शुक्रवार, 16 जनवरी 2015

फास्ट ट्रैक पर आयी सड़क परियोजनाएं!


निर्माण के लिए दो गुणा बजट को दी मंजूरी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में मोदी सरकार के विकास एजेंडे में सड़कों जाल बिछाने के साथ सुरक्षित यातायात के अभियान को लेकर सड़क परियोजनाएं फास्ट ट्रैक पर आना शुरू हो गई हैं। वहीं सरकार ने सड़क परियोजनाओं के बजट को भी दो गुणा करके निर्माण कार्य में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाने का दावा किया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्र में मोदी सरकार बनते ही मंत्रालय ने कई नए और अभिनव कदम उठाने शुरू कर दिये थे, जिनमे इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम, पूर्वोत्तर में त्वरित सड़क विकास कार्यक्रम, पुणे में इंस्टीट्यूट आॅफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च की शुरूआत, राजमार्ग परियोजनाओं की प्रणालियों को व्यवस्थित बनाने और प्रक्रियाओं को फास्ट ट्रैक पर लाने के लिए कदम उठाए गए हैं। सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा के साथ प्रदूषण में कमी और ईंधन की बचत लिए इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम (ईटीसी) की शुरूआत करते हुए देश में कुल 350 में से 103 टोल प्लाजा पहले से ही ‘फास्ट टैग’ से लैस कर दिये गये और शेष टोल प्लाजों को भी मार्च 2015 तक इस सुविधा से लैस करने का लक्ष्य साधा है। परियोजनाओं को मंजूरी देने में वृद्धि करते हुए इसके लिए 500 करोड़ की सीमा को दो गुणा करके 1000 करोड़ रुपये से अधिक की पीपीपी और ईपीसी यानी दोनों परियोजनाओं का साथ में मूल्यांकन करने के लिए मंत्रालय को अधिकृत किया गया है। मंत्रालय का दावा है कि लगभग 4000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण का काम में अभी तक दौरान 2000 किलोमीटर से अधिक दूरी के सड़क का निर्माण पूरा किया जा चुका है। सरकार ने 30 सड़क निर्माण के कार्य को एक साल के भीतर 30 किमी प्रतिदिन का लक्ष्य रखा है। सरकार की वैकल्पिक ईंधन और हाइब्रिड इंजन को बढ़ावा देने की योजना है। भारत जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है ताकि कच्चे तेल के आयात में कमी लाई जा सके। जैव ईंधन से कार्बन डाइआॅक्साइड का उत्सर्जन कम होता है। इससे प्रदूषण में कमी
आएगी।
सड़कों पर मौतें रोकना चुनौती
दुनियाभर में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या भारत में सबसे ज्यादा है, जिन्हें रोकना सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती होगी। हालांकि मंत्रालय ने सड़क दुर्घटना में घायल लोगों के नि:शुल्क इलाज के लिए दो पायलट परियोजनाओं के लिए समझौता पत्र
पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत वडोदरा-मुंबई राजमार्ग-8 और रांची-रारगांव-महुलिया(जमशेदपुर) राजमार्ग-33 पर हर 25 किलोमीटर पर जीपीएस युक्त एम्बुलेंस तैनात करने का प्रावधान किया गया है। घायल के भर्ती करने की स्थिति में पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में शुरू के 48 घंटों तक 30 हजार रुपये तक उपचार नि:शुल्क होगा।
नए मोटर अधिनियम का मकसद
मोदी सरकार द्वारा नए मोटर अधिनियम लागू करने का मकसद याताया व्यवस्था को दुरस्त करना और सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है। इस अधिनियम के तहत सरकार ने मानवीय हस्तक्षेप के बिना ही ड्राइविंग की गुणवत्ता की तकनीकी तौर पर
आंकलन करने की दिशा में पुणे में इंस्टीट्यूट आॅफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च शुरू किया गया, जहां कैमरा आधारित ड्राइविंग प्रणाली विकसित होने लगेगा। इस तकनीक से ड्राइविंग लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में भी सक्षम बनाया जा सकेगा।
पूर्वोत्तर में विकास
सरकार की योजना असम के गुवाहाटी से मेघालय में शिलांग के रास्ते ढाका तक दिसंबर में शुरू की गई बस सेवा को नियमित करने के लिए मार्गों को अंतिम रूप देने काम किया जा रहा है। मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में मेगा सड़क विकास की दिशा में विशेष त्वरित सड़क
विकास कार्यक्रम शुरू करने का दावा किया गया है। पूर्वात्तर में सड़कों को जाल बिछाने के मिशन के तहत फेज-ए के तहत सरकार ने सड़कों की विभिन्न श्रेणियों के 6418 किलोमीटर के 2/4 लेन को बनाने के लिए मंजूरी दे दी है। समूचे पूर्वोत्तर के करीब 33,500 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश में एसएआरडीपी-एनई के अरुणाचल का पैकेज भी शामिल है। सरकार ने फेज-बी के तहत सड़कों के 3723 किलोमीटर के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए स्वीकृति दे दी है। 
सुरक्षा का ढांचा 
सरकार यात्री कारों के लिए आॅफसेट फ्रंटल क्रैश परीक्षण और इम्पैक्ट क्रैश परीक्षण को अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है। इस परीक्षण को पूरा करने के लिए नेशनल आॅटोमेटिव टेस्टिंग एंड रिसर्च एंड डेवलेपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के तहत बुनियादा ढांचा विकसित किया जा रहा है। इन बुनियादी ढांचों के तैयार हो जाने के बाद इन्हें लागू कर दिया जाएगा। इन नियमों को पूरा करने के लिए कार निमार्ताओं के लिए एयर बैग सहित कई सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक हो जाएगा।


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