गुरुवार, 22 जनवरी 2015

राज्यों में पानी की जंग पर गंभीर हुआ केंद्र!

हरियाणा,पंजाब व राजस्थान के जल बंटवारे का जल्द होगा समाधान
राज्यों के साथ विचार विमर्श करेंगी उमा भारती
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट में लंबित हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के बीच पानी की जंग को खत्म करने के इरादे से केंद्र सरकार गंभीर नजर आ रही है। हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के बीच जल बंटवारे का सकारात्मक समाधान तलाशने के लिए जल्द ही केंद्रीय जल संसाधान मंत्री सुश्री उमा भारती तीनों राज्यों के साथ बैठक करेंगी और अदालत से बाहर इसका स्थायी हल करने पर सहमति बनाने का प्रयास करेंगी। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय जल संसाधन मंत्री हर बुधवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करती हैं। इस दौरान हरियाणा, पंजाब और राजस्थान राज्यों के बीच जल के बंटवारे को लेकर चले आ रहे विवाद के मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की है। मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पंजाब-राजस्थान सीमा पर हरि के बैराज से बीकानेर कैनाल में पानी का प्रवाह बंद करने की समस्या के कारण राजस्थान को अपने हिस्से का पानी नहीं मिल पा रहा है। वहीं राजस्थान को यमुना नदी का पानी भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि राजस्थान ने इन राज्यों के खिलाफ मुकदमा दायर कर रखा है जो सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है। राजस्थान ने इस मुकदमे में हरियाणा, पंजाब और केंद्र सरकार के अलावा भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड को भी पक्षकार बनाया हुआ है। इस विवाद को सुलझाने के लिए उमा भारती ने अधिकारियों से विवाद के कारणों और तर्क हासिल कर समाधान के लिए हरि के बैराज या लुधियाना से आगे एक एक नया बांध बनाने का प्रस्ताव रखा। बहराल इस समाधान के लिए फरवरी के पहले सप्ताह में ही सुश्री उमा भारती तीनों राज्यों के साथ इस जल की जंग के समाधान के लिए विचार विमर्श करेंगी।
गिरते भूजल स्तर की चिंता
जल संसाधन मंत्री उमा भारती के साथ अधिकारियों की बैठक में यह भी पाया गया कि पंजाब में धान की फसल के कारण वहां के भूजल स्तर में तेजी से गिरावट आ रही है। पंजाब उत्पादन करके अपनी पैदावार को असम जैसे पूर्वोत्तर और दक्षिण राज्यों को बेच रहे हैं, जबकि असम में भी धान की खेती की जा सकती है। इसलिए उमा भारती गिरते भूजल स्तर को सुधारने के लिए पंजाब को धान की खेती न करने की सलाह भी देने जा रही हैं और उनका मानना है कि धान की खेती को यूपी, बिहार और असम राज्यों में ही किया जाना चाहिए।
समुद्र के पानी का शोधन
जल संसाधन मंत्रालय के सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने अधिकारियों समुद्र के खारे पानी पर भी फीडबैक लिया और समुद्र के खारे पानी को पीने योग्य बनाने के लिए ‘वाटर प्यूरीफिकेशन’ यानि जल शोधन की प्रक्रिया को शुरू करने पर जोर दिया। इसके लिए उमा भारती केरल, तमिलनाडु, गुजरात और लक्षद्वीप की सरकारों के साथ भी फरवरी में ही बैठक करके विचार विमर्श करके एक समेकित योजना को प्रस्ताव को अंतिम रूप देंगी।
अंतराष्ट्रीय  जल नीति
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने खारे पानी को शुद्ध जल में बदलने की विदेशी तकनीक और खारे पानी से कृषि उत्तपादन करने वाले देशों चीन, आस्ट्रेलिया, फीजी व इजराइल जैसे देशों में एक विशेषज्ञ दल भेजने पर विचार कर रही हैं। इसका कारण है कि इन देशों में वाटर कंजरवेशन और भू कंजरवेशन की तकनीक पर भारत में भी काम किया जाना संभव है, ताकि हर खेत को सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराया जा सके।
22Jan-2015

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें