शनिवार, 4 अप्रैल 2015

..तो एयर इंडिया के बेड़े से हटेंगे पुराने विमान!

-अगले साल तक आ जाएंगे सात और ड्रीमलाइनर
-विश्वस्तरीय सेवाओं के लिए जुड़ रहे 111 जहाज
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली
निजी विमानन सेवाओं से मुकाबला करने के लिए एयर इंडिया अब अपने बेड़े से पुराने विमान हटाने की तैयारी कर रही है। यात्रियों को विशिष्ट अनुभव प्रदान करने के लिए खरीदे गए सात और ड्रीमलाइन अगले साल तक आ जाएंगे। हालांकि शुरूआती दिनों में बोइंग ड्रीमलाइनर 787 भारत के लिए कुछ सुखद अनुभूति नहीं लेकर आया था। ड्रीमलाइनर के एयरफ्रेम, सॉμटवेयर और विंडशील्ड में क्रैक की लगातार आ रही लगातार आ रही शिकायतों ने एयर-एक्सपसर्टस की नींदें उड़ा दी थीं। भारत सरकार से करार के विपरीत ड्रीमलाइनर का कुल वजन सात टन ज्यादा पाकर 2008-06 में दिए गए 27 विमानों का सौदा विवादों में घिर गया था। बाद में करार के अनुरूप ड्रीमलाइनर की आपूर्ति सुनिश्चित करने के भरोसे के बाद इसी श्रृंखला में पहला विमान सितंबर 2012 में भारतीय एयरस्ट्रिप पर नमूदार हुआ था।
नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2005-06 में इंडियन एयर लाइंस का एयर इंडिया में विलय करने के बाद भारतीय विमान सेवाओं को विश्वस्तरीय बनाने की कवायद में 27 ड्रीमलाइनर समेत कुल 111 अत्याधुनिक विमानों की खरीद के लिए आर्डर दिये थे, जिनमें 27 बी-787 बोइंग विमान ड्रीमलाइनर भी शामिल थे। फिलहाल एयर इंडिया के बेड़े में 20 ड्रीमलाइनर विमानों समेत 101 विमानों को शामिल किया जा चुका है। ड्रीमलाइनर विमानों के अलावा एयर इंडिया ने आठ बी-777-200एलआर, 15 बी-777-300ईआर, 18 बी-737, चार ए-320, 19 ए-319 तथा 20 ए-321 विमानों की खरीद के लिए आर्डर दिया था। इनमें से अभी सात बी-787 ड्रीमलाइनर तथा तीन बी-777-300 ईआर विमानों को एयर इंडिया के बेड़े में आना बाकी है। एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक रोहित नंदन बीसवें ड्रीमलाइनर मिलने के दौरान कह चुके हैं कि बाकी विमानों को अगले वर्ष यानि 2016 तक कंपनी अपने बेड़े में शामिल कर लेगी। नागर विमानन मंत्रालय का दावा है कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान एयर इंडिया को हो रहे घाटे को पाटने में भी किफायदी साबित हो रहे हैं। खासकर र्इंधन और लम्बे सफर के लिये ज्यादा उपयुक्त नजर आ रहे हैं। जबकि बी-777-200एलआर विमानों से एयर इंडिया को र्इंधन व लंबे मार्गो के परिचालन में किफायती साबित नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए बेड़े में शामिल आठ में से पांच को हटाकर उनकी बिक्री कर चुकी है।
तीन साल में पूरी होगी प्रक्रिया
नागर विमानन मंत्रालय के मुताबिक एयर इंडिया को आर्थिक रूप से मजबूत करने और सुरक्षित हवाई सेवा को विश्वसनीय बनाने की दिशा में नए और अत्याधुनिक विमानों को शामिल करने के सिलसिले के साथ ही बेड़े में शामिल पुराने यानि अप्रयोज्य विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की नीति पर भी कार्य किया जा रहा है। हालांकि ऐसे पुराने विमानों को हटाने के लिए कोई समय-सीमा डीजीसीए ने अभी निर्धारित नहीं की है। डीजीसीए डा. प्रभात कुमार के अनुसार एयर इंडिया ही नहीं अन्य भारतीय विमानन कंपनियों के विमानों की प्रचालन क्षमता को भी सुरक्षित बनाने के लिए यह प्रावधान अपनाया जा रहा है। डीजीसीए के सूत्रों के अनुसार देश में विमानों के आयात करने के लिए उनकी आयु के लिए एक प्रावधान लागू किया गया है, जिसमें 15 वर्ष से अधिक आयु वाले दबावयुक्त तथा 20 वर्ष से ज्यादा दबाव रहित विमानों को अनुसूचित, गैर-अनुसूचित तथा सामान्य विमानन उद्देश्यों के लिए आयात करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। डीजीसीए से स्पष्ट कर दिया है कि नियमानुसार उड़ान प्रशिक्षण संगठनों के लिए विनिर्माण वर्ष से लेकर 30 वर्ष से अधिक आयु वाले विमानों का उड़ान प्रशिक्षण गतिविधियों के लिए किसी भी कीमत पर उपयोग नहीं किया जाएगा। इसलिए निर्देश जारी किये जा चुके हैं कि तीन साल के भीतर या 31 जनवरी 2018 तक चरणबद्ध रूप से विमानों को बेड़े से हटाना होगा।
खरीद सौदों पर कैग सख्त
देश में नागर विमानन क्षेत्र के इस कार्य के निष्पादन पर आठ सितंबर 2011को संसद में पेश हुई कैग रिपोर्ट में एयर इंडिया में खरीद के आर्डर के बावजूद विमानों की आमद में विलंब का मुद्दा प्रमुख रूप से शामिल रहा था। कैग की रिपोर्ट की जांच में संसद की लोकलेखा समिति यानि पीएसी ने नागर विमानन के निष्पादन पर हुई कार्रवाही की रिपोर्ट तलब की, जिसे नागर विमानन मंत्रालय ने इसी साल आठ जनवरी को पीएसी के सुपुर्द किया। इसलिए यह मामला अभी पीएसी के पास विचाराधीन है। दरअसल नए बोइंग विमानों की खरीद के लिए एयर इंडिया ने अमेरिकी कंपनी से सौदा किया था, जिसमें विलंब के कारण एयर इंडिया को ड्रीमलाइनर और अन्य विमानों पर ऊंची वित्तीय लागत चुकानी पड़ी है और कैग रिपोर्ट के अनुसार एयर इंडिया को आर्थिक नुकसान को सहना पड़ा है, इन्हीं कारणों पर पीएसी ने नागर विमानन मंत्रालय की कार्रवाही की रिपोर्ट तलब करके कैग रिपोर्ट की जांच की है। मंत्रालय के अनुसार इस जांच रिपोर्ट का विमानों की खरीद और उनकी आमद या बिक्री प्रभावित नहीं होगी।
04Apr-2015

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