सोमवार, 20 अप्रैल 2015

भूमि समेत कई मुद्दों पर हंगामे के आसार!



संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से
विपक्षी दलों ने की सरकार को घेरने को तैयारी
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो रहा है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल खासकर भूमि अधिग्रहण विधेयक के मुद्दे पर सरकार को पहले से ही घेरे हुए हैं, इसके अलावा विपक्षी दलों के हाथ कई ऐसे मुद्दे भी लग चुके हैं, जिन पर संसद में मोदी सरकार विपक्षी दलों के हंगामे का सामना करना पड़ सकता है।
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण एक माह बाद कल सोमवार से शुरू होगा, जिसमें लोकसभा की बैठक में कांग्रेस सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण पर लाये गये दूसरे अध्यादेश का विरोध करने के लिए पहले ही तैयारी कर चुकी है। वहीं कांग्रेस को इस मुद्दे पर जनता परिवार के विलय से छह दलों की एकजुट हुई ताकत और अन्य विपक्षी दलों का साथ मिलने की पूरी संभावना है। यही नहीं भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के अलावा बेमौसम बारिश में किसानों के नुकसान की भरपाई, जम्मू-कश्मीर, नक्सली हमलों और तृणमूल कांग्रेस की मुख्यमंत्री पर शारदा चिटफंड के मुद्दे पर सीबीआई का शिकंजा कसने जैसे कई मुद्दे विपक्षी दलों के लिए मोदी सरकार की संसद में घेराबंदी करने के लिए काफी हैं। हालांकि विपक्षी दल सबसे पहले भूमि अध्यादेश को दोबारा लाने की जल्दबाजी पर सबसे पहले सवाल खड़े करेगी। कांग्रेस ने तो रविवार को किसान-खेत मजदूर रैली करके पहले ही सरकार को घेरने के संकेत दे दिये हैं। इसलिए संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले ही दिन हंगामे के आसार बने हुए हैं। हालांकि केंद्र सरकार भी सोमवार को संसद में विपक्षी दलों के हमलों का माकूल जवाब देने के लिए अपनी रणनीति के साथ पूरी तैयारी कर चुकी है। इसके संकेत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा सांसदों की कार्यशाला में हुए अपने भाषण में दे दिये हैं। जनता परिवार के सूत्रों की माने तो एकजुट हुए ये छह दल बिहार को दिये गये पैकेज पर सवाल उठाते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठा सकते हैं।
आज का एजेंडा
सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के इस चरण में पहले ही दिन सरकार के सामने विधायी कार्यो समेत भारी भरकम कामकाज निपटाने का एजेंडा है। लोकसभा में सोमवार की कार्यसूची में प्रश्नकाल के बाद ही केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी तीन अप्रैल को राष्टÑपति द्वारा दी गई मंजूरी के बाद लागू भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की प्रतियां सदन के पटल पर रखेंगे। यहीं से सदन में हंगामा शुरू होने के आसार बन सकते हैं। हालांकि सरकार ने विधायी कार्यो के तहत सूक्ष्म, लघु और मझौले एंटरप्राइजेज विकास (संशोधन) विधेयक-2015 शामिल किया है, जिसे केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र पेश करेंगे। इसके अलावा लगभग 28 आवश्यक ऐसे दस्तावेज हैं जिन्हें सदन के पटल पर रखा जाना है। कार्यसूची में रेलवे, रसायन और उर्वरक, पेयजल और स्वच्छता पर अनुदान मांगो पर संसदीय स्थायी समिति के प्रतिवेदन भी सदन में पेश किये जाने हैं। इसके अलावा नियम 193 के तहत गत 18 मार्च को अधूरी रही कृषि पर चर्चा को आगे बढ़ाया जाएगा। इसी प्रकार नियम 377 के तहत सांसदों को महत्वपूर्ण मुद्दे उठाना भी इस कार्यसूची में शामिल हैं।
20ASpr-2015

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