मंगलवार, 20 जनवरी 2015

हवाई सफर में बढ़ने लगा भरोसा!

नतीजा: 9.7 फीसदी ज्यादा लोगों ने किया हवाई सफर
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
भले ही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया समेत घरेलू विमान कंपनियां आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही हों, लेकिन मोदी सरकार द्वारा हवाई यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जिस तरह के विमानन नियमों में बदलाव करके सख्ती दिखाई है उससे हवाई यात्रा करने वालों में विमान यात्रा करने को लेकर भरोसा बढ़ा है। इसी का नतीजा है कि बीते साल में विमानों में यात्रा करने वालों की संख्या में 9.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
केंद्र में मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद अन्य जनहित के साथ ही हवाई यात्रा को सुरक्षित और संरक्षित बनाने के मकसद से विमानन कंपनियों के लिए नए दिशा निर्देश जारी करके यात्रियों की सुविधाओं को बेहद सरल करने का बीड़ा उठाया था और डीजीसीए ने कुछ नए कदम उठाते हुए विमानन कंपनियों पर सख्ती करते हुए दिशा निर्देशों को जारी किया था। इन दिशा निर्देशों में नागर विमानन मंत्रालय ने एयर इंडिया समेत सभी भारतीय विमानन कंपनियों की आर्थिक सेहत को सुधारने के भी मंत्र फूंके थे और इस बात को सुनिश्चित किया गया था कि यात्रियों में सुरक्षा की भावना पनपे और हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके लिए वेबसाइट और कुछ टोलफ्री नंबर भी जारी किये गये थे। सरकार के इस कदम के बाद भारतीय विमानन सेवा क्षेत्र में यात्रियों का भरोसा बढ़ता नजर आने लगा है। नागर विमानन मंत्रालय के मुताबिक इसी का नतीजा है कि बीते 2014 के पूरे साल यानी जनवरी से दिसम्बर के बीच घरेलू विमानों में कुल 673.83 लाख यात्रियों ने सफर किया है, जो इससे पिछले साल यानि 2013 के दौरान देश में कुल 614.26 लाख लोगों ने हवाई सफर किया था। इस प्रकार वर्ष 2014 के दौरान देश में विमान यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में 9.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हवाई यात्राा करने वाले लोगों में 2014 के दौरान एयर इंडिया के विमानों से देश में 124.25 लाख लोगों ने सफर किया, जबकि निजी विमानन कंपनियों ने इस दौरान 549.58 लाख यात्रियों को अपने विमानों से देश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचाया। मसलन विमानन सेवा के बाजार मेें एयर इंडिया की हिस्सेदारी 18.4 फीसदी पर ही टिकी रही, जबकि निजी एयरलाइन्स का बाजार हिस्सा 81.6 फीसदी आंका गया।
नए दिशा निर्देशों का असर
भारतीय विमानन सेवा में वर्ष 2014 की पहली तिमाही में यात्रियों की संख्या 153.81 लाख थी, लेकिन मई में केंद्र में आई राजग सरकार के बनने के बाद दूसरी तिमाही यानि अप्रैल से जून के तीन महीने में यह संख्या बढ़ती नजर आई, जो 170.30 लाख रही। जुलाई से सितंबर के बीच बरसात के मौसम के कारण विमान यात्रियों की संख्या में कुछ गिरावट दर्ज हुई और यह संख्या 167.32 लाख आंकी गई, लेकिन अंतिम व चौथी तिमाही में अक्टूबर से दिसंबर के बीच देश में घरेलू विमानन सेवा का यात्रियों ने खूब लाभ उठाया और यह संख्या लंबी छलांग लगाते हुए 182.39 लाख पर थमी। नागर विमानन मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि आजकल कोहरे और कडाके की ठंड की तरह बरसात के मौसम में भी विमानन सेवाएं प्रभावित होती हैं, जिसके कारण यह ग्राफ कम हो जाता है।
इंडिगो व एयर इंडिया पर भरोसा
नागर विमानन मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर की जाए तो वर्ष 2014 के दौरान हवाई यात्रा करने वाले कुल 673.82 लाख यात्रियों में से सबसे ज्यादा 214.25 लाख लोगों को घरेलू विमानन कंपनी इंडिगो ने हवाई यात्रा कराई है। इसके बाद सरकारी एयर इंडिया के विमानों में 124.25 लाख यात्रियों ने सफर किया। इसके बाद स्पाइसजेट ने 117.49 लाख, जेट एयरवेज ने 117.43 लाख, गो एयर ने 62.02 लाख, जेट लाइट ने 29.22 लाख, एयर कोस्टा ने 5.88 लाख लोगों को देश भ्रमण कराया है। जून में हवाई सेवा शुरू करने वाली एयर एशिया ने भी दिसंबर तक 3.28 लाख लोगों को अपने विमानों में यात्रा कराई है। समय से उड़ान के मामले में भी इंडिगो ने बाजी मारी है, जिसकी 77.1 प्रतिशत उड़ाने समय से रही, जिसके बाद गो एयर की 73.4 प्रतिशत, जेट एयरवेज व जेट लाइट की 69.9 प्रतिशत, स्पाइसजेट की 64.2 प्रतिशत तथा एयर इंडिया की 59.8 प्रतिशत उडाने समय से रही हैं।
20Jan-2015

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