गुरुवार, 9 अप्रैल 2015

भारतीय विमानन सेवा की ऊंची उड़ान!

-डीजीसीए को मिला प्रथम श्रेणी का दर्जा
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संघीय विमानन प्रशासन ने भारतीय विमानन क्षेत्र में विकास की गति को बेहतर करार दिया। संघीय विमानन प्रशासन ने भारतीय नागर विमानन क्षेत्र में नियामक संगठन के रूप में नागर विमानन महानिदेशालय को प्रथम श्रेणी में सूचीबद्ध कर लिया है।
नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार मंगलवार को भारत के दौरे पर आये अमेरिकी परिवहन विभाग में मंत्री एंथनी फॉक्स के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने यहां नागर विमानन मंत्री पशुपति अशोक गजपति राजू से मुलाकात की। इस दौरान अमेरिकी परिवहन विभाग के मंत्री एंथनी फॉक्स राजू को जानकारी दी कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संघीय विमानन प्रशासन द्वारा नागर विमानन महा निदेशालय यानि डीजीसीए का ग्रेड़ बढ़ाकर प्रथम श्रेणी का दर्जा दे दिया है। फॉक्स के नेतृत्व में इस अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ भारतीय नागर विमानन मंत्री राजू के अलावा डीजीसीए डा. प्रभात कुमार और मंत्रालय के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक में विमानन सेवाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी हुई। बैठक के दौरान भारत में नागर विमानन क्षेत्र के विकास के बारे में एक प्रस्तुति पेश की गई, जिसमें उन क्षेत्रों की पहचान को इंगित किया गया, जिनमें साझेदारी, तकनीकी सहयोग और 'मेक इन इंडिया' की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। बैठक में बुनियादी ढांचा विकास, वायु सुरक्षा, विमानन सुरक्षा, कौशल विकास, एमआरओ, राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय और विमानों के निर्माण में सहयोग के अवसरों के बारे में विचार विमर्श किया गया। दोनों पक्षों ने भारत व अमेरिका के बीच संयुक्त कार्यदल की स्थापना करके लाभकारी संबंध स्थापित करने पर सहमति बनाई। अमरीकी प्रतिनिधिमंडल में विमानन और अंतर्राष्ट्रीय मामलों की सहायक मंत्री सुश्री सूसन कुरलैंड और अमरीकी व्यापार और विकास एजेंसी यानि यूएसटीडीए की निदेशक सुश्री लिओकेडिया जाक भी शामिल रही।
क्या है डीजीसीए
भारत में नागर विमानन क्षेत्र में विमानों के परिचालन के नियमों को लागू करने के लिए एक प्रमुख नियामक संगठन के रूप में नागर विमानन महानिदेशालय यानि डीजीसीए अपनी जिम्मेदारी निभाता आ रहा है। यह संगठन विमान अधिनियम-1937 के प्रावधानों के तहत देश के भीतर और देश से बाहर विमान यातायात सेवाओं का नियमन तय करता है। डीजीसीए को देश से बाहर हवाई यातायाता के निर्धारण के लिए अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौते करने की शक्ति भी प्रदान है। विमान चालकों, विमान रखरखाव इंजीनियरों और उड़ान इंजीनियरों के अलावा हवाई अड्डों और विमान वाहकों को लाइसेंस भी डीजीसीए से ही जारी होते हैं। वहीं यह संगठन नागरिक विमानों का पंजीकरण करने और भारत में विमानों के पंजीकरण में उड़ान योग्य आवश्यकताओं के बाद उपयुक्त विमानों को प्रमाणपत्र जारी करने की जिम्मेदारी भी निभाता है। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए डीजीसीए की जिम्मेदारी अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठनों से संबद्ध कार्यों में समन्वय स्थापित करना भी है। उड़ान तथा ग्लाइडिंग क्लबों की प्रशिक्षण गतिविधियों पर निगरानी रखने के साथ डीजीसीए उड़ान के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं की जांच और सरकार द्वारा नियुक्त न्यायालय या जांच समितियों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने का काम भी करता है। इसके अलावा डीजीसीए का काम शिकागो संघि और उसके अन्य प्रावधानों तथा विमानन संबंधी अन्य अंतर्राष्ट्रीय समझौतों को देश में लागू करने की दिशा में विमानन संबंधी अन्य कानूनों में संशोधन करना है।
मोदी की कवायद
नागर विमानन मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच अमेरिका और भारत में हुई अनेक बैठÞकों के दौरान विमानन क्षेत्र में विकास को बढ़ाने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी। मोदी व ओबामा के बीच विमानन सेवा के क्षेत्र में डीजीसीए की भूमिका को भी सराहया गया था। उन्होंने विमानन क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई लागू करने के साथ भारतीय विमानन सेवा को विश्वस्तरीय बनाने का संकल्प किया था। मेक इन इंडिया जैसे मिशन पर विमानन क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संघीय विमानन प्रशासन ने भारत में बढ़ते विमानन विकास को देखते हुए डीजीसीए को प्रथम श्रेणी का दर्जा दिया है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी की कवायद का नतीजा माना जा रहा है।
09Apr-2015

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें