मंगलवार, 28 अप्रैल 2015

जल्द होगी कलर कोड प्रणाली लागू

हवाई अड्डो के निकट भवन निर्माण पर नरम विमानन प्राधिकरण
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने हवाई अड्डों के आसपास बहुमंजिला भवनों के निर्माण के लिए नियमों व मानदंडों में बदलाव करके इसे आसान बनाने की कवायद शुरू कर दी है। खासकर दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों के निकट भवनों के निर्माण और उसकी ऊंचाई के लिए विमानन प्राधिकरण कलर कोड प्रणाली शुरू करने की तैयारी में है। सरकार का मकसद हवाई अड्डों और विमानों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार हवाई अड्डो के समीप भवनों एवं संरचना की ऊंचाई को विनियमित करने क लिए पांच साल पहले जारी नियम व मानदंडों का पिछले तीन साल में 15 हवाई अड्डो के निकट हुए निर्माण में उल्लंघन सामने आया है। ऐसे उल्लंघन से निपटने के लिए विमानन प्राधिकरण ने अब हवाई अड्डो के निकट बहुमंजिला भवनों के निर्माण के लिए नए मानदंड बनाने की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके लिए विमानन प्राधिकरण जल्द ही कलर कोड प्रणाली जारी करेगी। सूत्रों के अनुसार यह कलर कोड केवल दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों के लिए लागू होगा। उसके बाद इस प्रणाली को अन्य शहरों में भी लागू किया जा सकता है। मंत्रालय के सूत्रों की माने तो इन दोनों महानगरों के हवाई अड्डों के आसपास निर्माण के लिए विभिन्न हिस्सों के लिए अलग-अलग कलर कोड जारी किया जाएगा। इस प्रकार के मानदंडों के तहत बहुमंजिली इमारतों के लिए विमानन प्राधिकरण से इजाजत हेतु लंबी लंबी प्रक्रिया से बचा जा सकेगा। विमानन प्राधिकारण को इसी कलर कोड के जरिए पता चल जाएगा कि किसी एरिया में उंची इमारत बनाने के लिए प्राधिकरण से इजाजत लेने की आवश्यकता है या नहीं। नागर विमानन मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि शहरी विकास मंत्रालय और अन्य संबन्धित मंत्रालयों के बीच निर्माण कार्यो के लिए इजाजत देने की प्रक्रिया को आसान बनाने पर चर्चा हो चुकी है। इसी बैठक में नागर विमानन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने भी हिस्सा लिया और सुझाव के बाद कलर कोड प्रणाली जारी करने पर सहमति बनी। फिलहाल यह सिस्टम दिल्ली और मुम्बई के लिए होगा, लेकिन बाद में दूसरे शहरों के लिए भी यही कलर कोड प्रणाली लागू की जा सकती है।
कैसी होगी कलर कोड प्रणाली
सूत्रों के अनुसार इन दोनों महानगरों में हवाई अड्डों के आसपास किसी क्षेत्र में जहां कितनी भी ऊंची बिल्डिंग बनाने को लेकर विमानन प्राधिकरण को कोई आपत्ति न हो, उस एरिया को वह ग्रीन कलर दे सकती है। ग्रीन कलर देखकर स्थानीय निकाय ही नक्शे पर विमानन प्राधिकरण की ओर से इजाजत दे देंगे। इसी तरह से एक अलग कलर से यह पता चल सकेगा, कि यहां एक तय सीमा से ऊंची इमारत बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसके अलावा जिन इलाकों में शर्तो के साथ इजाजत दी जा सकती है, उस एरिया के लिए अलग कलर होगा। इस तरह से कलर देखकर ही पता चल जाएगा कि ऐसे निर्माण को विमानन प्राधिकरण की इजाजत की जरूरत है अथवा नहीं।
28Apr-2015

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