआईएसएफ ने 52 हवाईअड्डों तथा एएआई ने अन्य 19 हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क की व्यवस्था करने का दावा किया है। इसी प्रकार हज यात्रियों के लिए भारत में 21 उड़ान केंद्र बनाने के साथ प्रत्येक तीर्थयात्री के लिए 35, हजार रुपये किराया तय करते हुए कुल 550 करोड़ रुपये की सब्सिडी मुहैया कराई गई है।
04Jan-2015

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