शनिवार, 11 अप्रैल 2015

अंतर्राष्ट्रीय मानकों से होगी सड़क सुरक्षा

जल्द पारित होगा सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक
केंद्र ने किया राज्यों के साथ विचार विमर्श
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में सड़कों पर दुर्घटनाओं में इंसान की जिंदगी बचाने की कवायद में जुटी केंद्र सरकार सख्त कानून बनाने की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों पर मंथन कर रही है। राज्यों के साथ विचार विमर्श करके सरकार ने सड़क परिवहन व सुरक्षा विधेयक के मसौदे को अंतिम रूप देने का निर्णय लिया है। सरकार का इरादा संसद के मौजूदा बजट सत्र में ही इस विधेयक को पारित कराने का है।
केंद्र सरकार ने पुराने मोटर वाहन कानून की जगह नया सड़क परिवहन व सुरक्षा कानून लागू करने की कवायद को संसद के मौजूदा सत्र में ही अंजाम तक पहुंचाने का इरादा किया है। सरकार का लक्ष्य है कि संयुक्त राष्ट्र के कार्य दशक में वर्ष 2020 तक देश में सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाई जाए। इसके लिए इस लक्ष्य में राज्यों के साथ समन्वय करके नये कानून को लागू किया जाना जरूरी है। गौरतलब है कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा सड़कों पर दुर्घटनाओं में होने वाली मौत के मामले में भारत पहले पायदान पर है। सरकार इन मौतों को कम से कम करने के लिए यातायात के सख्त कानूनों को लागू करने के इरादे से सड़क सुरक्षा विधेयक का मसौदा तैयार करने में जुटी हुई है। इस विधेयक में केंद्र सरकार ने छह विकसित देशों अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर, जापान, जर्मनी और ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा मानकों को शामिल करने का निर्णय लिया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव विजय छिब्बर के अनुसार राज्यों में तभी वास्तविक कार्य होगा जब संयुक्त राष्ट्र के कार्य दशक के अंतर्गत तय लक्ष्यों को हासिल करने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने का एजेंडा तेजी से आगे बढ़ेगा।
राज्यों के साथ विचार विमर्श
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सचिव विजय छिब्बर ने शुक्रवार को राज्य सरकारों की अखिल भारतीय सड़क सुरक्षा और राज्यों के परिवहन विभाग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय सड़क फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से मंथन करने का मकसद सड़क सुरक्षा के संबंध में राज्य सरकारों द्वारा किए गए विभिन्न उपायों के मूल्यांकन और उन्हें मंत्रालय से संभावित सहायता की प्रकृति को समझना। उन्होंने राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से कहा कि वे लोगों की जान बचाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सड़क अभियांत्रिकी की शिक्षा की दिशा में कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़ी प्रमुख समस्याओं को दूर करने के लिए सिविल सोसाइटी को शामिल किया जाना चाहिए। बैठक के दौरान राज्यों में वर्तमान सड़क सुरक्षा परिदृश्य, कमियों को देखने वाले तथा इन समस्याओं का हल ढूंढने का प्रयास कर रहे प्रतिनिधियों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी।
अंतिम चरण में है मसौदा
राज्यों के परिवहन प्रतिनिधियों को सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव विजय छिब्बर ने बैठक के दौरान का कि केन्द्र सरकार का प्रस्तावित सड़क सुरक्षा विधेयक का मसौदा अंतिम चरण में है, जो कानूनी प्रावधान की जांच पड़ताल के लए विधि मंत्रालय के विधायी विभाग के पास है। यह भी उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रस्तावित मसौदे को केंद्रीय मंत्रिमंडल को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, ताकि 20 अप्रैल से शुरू होने वाले संसद में बजट सत्र के अगले चरण में इसे पेश करके संसद की मंजूरी हासिल की जा सके। यह विधेयक मौजूदा मोटर वाहन कानून का स्थान लेगा।
11Apr

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