बुधवार, 8 अप्रैल 2015

छग समेत आठ राज्यों की जेलों को 609 करोड़

जेल सुधार में होगा मानवाधिकार आयोग की सिफारिशों पर विचार
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
जेल प्रशासनिक सुधार की दिशा में केंद्रीय सहायता के अलावा छत्तीसगढ़ समेत आठ राज्यों को तेरहवें वित्तीय आयोग द्वारा 609 करोड़ जारी किये गये हैं। मसलन पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से जेलों के सुधार की कवायद में जुटी केंद्र सरकार देश में विभिन्न राज्यों की शिथिलता को लेकर ज्यादा चिंतित है। इसके अलावा सरकार के पास जेलो में सुधार के लिए राष्टÑीय मानवाधिकार आयोग की 52 सिफारिश लंबित है जिन पर केंद्र सरकार विचार कर रही है।
केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद दिसंबर में जेल सुधार के लिए राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा एक राष्‍ट्रीय सम्मेलन के दौरान सभी राज्यों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें आयोग द्वारा जेल प्रशासनिक सुधार की दिशा में 52 सिफारिशें की थी। इन सिफारिशों में मॉडल जेल मैनुअल-2003 को समुचित रूप से संशोधित करना भी शामिल था, जिसके लिए केंद्र सरकार पहले से ही एक समिति गठित कर चुकी है। गृहमंत्रालय के मुताबिक 2002-09 की सात वर्षीय योजना के तहत देश के 27 राज्यों को 1347.17 करोड़ की निधियां जारी कर चुकी है। इसके अलावा तेरहवें वित्तीय आयोग ने भी आठ राज्यों को अलग से 609 करोड़ की धनराशि जारी की है, जिसमें छत्तीसगढ़ को 150 करोड़, आंध्र प्रदेश को 90 करोड़, अरुणाचल को दस करोड़, केरल को 154 करोड़, महाराष्टÑ को 60 करोड़, मिजोरम को 30 करोड़, ओडिसा को 100 करोड़ तथा त्रिपुरा को 15 करोड़ रुपये की निधि शमिल है। इसके बावजूद केंद्र सरकार की चिंता इसलिए भी बढ़ जाती है कि अरुणाचल प्रदेश, अंडमान एवं निकोबार, बिहार, गोवा,केरल और सिक्किम राज्यों के अलावा किसी अन्य राज्य ने केंद्र सरकार के मॉडल जेल मैनुअल-2003 को अंगीकार करने का प्रयास ही नहीं किया। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार निरंतर राज्यों को अपने-अपने जेल मैनुअल में सुधार करने के लिए दिशा निर्देश व सुझाव भी जारी करती आ रही है।
जेल सुधार के कारक
चौदहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक जेलों के आधुनिकीकरण और जेल प्रशासनिक सुधार के लिए राज्यों के पास प्रयाप्त निधियां हैं, जिनसे सुधार किया जा सकता है। केंद्र सरकार के मुताबिक केंद्र से जारी राज्यों को सात वर्षीय योजना के तहत जारी निधियों से अभी तक राज्य सरकारों द्वारा 127 नए कारागार, मौजूदा कारागारों में 1579 अतिरिक्त बैरकों और 8658 स्टाफ क्वार्टरों का निर्माण किया गया है। जबकि राष्टÑीय मानवाधिकार आयोग की सिफारिशों में जेल सुधार के लिए प्रमुख रूप से अवधारणा, समीक्षा, विधायी कार्रवाई, भीड़भाड, विदेशी राष्टÑीयता वाले कैदी, महिला कैदी, जेल प्रशासन, कौशल का विकास तथा क्षमता संवर्धन, कैदियों के स्वास्थ्य की देखभाल, स्वच्छता और शुद्ध पेयजल, पर्यावरणीय मुद्दे, पुनर्वास, गैर सरकरी संगठन और सामाजिक कार्यकर्ताओं से संबन्धित 52 सिफारिशें की गई हैं।
08Apr-2015


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