बुधवार, 15 अप्रैल 2015

नए दल की अगुवाई करेंगे मुलायम!

-शरद यादव हो सकते हैं पार्टी के संयोजक
जनता परिवार में एकजुट हुए दलों की बैठक आज
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
आखिर जनता परिवार के बिखरे दलों एकजुटता सियासी पटरी पर आ गई है। मुलायम सिंह यादव की अगुवाई में कल बुधवार को छह दलों के विलय से एक नए राजनीतिक दल का ऐलान होने जा रहा है, जिसकी आपसी सहमति से पूरी पटकथा लिखी जा चुकी है। ए जा रहे एक संयुक्त राजनीतिक दल का ऐलान हो जाएगा।
संसद के 20 अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र में मजबूत विपक्ष की भूमिका के रूप में एक नई पार्टी के साथ आने की तैयारी में जनता परिवार के छह दलों सपा, राजद, जद-यू, जद-एस, सजपा और इनेलो का विलय हो चुका है। इस विलय की लिखी जा चुकी पटकथा के पन्ने बुधवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर होने वाली जनता परिवार के दलों की बैठक के बाद खुलना तय माना जा रहा है। इस बैठक के बाद गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी एक नए सियासी दल की इमारत सबके सामने आने की संभावना है। जदयू के महासचिव केसी त्यागी के अनुसार सभी छह दलों की आम सहमति से विलय के बाद एक संयुक्त राजनीतिक दल और उसके झंडे व चुनाव चिन्ह भी तय कर लिया गया है, लेकिन इसका खुलासा इस कवायद में बुधवार को होने वाली अंतिम बैठके के बाद ही किया जाएगा। हालांकि सूत्रों की माने तो जनता परिवार का नया सियासी दल ‘समाजवादी जनता पार्टी’ या ‘समाजवादी जनता दल’ हो सकता है, जिसके लिए पिछले छह माह से माथापच्ची चलती आ रही है। जहां तक चुनाव चिन्ह का सवाल है उसमें सपा के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर सहमति बनाई जा चुकी है। चूंकि सभी राजनीतिक दल समाजवादी विचार धारा से जुड़े हुए हैं इसलिए उसी विचार धारा को भविष्य की राजनीति में आगे बढ़ाने की तैयारी में हैं। मुलायम सिंह की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सपा महासचिव रामगोपाल यादव, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, जदयू प्रमुख शरद यादव व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू महासचिव केसी त्यागी, जद-एस प्रमुख एचडी देवगौड़ा, सजपा प्रमुख कमल मोरारका और इनेलोद नेता दुष्यंत चौटाला प्रमुख रूप से हिस्सा लेंगे।
ये हो सकता है दल का स्वरूप
इस नए राजनीतिक दल के गठन के बाद संसद के दोनों सदनों के नेताओं और पार्टी कार्यकारिणी की रूप रेखा भी तैयार हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार लोकसभा में मुलायम सिंह यादव और राज्यसभा में शरद यादव इस पार्टी के नेता होंगे। जब कि नए दल के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और संयोजक शरद यादव हो सकते हैं। महासचिव के पद पर जदयू के केसी त्यागी, सपा के प्रो. राम गोपाल यादव, जद-एस के दानिश अली, राजद के जयप्रकाश नारायण यादव, तथा इनेलो के दुष्यंत चौटला की चर्चा है। वहीं राजद की राबड़ी देवी और सजपा के कमल मोरारका को उपाध्यक्ष का पद दिया जा सकता है। जनता परिवार के विलय की सुगबुगाहट पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के बाद से ही शुरू हो गई थी जब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को चुनाव में जबर्दस्त जीत मिली थी और बिहार में जदयू और राजद तथा उत्तर प्रदेश में सपा और हरियाणा में इनेलोद को करारी पराजय का सामना करना पड़ा था।
बिहार के साथ यूपी पर नजरें
लोकसभा चुनाव से सबक लेते हुए भाजपा व कांग्रेस से अलग एक अलग विकल्प बनाकर जनता परिवार के इन दलो की नजरें एक संयुक्त दल बनाकर इस साल बिहार और 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में सियासी जमीन मजबूत कर फतेह करने पर हैं। वहीं इस एकजुटता को परवान चढ़ाने का मकसद मोदी व भाजपा के विजय रथ को रोकना और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना भी है। जनता परिवार के नेता पहले विलय को अंजाम देने और बाद में इसमें अन्य दलों को जोड़ने का अभियान भी चलाने का इरादा कर रहे हैं, जिसमें रालोद, तृणमूल कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों से भी बातचीत को दौर चल रहा है।
15Apr-2015

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