शनिवार, 1 फ़रवरी 2014

राजनीति से संन्यास लेंगे अजित सिंह!

जयंत चौधरी ने लिया दादा की विरासत संभालने का संकल्प
ओ.पी.पाल. आगरा।

लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए आगरा की संकल्प रैली में फूंके गये चुनावी बिगुल में राष्ट्रीय लोकदल ने जहां अपनी राजनीतिक जमीन का विस्तार पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बढाकर समूचे सूबे तक करने का सपना देखा है वहीं रालोद के सुप्रीमो केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह के  राजनीतिक संन्यास की ओर भी संकेत कर दिया है। रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह के सुपुत्र जयंत चौधरी ने अपने दादा स्व. चौधरी चरण सिंह की विरासत को संभालने का ऐलान इसी रैली में कर दिया। माना जा रहा है कि जयंत चौधरी का यह ऐलान संकेत है कि चौधरी अजीत सिंह को राजनीतिक संन्यास पर भेजा जा सकता है।
राष्ट्रीय लोकदल की लोकसभा तैयारियों के मद्देनजर आगरा में हुई संकल्प रैली में केंद्रीय मंत्री एवं रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह जहां मुजफ्फरनगर दंगों को सांप्रदायिक नहीं राजनीतिक दंगें करार देते नजर आए वहीं उनके सांसद पुत्र एवं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयंत चौधरी कुछ ज्यादा गरजे, जिन्होंने अपने दादा स्व. चौधरी चरणसिंह की विचारधाराओं को उकेरकर इस बात के संकेत दिये कि जब मुलायम सिंह यादव के सुपुत्र अखिलेश यादव यूपी की सत्ता संभाल सकते हैं तो वे क्यों नहीं? इसके लिए आगरा की रैली के इस मंच से ज्यादातर पार्टी वक्ताओं ने युवा चेहरे के रूप में जयंत चौधरी को इस राजनीतिक क्षमता की तराजू में आंकने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। तभी तो जयंत चौधरी ने मंच से इस बात का संकल्प लिया कि अपने दादा चौधरी चरण सिंह की विरासत को वह संभालेंगे, लेकिन इसके लिए उनके अनुयायियों का साथ चाहिए, ताकि यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में वे चौधरी चरण सिंह की विचारधारा को सामने ला सकें। बेटे के इस संकल्प की पुष्टि स्वयं रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने करते हुए कहा कि यूपी में सपा और उसके बाद बसपा और फिर सपा जैसे विकल्प के मिथक को तोड़ना जरूरी है और चौधरी चरण सिंह की नीतियों को आगे बढ़ाने की जरूरत है। रालोद की ऐसी रणनीतियों से राजनीतिक गलियारों में ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि जब चौधरी चरण सिंह की विरासत जयंत चौधरी संभाल रहे हैं तो रालोद प्रमख चौधरी अजित सिंह राजनीतिक संन्यास का संकेत दे रहे हैं। रिटायरमेंट का संकेत चौधरी अजित सिंह ने गत 27 जनवरी को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भी दिया था, लेकिन इस बारे में केवल इतना कह गये थे कि वे आप देखेंगे कि मैं तो रिटायर होने वाला हूं, जिसे बाद में वे स्पष्ट नहीं कर पाए।
चारू के बढ़े कदम
रालोद की रैलियों में पहली बार मेरठ में चौधरी चरण सिंह की जयंती पर हुई संकल्प रैली में रालोद प्रमुख की पुत्रवधु और जयंत चौधरी की धर्मपत्नी श्रीमती चारू चौधरी साइड मंच पर दिखाई दी थी। ठीक उसी तरह से आगरा में भी अजित और जयंत चौधरी के साथ चुनावी शंखनाद के लिए आयोजित संकल्प रैली में भी चारू चौधरी नजर आई। यहां पत्रकारों से पूछे जाने पर चारू चौधरी ने कहा कि उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अपने परिवार व पार्टी को मजबूत करने में वे पीछे नहीं रहेंगी। चारू का रालोद की रैलियों में आने से भी संकेत मिलता है कि रालोद को राजनीति में बनाए रखने के लिए वे एक दिन राजनीति के मंच पर गरजती नजर आ सकती हैं। इससे ऐसा भी माना जा सकता है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की तरह बेटे अखिलेश को सत्ता सौंपने के बाद अपनी पुत्रवधु डिंपल यादव को राजनीति में सक्रिय कर दिया और उसी तर्ज पर रालोद की राह भी नजर आ रही है।
01Feb-2014

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