गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

राज्यसभा का सत्र : भूमि समेत कई मुद्दों पर सरकार व विपक्ष आमने सामने

हंगामेदार शुरूआत होने की संभावना
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
राज्यसभा का सत्र कल गुरुवार से शुरू हो रहा है, जिसमें भूमि अधिग्रहण समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विपक्षी दलों लामबंदी सरकार को आक्रमकता के साथ घेरने की है। सरकार भी विपक्ष के हमलों का माकूल जवाब देने की रणनीति के साथ सदन में आने की तैयारी कर चुकी है। इसके बावजूद उच्च सदन में पहले ही दिन सरकार की घेराबंदी करने के लिए विपक्ष के हंगामे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
उच्च सदन में संख्याबल के लिहाज से विपक्षी दलों की एकजुटता सरकार पर भारी है, इसलिए भूमि अधिग्रहण और अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के लिए सरकार के सामने बड़ी चुनौती मानी जा रही है। 23 अप्रैल से 13 मई तक चलने वाले राज्यसभा के 235वें सत्र में खासकर भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर कांग्रेस की अगुवाई में पहले से ही लगभग समूचा विपक्ष सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुका है। माना जा रहा है कि कल गुरुवार को उच्च सदन की बैठक में पहले ही दिन विपक्षी दल भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध के साथ-साथ बुधवार को जंतर-मंतर पर आप की किसान रैली में एक किसान द्वारा आत्महत्या करने के मामले को भी उठाएगी। वहीं लोकसभा की बैठक की तर्ज पर सत्तापक्ष के मंत्रियों और राजग के सहयोगी दलों द्वारा विवादित बयानों पर भी विपक्ष हंगामा करने से चूकने वाला नहीं है। मुस्लिमों के प्रति परिवार नियोजन और उनके मताधिकार को छीनने वाले बयान देने वाली शिवसेना पर निशाना साधते हुए सरकार को घेरने की रणनीति विपक्ष बना चुका है। इसका कारण है कि शिवसेना के संजय राउत राज्यसभा के ही सांसद है। लोकसभा में बजट सत्र के दूसरे चरण में पहले ही दिन विपक्ष ने सरकार द्वारा ािफर से लाए गये भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का जोरदार तरीके से विरोध करते हुए हंगामा किया। राज्यसभा में भी पहले दिन विपक्ष की लामबंदी और सरकार के कमजोर संख्याबल का लाभ उठाकर भूमि अधिग्रहण समेत कई अनेक मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा करने की संभावना बनी हुई हैं। सरकार को उच्च सदन में घेरने के लिए विपक्ष के पास कई और भी मुद्दे हैं, लेकिन सरकार भी विपक्ष की चुनौतियों का सामने करने के लिए पूरी रणनीति के साथ सदन में आने की तैयारी कर चुकी है।
महत्वपूर्ण मुद्दो पर होगी चर्चा
संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार राज्यसभा का सत्र 13 मई तक चलेगा, जिसमें 13 बैठकें तय की गई हैं। बजट सत्र के पहले भाग के तहत शुरू हुए राज्यसभा का 234वे सत्र 20 मार्च 2015 को स्थगित कर दिया गया था और फिर संसदीय मामलों पर कैबिनेट समिति की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए इसका सत्रावसान कर दिया गया था। उच्च सदन में होने वाली बैठकों में रेलवे की अनुदान मांगों एवं 2015-16 के आम बजट पर चर्चा और प्रासंगिक विनियोग व वित्त विधेयकों को पारित किया जाना सरकार के मुख्य एजेंडे में शामिल है। इसी तरह पांच मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा किया जाना भी इस सत्र के प्रमुख एजेंडे में शामिल है। इस दौरान जिन मंत्रालयों के कामकाज पर चचार्एं होंगी, उनमें विदेश, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, विधि एवं न्याय, सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण और सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यम मंत्रालय शामिल हैं।
बजट सत्र का हिस्सा नहीं
गौरतलब है कि बजट सत्र के पहले चरण में 20 मार्च को स्थगित हुए राज्यसभा के 234वें सत्र का सत्रावसान कराने के बाद ही सरकार फिर से भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लेकर आई थी, जिसके पहले अध्यादेश की मियाद 5 अप्रैल को समाप्त होने से पहले दूसरा अध्यादेश लाना पड़ा। संविधान में नियम के अनुसार सत्र के दौरान सरकार कोई अध्यादेश नहीं ला सकती, जिसके कारण राज्यसभा के सत्र का सत्रावसान कराना पड़ा था। चूंकि दिसंबर में लाए गये पहले भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लोकसभा में विधेयक के रूप में पारित होने के बावजूद राज्यसभा में लटक गया था, इसलिए सरकार को दूसरा अध्यादेश लाना पड़ा। अब उच्च सदन का यह सत्र नए सिरे से शुरू माना जाएगा।
23Apr-2015

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