गुरुवार, 15 जनवरी 2015

ब्रह्मा होंगे नए मुख्य चुनाव आयुक्त?

आज पदमुक्त होंगे वीएस संपत
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सुधारात्मक उपलब्धियों के साथ-साथ विवादों से घिरे रहे मुख्य चुनाव आयुक्त कल गुरुवार का अपना कार्यकाल पूरा करके पदमुक्त होने जा रहे हैं, तो उनके स्थान पर केंद्रीय चुनाव आयोग के वरिष्ष्ठ चुनाव आयुक्त हरिशंकर ब्रह्मा मुख्य
चुनाव आयुक्त बनाए जा सकते हैं।
आंध्र प्रदेश कैडर में 1975 बैच के आईएएस अधिकारी वीरावल्ली सुंदरम संपत 15 जनवरी को 65 साल के होने के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से मुक्त होने जा रहे हैं, जिनके स्थान पर तीन सदस्य चुनाव आयुक्त में उनके बाद वरिष्ठ चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा को मुख्य चुनाव आयुक्त का पद सौंपे जाने की संभावना है। यदि ब्रह्मा मुख्य निर्वाचन आयुक्त बने तो वे मई 2015 तक इस पद पर बने रहेंगे। हालांकि अभी तक उनके नाम की राष्टÑपति सचिवालय से अधिसूचना जारी नहीं की गई है। जहां तक वीएस संपत का सवाल है उन्होंने पंद्रहवी लोकसभा चुनाव के अंत मार्च 2009 में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था और तब से अब तक चुनाव सुधार की दिशा में उन्होंने राष्टÑीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्टÑीय स्तर पर भी उपलब्धियां हासिल की है। हालांकि सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन में विभिन्न नेताओं पर कार्यवाही को लेकर कई दलों ने सवाल भी खड़े किये तो खासकर नरेंद्र मोदी के चुनावी क्षेत्र की वाराणसी में रैली और पूजा के कार्यक्रम को लेकर भाजपा के विरोध-प्रदर्शनों पर मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने टिप्पणी की थी कि संपत ने कहा कि चुनाव आयोग लोकतंत्र का स्तंभ है और चुनाव आयोग को किसी दल का डर नहीं...। मसलन ‘न किसी से दोस्ती, न किसी से बैर’ तर्क देकर उन्होंने निष्पक्ष चुनाव कराने का दावा किया था। 1975 बैच के आंध्र प्रदेश कैडर के अधिकारी संपत जिलाधिकारी बने और उन्होंने राज्य प्रशासन के विभिन्न विभागों में काम किया। 90 के दशक में राज्य में बिजली सेक्टर में बड़े पैमाने पर हुए सुधार का रास्ता उन्होंने ही तैयार किया। इसके बाद संपत केंद्र में आए और ग्रामीण विकास और बिजली मंत्रालयों में सचिव पद का सफर करते हुए पदोन्नत होकर वह चुनाव आयोग तक पहुंचे।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां
संपत के कार्यकाल में चुनाव आयोग ने कई महत्वपूर्ण फैसले किए जिसमें मतदाता के दरवाजे तक फोटो के साथ मतदाता पहचान पर्ची का वितरण, लोकसभा चुनावों में अब तक के सबसे ज्यादा, 11 घंटे मतदान की इजाजत और मतदान में भागीदारी के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए भारतीय सूचना सेवा अधिकारियों से जागरूकता पर्यवेक्षक की नियुक्ति के फैसले शामिल रहे। इसका नतीजा रहा कि मतदान के दिनों में बड़ी संख्या में मतदाता घरों से निकले और 2014 के लोकसभा चुनाव में मतदान का रिकॉर्ड 66.4 प्रतिशत को छू गया, जबकि इससे पहले 2009 में यह 58.9 प्रतिशत ही रहता था। वहीं सात लोकसभा क्षेत्रों में वेरिफायबल वोटर पेपर आॅडिट ट्रेल (वीवीपीएटी)की शुरूआत और सोशल मीडिया को मीडिया कानून और नियमन के दायरे में लाने का भी फैसला भी उनकी उपलब्धियों में शामिल है। यदि नहीं उन्होंने देश के लोकतंत्र में जिस प्रकार की उपलब्धियों को पटरी पर चढ़ाया, उसका लोहा विदेशों में गूंजा और लोकसभा चुनावों को देखने के लिए 37 देशों के प्रतिनिधि भारत आ धमके और चुनाव प्रक्रिया को जानने का प्रयास किया।
कौन हैं एचएस ब्रह्मा
पूर्वोत्तर क्षेत्र के असम के रहने वाले आंध्र प्रदेश कैडर के 1975 बैच के आईएएस अधिकारी ब्रह्मा (64) हरि शंकर ब्रह्मा केंद्रीय उर्जा सचिव के पद के बाद हरि शंकर ब्रह्मा उस समय चुनाव आयोग भेजे गये, जब मुख्य निर्वाचन आयुक्त नवीन चावला के बाद शाहबुद्दीन याकूब कुरैशी ने मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार ग्रहण किया और वीएस संपत के साथ दूसरे चुनाव आयुक्त के रूप में एचएस ब्रह्मा नियुक्त हुए। ब्रह्मा आंध्र प्रदेश में चार साल तक जिला मजिस्टेट के रूप में तैनात रहे और साढे तीन साल हैदराबाद म्युनिसपिल्टी कारपोरेशन के आयुक्त रहे। जहां से वे केंद्र में विभिन्न मंत्रालयों में सचिव रहे। जब कुरैशी के बाद संपत मुख्य चुनाव आयुक्त बने तो उनका रिक्त स्थान नागर विमानन सचिव रहे डा. नसीम जैदी को सौंपा गया।मुख्य चुनाव आयुक्त बने तो हरि शंकर ब्रह्मा का कार्यकाल 19 अप्रैल तक तीन महीने से कुछ अधिक समय का होगा, जब वह 65 वर्ष के हो जाएंगे। इस पद के लिए अधिकतम उम्र सीमा संविधान के तहत 65 साल है। चुनाव आयोग के सदस्य बनाए जाने से पहले वह केंद्र में उर्जा सचिव थे। उन्होंने 25 अगस्त 2010 को तीन चुनाव आयुक्तों में से एक के तौर पर पदभार संभाला था। जेएम लिंगदोह के बाद सीईसी के पद पर पूर्वोत्तर से नियुक्त होने वाले ब्रह्मा दूसरे अधिकारी होंगे।
15jan-2015

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